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रायपुर: दुर्गा पूजा में झांकियां और बड़े पंडाल पर प्रतिबंध, रखनी होगी ये सावधानी

इस साल नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू होकर 25 अक्टूबर तक रहेगी. लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण मूर्तिकारों को काफी भारी नुकसान सहना पड़ रहा है. सरकार ने कोरोना वायरस से लगे लॉकडाउन और नवरात्रि के लिए गाइडलाइंस जारी किए हैं.

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दुर्गा पूजा में झांकियां और बड़े पंडाल पर प्रतिबंध
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Published : Sep 29, 2020, 2:31 PM IST

रायपुर: हर साल दूर्गा पूजा में बड़ी धूमधाम रहती थी. लेकिन इस साल कोरोना वायरस से लगे लॉकडाउन और बढ़ते संक्रमण के कारण लोग सार्वजनिक रूप से दुर्गा पूजा नहीं मना पाएंगे. इस बार नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू होकर 25 अक्टूबर तक रहेगी. लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण मूर्तिकारों को काफी भारी नुकसान सहना पड़ रहा है. भक्ति और शक्ति के इस पर्व में मूर्तिकार और दुर्गा उत्सव समिति के पदाधिकारियों को सरकार से दी गई गाइडलाइंस के बाद लॉकडाउन खुलने का इंतजार है. लेकिन मूर्तिकार परेशान हैं कि ग्राहक मूर्ति का ऑडर देने नहीं आ रहे हैं.

दुर्गा पूजा में झांकियां और बड़े पंडाल पर प्रतिबंध

मूर्तिकार रंजीत घोष बताते हैं कि सरकार ने गाइडलाइन जारी होने की वजह से मूर्तिकार पहले की तरह नहीं बना पा रही है. पहले मूर्तिकार 80 से 90 मूर्ति बना लेते थे, वह इस साल मुश्किल से 20 से 30 ही बना रहे हैं. मूर्तिकार घोष बताते हैं कि हर साल लगभग फरवरी के महीने से मूर्तियां बनाना शुरू कर देते हैं. लेकिन कोरोना वायरस से लगे लॉकडाउन से उनकी कमर तोड़ कर दी है. उन्होंने यह भी बताया कि गणेश उत्सव में भी गाइडलाइन के कारण हमें काफी नुकसान सहना पड़ा है और अब दुर्गा पूजा के समय भी यही हाल होता नजर आ रहा है. उनका कहना है कि मूर्तिकार मूर्तियां बनाकर ही अपने घर का खर्चा चलाता है और इस साल तो कारीगरों का मेहनताना भी नहीं दे पा रहे हैं.

पढ़ें- मूर्तिकारों पर फिर पड़ी कोरोना की 'काली परछाई', दुर्गा पूजा में नहीं सुधरे हालात


सरकार से दुर्गा पूजा के लिए दी गई गाइडलाइन

  • पूजा उत्सव के दौरान भोग, भंडारा प्रसाद वितरण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध रहेगा.
  • पूजा पंडाल केवल 15 फीट लंबा और चौड़ाई में होगा, झांकियां नहीं बनेगी.
  • पंडाल के सामने कम से कम 3000 वर्ग फीट खुली जगह होगी. पंडाल वहीं बनेगा जहां गली और सड़क का हिस्सा प्रभावित ना हो.
  • एक पंडाल से दूसरे पंडाल की दूरी 250 मीटर से कम ना हो.
    पूजा पंडाल और उसके सामने 20 लोगों से ज्यादा लोग शामिल नहीं होंगे.
  • समिति को श्रद्धालुओं का मोबाइल नंबर और पता दर्ज कराना होगा.
  • समिति को पूजा पंडाल के पास 4 सीसीटीवी लगाने होंगे.
  • मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य रहेगा.
  • सैनिटाइजर, थर्मल स्कैनिंग, ऑटोसिस्टम हैंड वॉच और व्यू मेकैनिज्म करना होगा.
  • पूजा पंडाल में अलग-अलग रास्ते बैरिकेडिंग लगाना होगा.
  • पूजा दर्शन के दौरान कोई व्यक्ति संक्रमित होता है, तो इलाज समिति को करना होगा.
  • कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना पर रोक रहेगी
  • पूजा उत्सव के बीच कंटेनमेंट जोन हुआ तो पूजा पर रोक लगा दी जाएगी
  • मूर्ति लाने और ले जाने में बैंड बाजा और डीजे प्रतिबंध
  • नगर निगम द्वारा जारी रूटीन चार्ट से ही मूर्तियां लाना और विसर्जित करना होगा. व्यस्त मार्गों से मूर्ति लाना प्रतिबंध रहेगा.
  • मूर्ति विसर्जन के लिए 7 दिन पहले नगर निगम के जोन कार्यालय में शपथ पत्र देना होगा.
  • गरबा और डांडिया पर रोक रहेगी.

