रायपुर: लॉकडाउन के बाद से छत्तीसगढ़ में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह सक्रिय हो गया है. पिछले 15 दिनों में कई पुलिस थानों में सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपए ठगने की शिकायत हुई है. इनमें कई घटनाएं शामिल है.
जुलाई में छत्तीसगढ़ आयकर विभाग में विभिन्न पदों पर भर्ती के नाम पर बेरोजगारों से ठगी करने का मामला सामने आया था. रायपुरा निवासी दीपेश यादव ने दुर्ग में शिक्षक पद के लिए आवेदन किया था. एक माहीने बाद दीपेश को जिला शिक्षा अधिकारी के नाम पर फोन आया चयन होने का झांसा देकर उससे 50 हजार रुपए जमा कराने को कहा गया. ठग के बताए गए खाते में दीपेश ने 20 हजार रुपए जमा करा दिए. ठग ने युवक को भरोसे में लेने के लिए फर्जी चयन सूची भी भेजी थी. ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं.
दरअसल, देश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. कई सेक्टरों में लोगों की नौकरी खतरे में पड़ गई है. लॉकडाउन के दौरान लाखों की संख्या में प्रवासी प्रदेश लौटे हैं. ऐसे में कई लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया. बेरोजगारी की दर बढ़ गई है. ऐसे समय में नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाला गिरोह भी सक्रिय हो गया है. बेरोजगारी के दौर में गिरोह आए दिन बेरोजगारों से नौकरी के नाम पर ठगी कर रहे हैं. प्रदेश भर से ऐसी घटनाएं सामने आ रही है.
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खनिज विभाग बिलासपुर में सहायक ग्रेड 3 की नौकरी लगाने का झांसा देकर राजेंद्र नगर निवासी दिव्यांग हेमलेश्वर साहू से 40 हजार रुपए की ठगी की गई. ठग ने कॉल करके खुद को खनिज शाखा विभाग से सच्चिदानंद गुप्ता नाम बताते हुए कहा था कि आपका चयन हो गया है इसके लिए एक लाख रुपए देने होंगे. हेमलेश्वर ने दोस्त से उधार लेकर 40 हजार रुपए खाते में जमा कर दिए थे. उसे बाद में ठगी का पता चला.
पुलिस भी कर रही कार्रवाई
जैसे-जैसे ठगी के अपराध बढ़ रहे हैं. वैसे-वैसे ही पुलिस कार्रवाई भी तेज हो रही है. हाल के दिनों में पुलिस ने कई मामलों में आरोपियों की भी गिरफ्तारी की है. मंत्रालय में सेटिंग के नाम पर ठगी करने वाले कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. नर्सिंग की परीक्षा में पास कराने के नाम पर कई लोगों से पैसे ठगने के आरोप में पुलिस ने गिरोह के सरगना सहित 6 ठगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.