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corona effect: छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर से ऑटोमोबाइल सेक्टर को 1500 करोड़ का नुकसान

कोरोना वायरस की दूसरी लहर (coronavirus second wave) से जहां लोगों की जाने गईं. वहीं ऑटोमोबाइल कंपनियों (Automobile Companies) को भी बड़ा आर्थिक घाटा उठाना पड़ा है. छत्तीसगढ़ में पिछले डेढ़ महीने रहे लॉकडाउन से ऑटोमोबाइल सेक्टर (automobile sector) को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. ऑटोमोबाइल एसोसिएशन (automobile association) के मुताबिक ऑटोमोबाइल सेक्टर को 1500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है.

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छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर से ऑटोमोबाइल सेक्टर को 1500 करोड़ का नुकसान
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Published : Jun 2, 2021, 7:03 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस (coronavirus in chhattisgarh) की दूसरी लहर का असर ऑटोमोबाइल उद्योग (automobile industry) पर भी पड़ा है. छत्तीसगढ़ में कोरोना के चलते पिछले डेढ़ महीने चले लॉकडाउन (lockdown) से ऑटोमोबाइल सेक्टर (automobile sector) को काफी नुकसान हुआ है. इन डेढ़ महीनों में शादी-ब्याह और त्योहारों का सीजन भी था, जिसमें काफी गाड़ियों की खरीदी-बिक्री होती है. ऑटोमोबाइल एसोसिएशन (automobile association) के मुताबिक प्रदेश में डेढ़ महीने लॉकडाउन के चलते ऑटोमोबाइल सेक्टर को 1500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है.

छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर से ऑटोमोबाइल सेक्टर को 1500 करोड़ का नुकसान (पार्ट-1)

ऑटोमोबाइल सेक्टर को 1500 करोड़ का नुकसान

छत्तीसगढ़ में करीब 300 ऑटोमोबाइल डीलर और 700-800 सब डीलर हैं. कोरोना के चलते पिछले डेढ़ महीने रहे लॉकडाउन से ऑटोमोबाइल सेक्टर को काफी नुकसान हुआ है. खासकर शादी और त्योहारों के चलते जहां इस सीजन में करीब 1 लाख वाहनों की गाड़ियों की खरीदी होती है जो कि इस बार नहीं हो पाई है. जिससे ऑटोमोबाइल सेक्टर को करीब 1500 करोड़ का नुकसान हुआ है. वहीं इस नुकसान में सरकार को आने वाला जीएसटी भी शामिल है. वाहनों पर 28% से 48% की जीएसटी लगता है और 8% से 9% का रोड टैक्स कुल मिलाकर 1500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. जिसमें करीब 500 करोड़ का नुकसान सरकार के खजाने को भी हुआ है.

मंदी बेअसर: छत्तीसगढ़ में जनवरी 2020 के मुकाबले 2021 में ज्यादा कारों की हुई ब्रिक्री

1 लाख गाड़ियों की नहीं हुई बिक्री

रायपुर ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष सिंघानिया ने बताया कि प्रदेश के लगभग सभी जिलों में अप्रैल के पहले हफ्ते से लॉकडाउन चालू हो गया था. वहीं अप्रैल पहले हफ्ते से मई मिड यानी 45 दिन पूरा ऑटोमोबाइल सेक्टर बंद रहा. इस दौरान शादी, त्योहार भी रहे. जिसमें काफी गाड़ियों की खरीदी होती है. छत्तीसगढ़ में हर महीने 70 हजार से 75 हजार के करीब टू व्हील, फोर व्हीलर और कर्मशियल वीहकल और ट्रैक्टर्स की बिक्री होगी है. हर माह इतने ही वाहनों का रजिस्ट्रेशन भी होता है. लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के चलते पिछले डेढ़ महीने में 1 लाख से ज्यादा की गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन में कमी आई है.

छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर से ऑटोमोबाइल सेक्टर को 1500 करोड़ का नुकसान (पार्ट-2)

