रायपुर: AIIMS में किडनी ट्रांप्लान्ट के लिए दो अलग अलग ऑपरेशन थियेटर की भी व्यवस्था की गई है. Kidney transplant in chhattisgarh जहां एक ओटी में किडनी देने वाला का उपचार होगा. वहीं दूसरे में किडनी लेने वाले का ऑपरेशन किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक इस पूरी प्रक्रिया में 4 लाख का खर्चा आएगा. यह फीस आयुष्मान कार्ड से कटेगी. kidney transplant in government hospital यदि किसी के पास आयुष्मान कार्ड नहीं भी है तो शासकीय मूल्यों पर जो कि बेहद कम होगा मरीज का इलाज किया जाएगा. raipur news update इस ट्रांसप्लांट के बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए रायपुर AIIMS के डायरेक्टर नितिन एम नागरकर से बात की गई.
सवाल: इस किडनी ट्रांसप्लांट को शुरू करने के लिए कितने दिनों से आप लोगों को मशक्कत करनी पड़ी?
जवाब: यूरोलॉजी व नेफ्रोलॉजी विभाग द्वारा कारीबन्न 2 से 3 साल से ही किडनी ट्रांसप्लांट की सर्विस शुरू करवाने के लिए हम कोशिश कर रहे थे. बाकी अन्य ब्रेन सर्विस हार्ट सर्विस व अन्य इलाज भी काफी सालों से एम्स द्वारा लोगों को दिया जा रहा है. कोविड के सिक मरीजों को भी बेहतर इलाज दिया गया.
सवाल: कितने समय से ये सर्विस आपने शुरू की?
जवाब: पिछले हफ्ते से ही ये सर्विस लोगों को देना शुरू किया जा चुका है वहीं दो लोगों को ट्रांसप्लांट भी किया गया है. साथ ही लखनऊ की विशेष टीम भी रायपुर टीम के साथ जुड़कर काम कर रही है.
सवाल: निजी अस्पतालों में किड़नी ट्रांसप्लांट महंगा होने की वजह से आर्थिक रूप से कमजोर लोग ट्रांप्लान्ट नहीं करवा पाते तो एम्स में इस इलाज हेतु फीस में कितनी छूट दी जाएगी ?
जवाब: ये बात बिल्कुल सत्य है कि यह प्रक्रिया बेहद खर्चीली होती है. डायलिसिस में ही काफी खर्चा आ जाता है. इन्ही कारणों को मुख्यतः से रखते हुए एम्स ने आयुष्मान कार्ड के जरिए मुफ्त में ट्रांसप्लांट किया जाएगा. बाकी राज्यों में भी इसकी व्यवस्था की गई है. जिसमें मेडिकल टर्म्स में पेशेंट के फिट होने पर उन्हें इलाज तुरंत मुहैया कराया जाएगा. वहीं हमारी टीम द्वारा कोशिश हमेशा रहेगी कि जितनी जल्दी हो सके सही समय पर मरीजों को उपचार मिल सके.
सवाल: सेटअप के दृष्टिकोण से कितने ओटी ट्रांप्लान्ट मरीजों के लिए तैयार किये गए हैं?
जवाब: दो सेपरेट आईसीयू की व्यवस्था की गई है जहां एक आइसीयू में किडनी निकाली जाएगी और दूसरी आईसीयू में किडनी ट्रांसप्लांट की जाएगी. वहीं एक सेपरेट वार्ड की भी व्यवस्था की गई है.
सवाल: कौन-कौन से विभाग ट्रांसप्लांट करेंगे?
जवाब: काफी सारे विभागों का इसमें योगदान है. यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी और रेडियोलोजी विभाग मिलकर इसमें काम कर रहे हैं.
सवाल: कितने लोगों ने अबतक रजिस्ट्रेशन कराया है?
जवाब: रिकॉर्ड के अनुसार रजिस्ट्रेशन की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है व सारे लीगल प्रोसेस के बाद ही उनका ट्रांप्लान्ट किया जाएगा.
सवाल: मृत व्यक्ति के किडनी को कबतक ट्रांसप्लांट किया जाएगा?
जवाब: कैडीएवरी ट्रांसप्लांट की परमिशन हमे मिल चुकी है.अगर कैडीएवरी ट्रांप्लान्ट अधिक होने की संभावना दिख रही है.