रायपुर: छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के विधायक देवव्रत सिंह के कांग्रेस प्रवेश के बयान के बाद बलौदाबाजार के जोगी कांग्रेस से विधायक प्रमोद शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने कहा कि 'मैं खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह के साथ हूं. वे जिस पार्टी में जाना चाहते हैं, मैं उनके साथ रहूंगा'.
छत्तीसगढ़ में मरवाही उपचुनाव से पहले जोगी कांग्रेस में फूट देखने को मिल रही है. खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह ने कहा था कि उनका और बलौदाबाजार विधायक प्रमोद शर्मा का भविष्य कांग्रेस में ही है.
मरवाही उपचुनाव से पहले मंत्री जयसिंह अग्रवाल के बयान के बाद जोगी कांग्रेस में खींचतान मची हुई है. खैरागढ़ विधायक के बयान पर बलौदाबाजार विधायक प्रमोद शर्मा ने भी सहमति जताई है. उन्होंने कहा कि वे विधायक देवव्रत के साथ है. देवव्रत जिस भी पार्टी में जाना चाहते हैं, वे उनके साथ रहेंगे. उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के सुप्रीमो रहे अजीत जोगी उनके राजनीतिक गुरु थे. लेकिन अब उनके जाने के बाद वे विधायक देवव्रत सिंह के साथ हैं.
देवव्रत सिंह की बात पर प्रमोद शर्मा ने भरी हामी
कुछ दिन पहले खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह ने कहा था कि उनका और बलौदाबाजार विधायक प्रमोद शर्मा का भविष्य कांग्रेस में ही है. पूर्व सीएम अजीत जोगी भी यही चाहते थे. इस पर प्रमोद शर्मा ने भी हामी भरी है.
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देवव्रत सिंह को अजीत जोगी की आत्मकथा पढ़ने की सलाह
देवव्रत सिंह के बयान के बाद जेसीसी(जे) के अस्तित्व पर संकट के बादल छाने लगे. पार्टी के अध्यक्ष अमित जोगी ने भी इसके बाद करारा हमला बोला और देवव्रत सिंह को अजीत जोगी की आत्मकथा पढ़ने की सलाह दी.
विधायक के पार्टी प्रवेश पर निर्णय लेगी हाईकमान: सीएम
हालांकि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि निजी तौर पर वे दलबदल नहीं चाहते. उनका कहना है कि हमारे पास पर्याप्त संख्या में विधायक हैं. लेकिन फिर भी कोई कांग्रेस प्रवेश करना चाहता है तो इसका फैसला आलाकमान को करना है.
खरीद-फरोख्त के हर हथकंडे अपना रही कांग्रेस: डॉ. रमन सिंह
पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने इस मामले को खरीद-फरोख्त की राजनीति से जोड़ते हुए मरवाही चुनाव में सरकार को डरी हुई करार दिया है. रमन सिंह का साफ कहना है कि हार के डर से ही अमित जोगी और उनकी पत्नी को चुनाव नहीं लड़ने दिया गया और दूसरे दलों के लोगों को अपने साथ मिलाने की साजिश रची जा रही है.
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विधायकों के पार्टी छोड़ने पर किस तरह का बन सकता है समीकरण
फिलहाल, अजीत जोगी के निधन के बाद छत्तीसगढ़ में जेसीसी(जे)के चार विधायक हैं. अगर इनमें से दो विधायक पार्टी छोड़ते हैं तो इन्हें अपनी विधायकी से भी हाथ धोना पड़ सकता है. ऐसे में एक बार फिर प्रदेश में उपचुनाव के हालात बन सकते हैं. लेकिन जिस तरह से कांग्रेस के बड़े नेता दावा कर रहे हैं कि तीन विधायक कांग्रेस प्रवेश कर सकते हैं. ऐसे में कुछ और समीकरण बन सकता है. जिसके तहत जेसीसी(जे)का अस्तित्व पूरी तरह से खतरे में आ सकता है. हालांकि जेसीसी(जे)के वरिष्ठ नेता और विधायक धर्मजीत सिंह ने पार्टी छोड़ने और कांग्रेस प्रवेश करने की किसी भी स्थिति को नकारा है.
देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा विधायकी से करेंगे समझौता?
देखने वाली बात होगी कि देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा क्या अपनी विधायकी से समझौता कर कांग्रेस का हाथ थामेंगे या फिर दिल से कांग्रेस और कागज में जेसीसी(जे)के विधायक बनकर रहेंगे.