रायपुर: Happy New year 2023 : नया साल आते ही लोग पार्टी के मूड में रहते हैं. 31 दिसंबर की रात से पार्टी शुरु होकर नए साल के आगमन तक चलती है. (Why worship in temple necessary on new year 2023) ऐसे में कई लोग ऐसे भी हैं जो इस दिन खुद को आध्यात्म को जोड़ते है. हजारों लोग ऐसे भी हैं जो अपना नया साल भगवान के दरबार से शुरू करने की इच्छा रखते हैं. युवा परिवार के साथ मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना करने में विश्वास रखते हैं. अभी तक आपने काफी जगह यह पढ़ा और देखा होगा कि न्यू ईयर के दिन कैसे पार्टी होती है कहां कितनी भीड़ होती है, लेकिन यहां हम आपको बता रहे हैं कि न्यू ईयर के दिन मंदरों में कैसा माहौल होता है. Why worship in temple necessary on new year 2023
आने वाले साल में समृद्धि की कामना : इस दिन लोग मंदिरों में इसलिए भी जाना पसंद करते हैं क्योंकि कहते हैं कि साल के पहले ही दिन भगवान की पूजा अर्चना करने से पूरा साल अच्छा गुजरता है. लोग भगवान से नए साल में अपने लिए सुख समृद्धि आदि की कामना करते हैं.
देवालयों और चर्च में खास तैयारी : कई मंदिरों, देवालयों और चर्चों में नए साल के दिन विशेष तरह की तैयारियां होती हैं. इस दिन यहां पर कई तरह के भोग बनाए जाते हैं. कई जगह गाजर का हलवा, बूंदी के लड्डू और पेड़े आदि का प्रसाद भी तैयार किया जाता है. नया साल शुरू होते ही घंटियों का बजना और शंखनाद शुरू होता है. इसके अलावा चर्चों में इस दिन नाइट वॉच सर्विस और होली सर्विस होती है. इसके बाद सुबह होते ही नए साल का जश्न भी मनाया जाता है.
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युवा भी मंदिरों में करते हैं आराधना : कई युवा न्यू ईयर पर किसी पार्टी में जाने की जगह परिवार के साथ मंदिर और किसी धार्मिक स्थल पर जाना पसंद करते हैं. ऐसा नहीं है कि इन युवाओं की तादात काफी कम है, बल्कि आज इस बदलते दौर में भी पूजा आराधना करने वाले युवक युवतियों की संख्या अच्छी खासी और ये सभी मिलकर न्यू ईयर के दिन भजन आदि का भरपूर आनंद लेते हैं. happy new year 2023 stor