रायपुर : चुनाव परिणामों की घोषणा ज्योतिष के माध्यम से करना अन्य भविष्यवाणियों की तुलना में बहुत अलग होता है. जहां दूसरी भविष्यवाणियों में केवल जातक की कुंडली देखी जाती है. वहीं ज्योतिष में चुनाव परिणाम की भविष्यवाणी करते समय यह एकदम गौण हो जाता है. वास्तव में जब हमको चुनाव परिणाम की भविष्यवाणी करनी होती है. उस समय सबसे पहले हमको यह देखना चाहिए की जातक किस पार्टी के बैनर पर चुनाव लड़ रहा है.उसकी पार्टी का नेता कौन है. किस नेता के नाम पर वोट मांगे जा रहे हैं. ऐसी स्थिति में पार्टी के नेता और पार्टी की कुंडली बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है.
कैसे उम्मीदवार जीतते हैं चुनाव : ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि "यदि पार्टी के नेता की कुंडली एवं पार्टी की कुंडली उसकी ग्रह दशाएं अनुकूल है, तो उस पार्टी का कमजोर से कमजोर प्रत्याशी भी चुनाव में विजयी होता है. उसका प्रतिद्वंदी चाहे उसकी कुंडली कितनी भी मजबूत हो चुनाव हार जाता है. चुनाव परिणाम की भविष्यवाणी का यह एक प्रमुख आधार है. दूसरी बात यह भी महत्वपूर्ण है, कि जन्म के साथ ही जन्म कुंडली के आधार पर यह भविष्यवाणी करना बहुत कठिन है. अमुक व्यक्ति अमुक समय में चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर आसीन होगा.''
किन परिस्थितियों में पार्टी होती है विजयी : डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर के मुताबिक जिस समय चुनाव की घोषणा होती है, उस समय पार्टी की स्थिति क्या है. उसके नेता की स्थिति क्या है. चुनाव की तारीख और मतगणना की तारीख बहुत महत्वपूर्ण है. मतगणना की तारीख में जो चंद्रमा की स्थिति हैं, सप्तमेश की जो स्थिति है. यह चुनाव के निर्णय में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.यदि मतगणना के दिन जिस पार्टी की कुंडली का चंद्रमा श्रेष्ठ होगा वही चुनाव में विजय प्राप्त करेगा. उसी का बहुमत होगा. भले कुंडली कितनी भी मजबूत हो. यदि पार्टी का चंद्रमा शुभ स्थान पर नहीं है, तो ऐसी स्थिति में पार्टी चुनाव हार जाती है.
2018 में कैसे किया कांग्रेस ने उलटफेर : छत्तीसगढ़ राज्य का साल 2018 का चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है, क्योंकि उस दिन भारतीय जनता पार्टी की स्थिति और उनकी दशा कांग्रेस की तुलना में ज्यादा मजबूत थी. लेकिन जैसे ही मतगणना की तारीख की घोषणा हुई, वैसे ही स्पष्ट हो गया कि भारतीय जनता पार्टी सत्ता में नहीं आ रही है. कांग्रेस कोई बड़ा चमत्कार कर दें तो आश्चर्य नहीं होगा. जबकि कांग्रेस पार्टी की कुंडली उस समय बहुत कमजोर थी. लेकिन जब चुनाव हुए तो कांग्रेस ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन करते हुए सत्ता में कब्जा किया.