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EXCLUSIVE: किसको समर्थन देना है या नहीं, यह कांग्रेस तय नहीं करेगी- धर्मजीत सिंह

छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जे की नई अध्यक्ष रेणु जोगी चुन ली गई हैं. अजीत जोगी के निधन के बाद से राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद खाली था. जेसीसीजे के वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह ने पार्टी की आगे की रणनीति को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत है.

importent conversation JCCJ  senior leader Dharmajit Singh on ETV bharat
JCCJ के वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह से खास बातचीत
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Published : Nov 18, 2020, 3:47 PM IST

Updated : Nov 18, 2020, 4:08 PM IST

रायपुर: जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के कोर कमेटी सदस्य और वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह ने ईटीवी भारत से खास चर्चा करते हुए पार्टी की आगामी रणनीतियों को लेकर चर्चा की. उन्होंने कहा कि पार्टी के सुप्रीमो अजीत जोगी जी के निधन के बाद पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुखिया की कमी लगातार खल रही थी. यही वजह है कि आज पार्टी की कोर कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक में पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में रेणु जोगी को सर्वसम्मति से चुना गया है. रेणु जोगी जी के सहज और सरल व्यवहार से सभी दलों के बीच में भी अपनी एक अलग छाप रखती हैं.

JCCJ के वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह से खास बातचीत
पार्टी के बागी विधायक भी नहीं छोड़ सकते पार्टी

पार्टी के बागी विधायकों की नाराजगी को लेकर धर्मजीत सिंह ने कहा कि जो लोग नाराज हैं, वे भी पार्टी नहीं छोड़ सकते हैं. पार्टी छोड़ने के लिए उन्हें तीन विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी. अगर विधायकों का समर्थन नहीं मिलता है तो उन्हें फिर से चुनाव लड़ना होगा, ऐसे में वे भी नहीं चाहते हैं कि फिर से चुनाव लड़ें. ऐसे विधायक जो बुरे समय में अजीत जोगी जी की मदद से ही जेसीसीजे में टिकट पाकर सदन में पहुंचे हैं. वे लोग समय और मौका देखकर दलबदलू होते जा रहे हैं. प्रदेश की जनता जानती है कि अजीत जोगी जी ने हमेशा स्पष्टवादी राजनीति की है. अपने से जुड़े लोगों को वे हमेशा मदद करते रहे हैं. अपनी पार्टी में लाकर महत्वपूर्ण जगह दी. टिकट देकर जिताकर कर उन्हें विधायक बनाया

पढ़ें- रेणु जोगी ने पहना 'कांटों भरा ताज', क्या रोक पाएंगी पार्टी में बगावत की आवाज ?

पार्टी की आगामी रणनीति को लेकर भी हो रही चर्चा

जेसीसीजे छत्तीसगढ़ में तीसरे मोर्चे के रूप में विधानसभा चुनाव में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज करा चुकी है. छत्तीसगढ़ में इससे पहले भी तीसरे मोर्चे को लेकर कई दफे प्रयोग हुए हैं, लेकिन इतना बड़ा वोट परसेंटेज लाने में कभी भी कोई भी पार्टी सफल नहीं हुई है. 2018 के चुनाव में जेसीसीजे ने प्रदेश में 12% तक वोट अपनी पार्टी के झोली में लाया है. पार्टी से कई विधायक जीत कर भी सदन पहुंचे हैं. अब जब अजीत जोगी के निध के बाद पार्टी की बागडोर उनकी धर्मपत्नी रेणु जोगी को मिल चुकी है. वहीं प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी को यथावत रखा गया है. ऐसे में पार्टी की आगामी रणनीति को लेकर भी यहां महत्वपूर्ण चर्चा की जा रही है.

रायपुर: जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के कोर कमेटी सदस्य और वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह ने ईटीवी भारत से खास चर्चा करते हुए पार्टी की आगामी रणनीतियों को लेकर चर्चा की. उन्होंने कहा कि पार्टी के सुप्रीमो अजीत जोगी जी के निधन के बाद पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुखिया की कमी लगातार खल रही थी. यही वजह है कि आज पार्टी की कोर कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक में पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में रेणु जोगी को सर्वसम्मति से चुना गया है. रेणु जोगी जी के सहज और सरल व्यवहार से सभी दलों के बीच में भी अपनी एक अलग छाप रखती हैं.

JCCJ के वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह से खास बातचीत
पार्टी के बागी विधायक भी नहीं छोड़ सकते पार्टी

पार्टी के बागी विधायकों की नाराजगी को लेकर धर्मजीत सिंह ने कहा कि जो लोग नाराज हैं, वे भी पार्टी नहीं छोड़ सकते हैं. पार्टी छोड़ने के लिए उन्हें तीन विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी. अगर विधायकों का समर्थन नहीं मिलता है तो उन्हें फिर से चुनाव लड़ना होगा, ऐसे में वे भी नहीं चाहते हैं कि फिर से चुनाव लड़ें. ऐसे विधायक जो बुरे समय में अजीत जोगी जी की मदद से ही जेसीसीजे में टिकट पाकर सदन में पहुंचे हैं. वे लोग समय और मौका देखकर दलबदलू होते जा रहे हैं. प्रदेश की जनता जानती है कि अजीत जोगी जी ने हमेशा स्पष्टवादी राजनीति की है. अपने से जुड़े लोगों को वे हमेशा मदद करते रहे हैं. अपनी पार्टी में लाकर महत्वपूर्ण जगह दी. टिकट देकर जिताकर कर उन्हें विधायक बनाया

पढ़ें- रेणु जोगी ने पहना 'कांटों भरा ताज', क्या रोक पाएंगी पार्टी में बगावत की आवाज ?

पार्टी की आगामी रणनीति को लेकर भी हो रही चर्चा

जेसीसीजे छत्तीसगढ़ में तीसरे मोर्चे के रूप में विधानसभा चुनाव में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज करा चुकी है. छत्तीसगढ़ में इससे पहले भी तीसरे मोर्चे को लेकर कई दफे प्रयोग हुए हैं, लेकिन इतना बड़ा वोट परसेंटेज लाने में कभी भी कोई भी पार्टी सफल नहीं हुई है. 2018 के चुनाव में जेसीसीजे ने प्रदेश में 12% तक वोट अपनी पार्टी के झोली में लाया है. पार्टी से कई विधायक जीत कर भी सदन पहुंचे हैं. अब जब अजीत जोगी के निध के बाद पार्टी की बागडोर उनकी धर्मपत्नी रेणु जोगी को मिल चुकी है. वहीं प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी को यथावत रखा गया है. ऐसे में पार्टी की आगामी रणनीति को लेकर भी यहां महत्वपूर्ण चर्चा की जा रही है.

Last Updated : Nov 18, 2020, 4:08 PM IST
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