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जयंती: अटल के दौर में केंद्र सरकार में छत्तीसगढ़ का जो दबदबा था, वो अब तक नहीं लौटा

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है. अटलजी को 'छत्तीसगढ़ का जनक' कहा जाता है. उनका व्यवहार इतना सहज और सरल था कि पक्ष ही नहीं विपक्ष भी उनका कायल था. यही वजह है कि गठबंधन की सरकार में सभी दलों को वे साथ लेकर चल सके. उनका सम्मान विरोधी भी करते थे.

Atal Bihari Vajpayee
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती
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Published : Dec 25, 2020, 1:56 AM IST

Updated : Dec 25, 2020, 7:33 AM IST

रायपुर: आओ फिर से दीया जलाएं, भरी दुपहरी में अँधियारा, सूरज परछाईं से हारा, अंतरतम का नेह निचोड़ें, बुझी हुई बाती सुलगाएं, आओ फिर से दिया जलाए... ये पंक्तियां हैं हमारे भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की. इनकी इस कविता से ही पता चल जाता है कि वे कितने सकारात्मक और विचारशील थे. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी न होते, तो शायद आज छत्तीसगढ़ न होता. आज उनकी 96वीं जयंती है. इस अवसर पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को छत्तीसगढ़ को राज्य का दर्जा दिलाने वाले प्रधानमंत्री के तौर पर भी याद किया जाता है. उन्होंने अपने वादे के मुताबिक देश में तीन नए राज्य का गठन कराया, इनमें छत्तीसगढ़ भी शामिल था. वे अक्सर कहा करते थे कि देश के इस भू-भाग से उनका खास लगाव है. उनकी सरकार में छत्तीसगढ़ से तीन सांसद, मंत्री बनाए गए थे. इनमें रमेश बैस, दिलीप सिंह जूदेव और डॉ. रमन सिंह शामिल थे.

पढ़ें-राजनीति जिनका कर्म और कवि जिनका ह्दय, ऐसे थे 'छत्तीसगढ़ के जनक'

1999 के इस चुनाव में छत्तीसगढ़ में अटल लहर चली थी. जिसमें विद्याचरण शुक्ल और वोरा जैसे कांग्रेस के दिग्गज नेता भी चुनाव हार गए थे. ठीक एक साल बाद अटल सरकार ने अपने वादे को पूरा करते हुए 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ नए राज्य का गठन करा दिया. अटल जी की इस सरकार के बाद केन्द्र में 4 सरकारें बन चुकी हैं. इनमें दो डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार और दो बार नरेंद्र मोदी की, लेकिन इसके बाद किसी भी सरकार के मंत्रिमंडल में छत्तीसगढ़ को इतना स्थान नहीं मिला. इन सरकारों में छत्तीसगढ़ से एक से ज्यादा सांसद मंत्री नहीं बन सका.

छत्तीसगढ़ से अटल लगाव

छत्तीसगढ़ राज्य गठन की बात जब-जब निकलेगी, तब-तब अटल बिहारी वाजपेयी का नाम छत्तीसगढ़वासी गर्व से लेंगे. इसके अलावा 20 सितंबर 1998 को बिलासपुर को रेलवे जोन (SECR) का मुख्यालय बनवाने में भी उनका बड़ा योगदान है. बता दें कि उस दौर में ये बड़ा स्थानीय मुद्दा था. इसके अलावा और भी बड़े विकास की नींव अटल जी ने छत्तीसगढ़ में रखी, जिन पर आज पूरा प्रदेश नाज करता है. मसलन जनवरी 2002 में सीपत में 1980 मेगावाट क्षमता के सुपर थर्मल बिजली घर की बुनियाद रखी गई थी.

पढ़ें-'जीवन को शत-शत आहुति में, जलना होगा, गलना होगा कदम मिलाकर चलना होगा...'

