रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में 'गौधन न्याय योजना' की शुरुआत हरेली पर्व यानी 20 जुलाई को की जाएगी. पशुपालकों से गोबर खरीदी की इस महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन के संबंध में प्रदेश के कृषि विकास, किसान कल्याण और जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं. ये दिशा निर्देश सभी संभागायुक्तों, जिला कलेक्टरों, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, नगर निगम के कमिश्नरों, नगर पालिका और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को जारी कर दिए गए हैं.
गोबर के क्रय और भुगतान की प्रक्रिया, वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए स्वसहायता समूहों के प्रशिक्षण, वर्मी कम्पोस्ट टांका निर्माण, गौठानों में गोबर प्रसंस्करण, वर्मी कम्पोस्ट की पैकेजिंग, वर्मी कम्पोस्ट के विपणन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. योजना के संचालन और क्रियान्वयन का पूरा दायित्व जिला कलेक्टरों का होगा.
कृषि मंत्री ने कहा गौठानों में जल्द शुरू होगा काम
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आदेश के मुताबिक गोबर की खरीदी 2 रुपए प्रति किलों की जाएगी. खरीदे हुए गोबर को गौठान में ले जाया जाएगा. छत्तीसगढ़ में 2400 गौठानों का निर्माण किया जा चुका है, जहां गोबरों को इकट्ठा करने का काम शुरू किया जाएगा. मंत्री ने कहा कि 2800 निर्माणाधीन गौठान हैं, आने वाले समय में उनमें भी ये काम किया जाएगा. मुख्यमंत्री के निर्देश के मुताबिक सभी शहरीय निकायों में गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी जाएगी. वहां जब गोबर की खरीदी होगी तो वहां किस तरह से पूरी प्रक्रिया की जाएगी इसकी भी चर्चा हो चुकी है. उन्होंने कहा कि इस योजना से गरीब किसान परिवारों के साथ ही उन लोगों को भी आर्थिक मदद मिलेगी जिनके पास सिर्फ दो गाय भी होंगी.
- गोधन न्याय योजना ग्रामीण क्षेत्र में बनाए गए 2 हजार 408 गौठान और शहरी क्षेत्र के 377 गौठानों में संचालित की जाएगी.
- योजना से पशुपालकों की आय में वृद्धि और मवेशियों के खुले में चराने पर रोक लगेगी.
- जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा और रासायनिक उर्वरक उपयोग में कमी आएगी.
- खरीफ और रबी फसल सुरक्षा और द्विफसलीय क्षेत्र में विस्तार होगा.
- स्थानीय स्तर पर जैविक खाद की उपलब्धता होगी.
- स्थानीय स्वसहायता समूहों को रोजगार भी मिलेगा.
- भूमि की उर्वरता में सुधार, विष रहित खाद्य पदार्थो की उपलब्धता और सुपोषण के स्तर में सुधार होगा.
इन नियमों के तहत होगी गोबर की खरीदी
- गौठान समिति पशुपालकों से क्रय किए जा रहे गोबर का लेखा विवरण दो प्रतियों में रखेगी. गोबर क्रय पत्रक का नमूना निर्धारित कर लिया गया है.
- गोबर क्रय पत्रक में पशुपालक का हस्ताक्षर अनिवार्य रूप से लिया जाएगा. हितग्राहियों से गोबर ही लिया जाएगा, गोबर के कोई उत्पाद या कंडा नहीं लिया जाएगा.
- बायोमॉस (जैविक अपशिष्ट) स्वेच्छा से गौठानों में प्रदाय किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए कोई भी राशि देय नहीं होगी.
- गौठान में रहने वाले पशुओं से उत्सर्जित गोबर गौठान के हक में होगा, उसके लिए पशुपालक को पृथक से राशि देय नहीं होगी.
- गौठान में पशुओं के लिए यथासंभव हरा चारा की आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.