रायपुर: Interstate truck thief gang busted छत्तीसगढ़ की पुलिस ने देश के सबसे बड़े ट्रक चोर गैंग को पकड़ा है. यह गैंग छत्तीसगढ़ के अलावा नागालैंड, बिहार, यूपी और महाराष्ट्र की ट्रकें भी खपा देते थे. इस गिरोह ने देश के अलग अलग राज्यों से 200 से अधिक ट्रकों का फर्जीवाड़ा कर खपाने की कोशिश की है. बहुत से ट्रकों के दस्तावेज कूटरचित तरीके से तैयार किए गए हैं. फिर उसे बेचा जा रहा था. लेकिन रायपुर पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने यूपी, बिहार और महाराष्ट्र समेत छत्तीसगढ़ से कुल 11 आरोपियों को दबोचा है. इस गिरोह में एक आरटीओ एजेंड भी शामिल है. जिसकी मदद से ये कूटरचित तरीके से गाड़ियों की दस्तावेज भी बदल लेते थे. पुलिस की इस कार्रवाई के बाद अब देश के अलग अलग राज्यों से लोग अपनी ट्रकों की जानकारी लेने रायपुर पहुंच रहे हैं. Chhattisgarh police action on truck thief gang.
ट्रक चोर गिरोह का खुलासा 15 अक्टूबर 2022 को हुआ जब उत्तर प्रदेश के निवासी अनुज कुमार सिंह ने रायपुर पुलिस से शिकायत की.अनुज सिंह ने बताया कि वह ट्रांसपोर्ट का काम कई अरसे से कर रहा है. उसने कहा कि 15 अक्टूबर को बिहार के पटना के रहने वाले नागेंद्र सिन्हा ने 80 हजार रुपए किराए में उससे ट्रक लिया था. लेकिन उस ट्रक को रायपुर में उसके साथी ने देखा. अनुज के साथी शेख मकसूद ने उसे फोन कर बताया कि ट्रक रायपुर के भनपुरी में है. यहां ट्रक बेचने के लिए लगाया गया है. इसका मालिक उपेंद्र शर्मा है. जो उसे ट्रक बेचना चाह रहा है. जब मकसूद ने कागजात मांगे तो उपेंद्र आनाकानी करने लगा. यह सारी जानकारी के बाद अनुज को शक हुआ और वह यूपी से रायपुर पहुंचा. उसने रायपुर पुलिस से 16 नवंबर 2022 को संपर्क किया. मौके पर जाकर उसने देखा तो उसके ट्रक की डेंटिंग पेंटिंग की गई थी. ट्रक का डाला काट दिया गया था. नंबर प्लेट बदल दिया गया था. वाहन के चेचिस नम्बर को भी बदलने की कोशिश की गई थी. बाद में पुलिस ने इसकी जांच की तो ट्रक चोरी का खुलासा हुआ.
ऐसे पकड़ में आया गिरोह: खमताराई थाना के टीआई सोनल ग्वाला ने बताया कि "कुछ ट्रक चोरी की सूचना मिली थी. उसमें एसीसीयू और थाने की टीम काम कर रही थी. उस दौरान ही हमें मालूम चला कि मऊ के अनुज है. इनकी गाड़ी यहां खमतराई में उपेंद्र के यार्ड में बिकने के लिए खड़ी है. फिर हमने जब यार्ड में दबिश दी तब पूरे मामले का खुलासा हुआ है. इसके बाद मऊ के अनुज द्वारा एफआईआर दर्ज करवाई गई. जिसमें उनकी गाड़ी मिली है. इसमें बिहार के नागेंद्र सिन्हा ने एक कंपनी बनाई थी. जिसमें बाहर के ट्रकों को लीज पर चलाने के लिए लेते थे. उसी के हिसाब से ये पेमेंट करते थे. इन्हीं की कंपनी में सत्येंद्र काम करता था. इनके बीच में बकायदा एग्रीमेंट भी हुआ करता था. गाड़ी ओनर के साथ इनकी कंपनी एग्रीमेंट किया है. लेकिन ये लोग गाड़ी को किराए में लेने के बदले मृणाल के माध्यम से डेंटिंग पेंटिंग कर बेच देते थे. साथ ही गाड़ी का चेचिस नंबर भी बदल देते थे."