पिछले कोरोना काल से डाउनफॉल

मनीष सिंघानिया ने बताया कि इस बार जो कोरोना की दूसरी लहर है. वह थोड़ी अलग रही है. हम सब ने देखा है कि इस बार के कोरोना ने पूरे परिवार को अपने चपेट में लिया है. इसमें शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र भी प्रभावित हुआ है. पिछले साल कोरोना की लहर से ग्रामीण क्षेत्र दूर रहे. इस कारण से इकॉनमी को रिवाइव करने में रूरल इकोनॉमी ने काफी मदद मिली. इस कारण ऑटोमोबाइल सेक्टर भी काफी तेजी से रिवाइवल हो गया था. वहीं केंद्र सरकार से भी कुछ न कुछ पैकेज आ रहा था. जिससे काफी मदद मिली. लेकिन दूसरी लहर से ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी काफी प्रभावित हुई. वहीं केंद्र सरकार ने भी कोई बड़ा पैकेज नहीं दिया. इस कारण से ऑटोमोबाइल सेक्टर आने वाले कुछ महीने तक डाउनफॉल रहेगा. सिंघानिया ने बताया कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी, बोनस, वनोपज समेत कई योजनाएं चल रही हैं. उम्मीद है कि प्रदेश की इकोनॉमी दूसरे प्रदेश के मुकाबले जल्दी बूस्ट कर सकती है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस (coronavirus in chhattisgarh) की दूसरी लहर का असर ऑटोमोबाइल उद्योग (automobile industry) पर भी पड़ा है. छत्तीसगढ़ में कोरोना के चलते पिछले डेढ़ महीने चले लॉकडाउन (lockdown) से ऑटोमोबाइल सेक्टर (automobile sector) को काफी नुकसान हुआ है. इन डेढ़ महीनों में शादी-ब्याह और त्योहारों का सीजन भी था, जिसमें काफी गाड़ियों की खरीदी-बिक्री होती है. ऑटोमोबाइल एसोसिएशन (automobile association) के मुताबिक प्रदेश में डेढ़ महीने लॉकडाउन के चलते ऑटोमोबाइल सेक्टर को 1500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है.

छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर से ऑटोमोबाइल सेक्टर को 1500 करोड़ का नुकसान (पार्ट-1)

ऑटोमोबाइल सेक्टर को 1500 करोड़ का नुकसान

छत्तीसगढ़ में करीब 300 ऑटोमोबाइल डीलर और 700-800 सब डीलर हैं. कोरोना के चलते पिछले डेढ़ महीने रहे लॉकडाउन से ऑटोमोबाइल सेक्टर को काफी नुकसान हुआ है. खासकर शादी और त्योहारों के चलते जहां इस सीजन में करीब 1 लाख वाहनों की गाड़ियों की खरीदी होती है जो कि इस बार नहीं हो पाई है. जिससे ऑटोमोबाइल सेक्टर को करीब 1500 करोड़ का नुकसान हुआ है. वहीं इस नुकसान में सरकार को आने वाला जीएसटी भी शामिल है. वाहनों पर 28% से 48% की जीएसटी लगता है और 8% से 9% का रोड टैक्स कुल मिलाकर 1500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. जिसमें करीब 500 करोड़ का नुकसान सरकार के खजाने को भी हुआ है.

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1 लाख गाड़ियों की नहीं हुई बिक्री

रायपुर ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष सिंघानिया ने बताया कि प्रदेश के लगभग सभी जिलों में अप्रैल के पहले हफ्ते से लॉकडाउन चालू हो गया था. वहीं अप्रैल पहले हफ्ते से मई मिड यानी 45 दिन पूरा ऑटोमोबाइल सेक्टर बंद रहा. इस दौरान शादी, त्योहार भी रहे. जिसमें काफी गाड़ियों की खरीदी होती है. छत्तीसगढ़ में हर महीने 70 हजार से 75 हजार के करीब टू व्हील, फोर व्हीलर और कर्मशियल वीहकल और ट्रैक्टर्स की बिक्री होगी है. हर माह इतने ही वाहनों का रजिस्ट्रेशन भी होता है. लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के चलते पिछले डेढ़ महीने में 1 लाख से ज्यादा की गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन में कमी आई है.

छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर से ऑटोमोबाइल सेक्टर को 1500 करोड़ का नुकसान (पार्ट-2)

पिछले कोरोना काल से डाउनफॉल

मनीष सिंघानिया ने बताया कि इस बार जो कोरोना की दूसरी लहर है. वह थोड़ी अलग रही है. हम सब ने देखा है कि इस बार के कोरोना ने पूरे परिवार को अपने चपेट में लिया है. इसमें शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र भी प्रभावित हुआ है. पिछले साल कोरोना की लहर से ग्रामीण क्षेत्र दूर रहे. इस कारण से इकॉनमी को रिवाइव करने में रूरल इकोनॉमी ने काफी मदद मिली. इस कारण ऑटोमोबाइल सेक्टर भी काफी तेजी से रिवाइवल हो गया था. वहीं केंद्र सरकार से भी कुछ न कुछ पैकेज आ रहा था. जिससे काफी मदद मिली. लेकिन दूसरी लहर से ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी काफी प्रभावित हुई. वहीं केंद्र सरकार ने भी कोई बड़ा पैकेज नहीं दिया. इस कारण से ऑटोमोबाइल सेक्टर आने वाले कुछ महीने तक डाउनफॉल रहेगा. सिंघानिया ने बताया कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी, बोनस, वनोपज समेत कई योजनाएं चल रही हैं. उम्मीद है कि प्रदेश की इकोनॉमी दूसरे प्रदेश के मुकाबले जल्दी बूस्ट कर सकती है.

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