गणेश पर्व के दौरान मूर्तिकार ने सुसाइड करने की कोशिश

मूर्तीकार बताते हैं कि इस साल जिस तरह के हालात हैं और सरकार की लेट गाइडलाइन जारी होने की वजह से मूर्तिकारों को काफी नुकसान सहना पड़ा. उन्होंने बताया कि गणेश पर्व के दौरान ही एक मूर्तिकार ने जहर खाकर सुसाइड करने की कोशिश की थी, लेकिन उसे बचा लिया गया था.

रायपुर: हर साल दूर्गा पूजा में बड़ी धूमधाम रहती थी. लेकिन इस साल कोरोना वायरस से लगे लॉकडाउन और बढ़ते संक्रमण के कारण लोग सार्वजनिक रूप से दुर्गा पूजा नहीं मना पाएंगे. इस बार नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू होकर 25 अक्टूबर तक रहेगी. लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण मूर्तिकारों को काफी भारी नुकसान सहना पड़ रहा है. भक्ति और शक्ति के इस पर्व में मूर्तिकार और दुर्गा उत्सव समिति के पदाधिकारियों को सरकार से दी गई गाइडलाइंस के बाद लॉकडाउन खुलने का इंतजार है. लेकिन मूर्तिकार परेशान हैं कि ग्राहक मूर्ति का ऑडर देने नहीं आ रहे हैं.

दुर्गा पूजा में झांकियां और बड़े पंडाल पर प्रतिबंध

मूर्तिकार रंजीत घोष बताते हैं कि सरकार ने गाइडलाइन जारी होने की वजह से मूर्तिकार पहले की तरह नहीं बना पा रही है. पहले मूर्तिकार 80 से 90 मूर्ति बना लेते थे, वह इस साल मुश्किल से 20 से 30 ही बना रहे हैं. मूर्तिकार घोष बताते हैं कि हर साल लगभग फरवरी के महीने से मूर्तियां बनाना शुरू कर देते हैं. लेकिन कोरोना वायरस से लगे लॉकडाउन से उनकी कमर तोड़ कर दी है. उन्होंने यह भी बताया कि गणेश उत्सव में भी गाइडलाइन के कारण हमें काफी नुकसान सहना पड़ा है और अब दुर्गा पूजा के समय भी यही हाल होता नजर आ रहा है. उनका कहना है कि मूर्तिकार मूर्तियां बनाकर ही अपने घर का खर्चा चलाता है और इस साल तो कारीगरों का मेहनताना भी नहीं दे पा रहे हैं.

पढ़ें- मूर्तिकारों पर फिर पड़ी कोरोना की 'काली परछाई', दुर्गा पूजा में नहीं सुधरे हालात


सरकार से दुर्गा पूजा के लिए दी गई गाइडलाइन

  • पूजा उत्सव के दौरान भोग, भंडारा प्रसाद वितरण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध रहेगा.
  • पूजा पंडाल केवल 15 फीट लंबा और चौड़ाई में होगा, झांकियां नहीं बनेगी.
  • पंडाल के सामने कम से कम 3000 वर्ग फीट खुली जगह होगी. पंडाल वहीं बनेगा जहां गली और सड़क का हिस्सा प्रभावित ना हो.
  • एक पंडाल से दूसरे पंडाल की दूरी 250 मीटर से कम ना हो.
    पूजा पंडाल और उसके सामने 20 लोगों से ज्यादा लोग शामिल नहीं होंगे.
  • समिति को श्रद्धालुओं का मोबाइल नंबर और पता दर्ज कराना होगा.
  • समिति को पूजा पंडाल के पास 4 सीसीटीवी लगाने होंगे.
  • मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य रहेगा.
  • सैनिटाइजर, थर्मल स्कैनिंग, ऑटोसिस्टम हैंड वॉच और व्यू मेकैनिज्म करना होगा.
  • पूजा पंडाल में अलग-अलग रास्ते बैरिकेडिंग लगाना होगा.
  • पूजा दर्शन के दौरान कोई व्यक्ति संक्रमित होता है, तो इलाज समिति को करना होगा.
  • कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना पर रोक रहेगी
  • पूजा उत्सव के बीच कंटेनमेंट जोन हुआ तो पूजा पर रोक लगा दी जाएगी
  • मूर्ति लाने और ले जाने में बैंड बाजा और डीजे प्रतिबंध
  • नगर निगम द्वारा जारी रूटीन चार्ट से ही मूर्तियां लाना और विसर्जित करना होगा. व्यस्त मार्गों से मूर्ति लाना प्रतिबंध रहेगा.
  • मूर्ति विसर्जन के लिए 7 दिन पहले नगर निगम के जोन कार्यालय में शपथ पत्र देना होगा.
  • गरबा और डांडिया पर रोक रहेगी.

गणेश पर्व के दौरान मूर्तिकार ने सुसाइड करने की कोशिश

मूर्तीकार बताते हैं कि इस साल जिस तरह के हालात हैं और सरकार की लेट गाइडलाइन जारी होने की वजह से मूर्तिकारों को काफी नुकसान सहना पड़ा. उन्होंने बताया कि गणेश पर्व के दौरान ही एक मूर्तिकार ने जहर खाकर सुसाइड करने की कोशिश की थी, लेकिन उसे बचा लिया गया था.

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