डेंटिंग पेंटिंग के साथ बदल देते थे गाड़ी के कागज: ये गिरोह छत्तीसगढ़, वेस्ट बंगाल, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में इन गाड़ियों को बेच देते थे. छत्तीसगढ़ में सोनू और सुब्बू काजी नाम का व्यक्ति अधिकतर गाड़ियों को खरीदा है और बेचा भी है. इस संबंध में हमने कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें एक मधुर नामक आरोपी आरटीओ एजेंड है. जो दुर्ग में रहता है. वहीं पेपर बनाने का काम गिरीश नामक आरोपी करता है. अकोला महाराष्ट्र का रहने वाला है. इस तरह अलग अलग सेगमेंट के लोगों समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. चूंकि यह एक बड़ा मामला है. इसमें अभी इन्वेस्टिगेशन जारी है.
200 से अधिक ट्रकों का फर्जीवाड़ा: अभी ऑन रिकार्ड सत्येंद्र व अन्य के मुताबिक 200 से अधिक गाड़ियों की जानकारी मिली है. अभी हमें डाटा मिला नहीं है, लेकिन हमने अपनी इन्वेस्टिगेशन से कई राज्यों से 40 से अधिक ट्रकों को जब्त किया है. इस मामले में और भी आरोपी हैं, जो फरार चल रहे हैं. इनकी गिरफ्तारी होने से और भी ट्रकें जब्त हो सकती है. हमारे पास जो ट्रकें जब्त की गई है. वह अन्य राज्यों की है. कुछ ट्रकें यूपी, बिहार के अमानत में खयानत और चोरी की ट्रकें हैं. इसलिए यह मामला वहीं पंजीबद्ध हो रहा है. कुछ मामले में हुआ भी है और बहुत से मामले में होना भी है. उसके बाद वहां से पुलिस और प्रार्थी हमसे सहयोग मांगती है तो निश्चित तौर पर हम सहयोग करेंगे और गाड़ी मालिकों को उनकी गाड़ियां देंगे.
पुलिस ने 40 ट्रक किया जब्त: राजधानी रायपुर पुलिस ने इस गिरोह का भांडाफोड़ते हुए 40 ट्रक जब्त किए हैं. सभी ट्रक यूपी, बिहार जैसे बड़े राज्यों की है. पुलिस खुलाशा के बाद अब यूपी, बिहार समेत अनेक राज्यों के ट्रक मालिक रायपुर पहुंच रहे हैं. यहां थाना आकर अपनी ट्रकों की पहचान कर रहे हैं. बिहार से रायपुर पहुंचे ट्रक मालिक राजकुशोर साह ने ईटीवी भारत को बताया कि "23 सितंबर 2022 को अपनी गाड़ी सत्येंद्र सिंह को किराए पर दिया था. मंथली पैसा लेना का समय आया तो हमेशा घुमा रहा था. जब उसके बारे में पता लगाया तब मालूम हुआ कि गाड़ी को बेच दिया है. रायपुर पुलिस ने जब उसे दबोचा तब हमें इसकी जानकारी हुई है." truck thief gang network in states
मुजफ्फरपुर में सैकड़ों गाड़ियों को फर्जी तरीके से बेचा: बिहार के मुजफ्फरपुर से आए दीपक कुमार नामक व्यक्ति ने बताया कि "सीतामढ़ी में उसका साथी रहता है. उनकी गाड़ी को सत्येंद्र सिंह नामक व्यक्ति भाड़े पर चलाने के लिए ट्रक को लेकर गया, पैसा मांगने पर घुमाता रहा. हमारे साथी को जब शंका हुई तो पता लगाने से जानकारी मिली की उसने अवैध तरीके से गाड़ी को बेच दिया है. पुलिस ने जब सत्येंद्र सिंह को गिरफ्तार किया और पूरे मामले का खुलाशा किया. छत्तीसगढ़ के रायपुर के खमतराई थाने में कुछ गाड़ियां जब्ती हुई है. तब हम लोग यहां आए हैं. हम इसी वजह से अपनी गाड़ी को देखने के लिए मित्र के साथ आया हूं. हम यहां प्रशासन से भी गुहार लगाते हैं कि हमारी गाड़ी जल्द दिलाई जाए. हम लोग दो दिन से यहां आए हैं. हमारी दो गाड़ियां है, लेकिन मुजफ्फरपुर में सुना कि 400 गाड़ियों का फर्जीवाड़ा किया है."
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आरटीओ की भी जांच: विवेचना में नाम ट्रांसफर हुआ है. इसमें छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में नाम ट्रांसफर हुए हैं. इसमें हम एक एजेंट को पकड़े हैं. उसके पास क्या दस्तावेज है. उसने किस तरह से आरटीओ में कागजात प्रस्तुत किए हैं. इस संबंध में भी हम लोग पुलिस रिमांड लेकर जांच कर रहे हैं. अगर इस संबंध में कोई भी गड़बड़ी पाई जाती है तो संबंधित के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.