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झीरम घाटी कांड की जांच करेगी छत्तीसगढ़ पुलिस, SC का फैसला आने के बाद छत्तीसगढ़ में सियासत हुई तेज - 25 मई को हुई थी सुकमा में 30 नेताओं की हत्या

झीरम घाटी हत्याकांड पर सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम फैसला सुनाया. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एनआईए की अपील को खारिज कर दिया. अपील खारिज़ होने के बाद अब छत्तीसगढ़ पुलिस झीरम घाटी हत्याकांड की जांच करेगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला छत्तीसगढ़ के लिए न्याय का रास्ता खोलने जैसा है.

NIA appeal rejected
झीरम कांड पर सुप्रीम कोर्ट का सुप्रीम फैसला
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 21, 2023, 4:29 PM IST

Updated : Nov 21, 2023, 10:49 PM IST

झीरम घाटी हत्याकांड

दिल्ली/रायपुर/ बिलासपुर/ राजनांदगांव : झीरम घाटी कांड पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. एससी ने NIA की अपील खारिज कर दी है. अब छत्तीसगढ़ पुलिस झीरम घाटी कांड की जांच करेगी. 25 मई साल 2013 में झीरम घाटी में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के काफिले पर माओवादियों ने हमला किया था. नक्सलियों के हमले में झीरम घाटी में 30 लोगों की मौत हुई थी. घटना के बाद एनआईए को जांच का जिम्मा मिला था. 2020 में जितेंद्र मुदलियार ने षडयंत्र की जांच के लिए एफआईआर दर्ज कराई थी. बीजेपी नेता धरमलाल कौशिक ने कहा था कि जब एनआईए की जांच चल रही है तो पुलिस जांच की क्या जरूरत है.

झीरम कांड पर सुप्रीम फैसला: सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मामले पर सियासत भी तेज हो गई है. खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि, सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला छत्तीसगढ़ के लिए न्याय का दरवाजा खोलने जैसा है. दुनिया के लोकतंत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड था. बघेल ने कहा कि हमने अपने दिग्गज नेताओं सहित 32 लोगों को खोया. एनआईए के अलावा इसकी जांच एक आयोग ने भी की है. सीएम ने ट्वीट में कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने जांच शुरु की तो एनआईए ने जांच रोकने के लिए अदालत का रुख किया, आज रास्ता साफ हो गया है. अब छत्तीसगढ़ पुलिस इसकी जांच करेगी, सब साफ हो जाएगा.

  • झीरम कांड पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का आज का फ़ैसला छत्तीसगढ़ के लिए न्याय का दरवाज़ा खोलने जैसा है।

    झीरम कांड दुनिया के लोकतंत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड था। इसमें हमने दिग्गज कांग्रेस नेताओं सहित 32 लोगों को खोया था।

    कहने को एनआईए ने इसकी जांच की, एक आयोग ने भी जांच की…

    — Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
झीरम कांड पर चढ़ा सियासी पारा

फैसले को महाधिवक्ता ने बताया न्यायसंगत: छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने कहा कि फैसला न्याय संगत है. राज्य सरकार अब अपने हिसाब से जांच कर सकेगी. एनआईए ने पहले छत्तीसगढ़ पुलिस को जांच से रोका था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद झीरम कांड में शहीद हुए उदय मुदलियार के बेटे और याचिकाकर्ता जितेंद्र मुदलियार ने फैसले का स्वागत किया. जितेंद्र ने कहा कि अब न्याय की उम्मीद जगी है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है.

NIA की अपील खारिज़: छत्तीसगढ़ सरकार के एडवोकेट सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि SC की चीफ जस्टिस बेंच ने सुनवाई के दौरान एनआईए की अपील को खारिज किया. एनआईए का कहना था कि पहले मामले की जांच हमने की, इस वजह से अब छत्तीसगढ़ पुलिस इस जांच को नहीं कर सकती. सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता जितेंद्र मुदलियार का कहना था कि हत्याकांड के पीछे जो षडयंत्र था उसकी जांच जानबूझकर एनआईए ने नहीं की. सारे तथ्यों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपील को खारिज कर दिया. जिसके बाद ये साफ हो गया कि अब झीरम कांड की जांच छत्तीसगढ़ पुलिस करेगी.