छत्तीसगढ़वासियों के दिल में 'अटल' छाप

इसी तरह राजधानी में एयरपोर्ट के एक्सटेंशन भवन, स्वामी विवेकानंद के रायपुर प्रवास को यादगार बनाए रखने बूढ़ातालाब में स्वामीजी की प्रतिमा का अनावरण भी किया गया था. रायपुर में एम्स बनाने का फैसला भी उनकी सरकार ने ही लिया था. इस तरह कवि हृदय सर्वमान्य अटल बिहारी वाजपेयी की छाप छत्तीसगढ़वासियों के दिल पर 'अटल' है.

रायपुर: आओ फिर से दीया जलाएं, भरी दुपहरी में अँधियारा, सूरज परछाईं से हारा, अंतरतम का नेह निचोड़ें, बुझी हुई बाती सुलगाएं, आओ फिर से दिया जलाए... ये पंक्तियां हैं हमारे भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की. इनकी इस कविता से ही पता चल जाता है कि वे कितने सकारात्मक और विचारशील थे. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी न होते, तो शायद आज छत्तीसगढ़ न होता. आज उनकी 96वीं जयंती है. इस अवसर पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को छत्तीसगढ़ को राज्य का दर्जा दिलाने वाले प्रधानमंत्री के तौर पर भी याद किया जाता है. उन्होंने अपने वादे के मुताबिक देश में तीन नए राज्य का गठन कराया, इनमें छत्तीसगढ़ भी शामिल था. वे अक्सर कहा करते थे कि देश के इस भू-भाग से उनका खास लगाव है. उनकी सरकार में छत्तीसगढ़ से तीन सांसद, मंत्री बनाए गए थे. इनमें रमेश बैस, दिलीप सिंह जूदेव और डॉ. रमन सिंह शामिल थे.

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1999 के इस चुनाव में छत्तीसगढ़ में अटल लहर चली थी. जिसमें विद्याचरण शुक्ल और वोरा जैसे कांग्रेस के दिग्गज नेता भी चुनाव हार गए थे. ठीक एक साल बाद अटल सरकार ने अपने वादे को पूरा करते हुए 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ नए राज्य का गठन करा दिया. अटल जी की इस सरकार के बाद केन्द्र में 4 सरकारें बन चुकी हैं. इनमें दो डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार और दो बार नरेंद्र मोदी की, लेकिन इसके बाद किसी भी सरकार के मंत्रिमंडल में छत्तीसगढ़ को इतना स्थान नहीं मिला. इन सरकारों में छत्तीसगढ़ से एक से ज्यादा सांसद मंत्री नहीं बन सका.

छत्तीसगढ़ से अटल लगाव

छत्तीसगढ़ राज्य गठन की बात जब-जब निकलेगी, तब-तब अटल बिहारी वाजपेयी का नाम छत्तीसगढ़वासी गर्व से लेंगे. इसके अलावा 20 सितंबर 1998 को बिलासपुर को रेलवे जोन (SECR) का मुख्यालय बनवाने में भी उनका बड़ा योगदान है. बता दें कि उस दौर में ये बड़ा स्थानीय मुद्दा था. इसके अलावा और भी बड़े विकास की नींव अटल जी ने छत्तीसगढ़ में रखी, जिन पर आज पूरा प्रदेश नाज करता है. मसलन जनवरी 2002 में सीपत में 1980 मेगावाट क्षमता के सुपर थर्मल बिजली घर की बुनियाद रखी गई थी.

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छत्तीसगढ़वासियों के दिल में 'अटल' छाप

इसी तरह राजधानी में एयरपोर्ट के एक्सटेंशन भवन, स्वामी विवेकानंद के रायपुर प्रवास को यादगार बनाए रखने बूढ़ातालाब में स्वामीजी की प्रतिमा का अनावरण भी किया गया था. रायपुर में एम्स बनाने का फैसला भी उनकी सरकार ने ही लिया था. इस तरह कवि हृदय सर्वमान्य अटल बिहारी वाजपेयी की छाप छत्तीसगढ़वासियों के दिल पर 'अटल' है.

Last Updated : Dec 25, 2020, 7:33 AM IST
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