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झीरम घाटी नक्सली हमले में कांग्रेस के 30 नेता हुए थे शहीद: 25 मई 2013 को सुकमा के झीरम घाटी में कांग्रेस का प्रचार काफिला गुजर रहा था. उस दौरान नक्सलियों ने उनपर ताबड़तोड़ गोलिया बरसाईं. माओवादियों के हमले में उस वक्त के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, बस्तर टाइगर के नाम से जाने जाने वाले महेंद्र कर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 30 नेता शहीद हो गए. सुप्रीम कोर्ट के आज आए फैसले के बाद अब ये साफ हो गया है कि झीरम कांड की जांच छत्तीसगढ़ पुलिस करेगी.

झीरम घाटी हत्याकांड

दिल्ली/रायपुर/ बिलासपुर/ राजनांदगांव : झीरम घाटी कांड पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. एससी ने NIA की अपील खारिज कर दी है. अब छत्तीसगढ़ पुलिस झीरम घाटी कांड की जांच करेगी. 25 मई साल 2013 में झीरम घाटी में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के काफिले पर माओवादियों ने हमला किया था. नक्सलियों के हमले में झीरम घाटी में 30 लोगों की मौत हुई थी. घटना के बाद एनआईए को जांच का जिम्मा मिला था. 2020 में जितेंद्र मुदलियार ने षडयंत्र की जांच के लिए एफआईआर दर्ज कराई थी. बीजेपी नेता धरमलाल कौशिक ने कहा था कि जब एनआईए की जांच चल रही है तो पुलिस जांच की क्या जरूरत है.

झीरम कांड पर सुप्रीम फैसला: सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मामले पर सियासत भी तेज हो गई है. खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि, सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला छत्तीसगढ़ के लिए न्याय का दरवाजा खोलने जैसा है. दुनिया के लोकतंत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड था. बघेल ने कहा कि हमने अपने दिग्गज नेताओं सहित 32 लोगों को खोया. एनआईए के अलावा इसकी जांच एक आयोग ने भी की है. सीएम ने ट्वीट में कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने जांच शुरु की तो एनआईए ने जांच रोकने के लिए अदालत का रुख किया, आज रास्ता साफ हो गया है. अब छत्तीसगढ़ पुलिस इसकी जांच करेगी, सब साफ हो जाएगा.

  • झीरम कांड पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का आज का फ़ैसला छत्तीसगढ़ के लिए न्याय का दरवाज़ा खोलने जैसा है।

    झीरम कांड दुनिया के लोकतंत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड था। इसमें हमने दिग्गज कांग्रेस नेताओं सहित 32 लोगों को खोया था।

    कहने को एनआईए ने इसकी जांच की, एक आयोग ने भी जांच की…

    — Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
झीरम कांड पर चढ़ा सियासी पारा

फैसले को महाधिवक्ता ने बताया न्यायसंगत: छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने कहा कि फैसला न्याय संगत है. राज्य सरकार अब अपने हिसाब से जांच कर सकेगी. एनआईए ने पहले छत्तीसगढ़ पुलिस को जांच से रोका था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद झीरम कांड में शहीद हुए उदय मुदलियार के बेटे और याचिकाकर्ता जितेंद्र मुदलियार ने फैसले का स्वागत किया. जितेंद्र ने कहा कि अब न्याय की उम्मीद जगी है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है.

NIA की अपील खारिज़: छत्तीसगढ़ सरकार के एडवोकेट सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि SC की चीफ जस्टिस बेंच ने सुनवाई के दौरान एनआईए की अपील को खारिज किया. एनआईए का कहना था कि पहले मामले की जांच हमने की, इस वजह से अब छत्तीसगढ़ पुलिस इस जांच को नहीं कर सकती. सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता जितेंद्र मुदलियार का कहना था कि हत्याकांड के पीछे जो षडयंत्र था उसकी जांच जानबूझकर एनआईए ने नहीं की. सारे तथ्यों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपील को खारिज कर दिया. जिसके बाद ये साफ हो गया कि अब झीरम कांड की जांच छत्तीसगढ़ पुलिस करेगी.

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झीरम घाटी नक्सली हमले में कांग्रेस के 30 नेता हुए थे शहीद: 25 मई 2013 को सुकमा के झीरम घाटी में कांग्रेस का प्रचार काफिला गुजर रहा था. उस दौरान नक्सलियों ने उनपर ताबड़तोड़ गोलिया बरसाईं. माओवादियों के हमले में उस वक्त के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, बस्तर टाइगर के नाम से जाने जाने वाले महेंद्र कर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 30 नेता शहीद हो गए. सुप्रीम कोर्ट के आज आए फैसले के बाद अब ये साफ हो गया है कि झीरम कांड की जांच छत्तीसगढ़ पुलिस करेगी.

Last Updated : Nov 21, 2023, 10:49 PM IST
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