रायपुर: छत्तीसगढ़ में लेमरू हाथी कॉरिडोर परियोजना को लेकर एक बार फिर से राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बड़ा बयान देते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर निशाना साधा है. उन्होंने सिंहदेव पर तंज कसते हुए कहा कि एक तरफ कैबिनेट में सभी मंत्री प्रोजेक्ट को सहमति देते हैं. लेकिन जब मंत्री अपने क्षेत्र में जा रहे हैं तो दिखावे का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि ढाई-ढाई साल को लेकर यदि बात हुई है, तो टीएस सिंहदेव को बेचैनी तो होगी ही.
दिखावे के लिए विरोध
पूर्व CM रमन सिंह ने कहा कि लेमरू प्रोजेक्ट को लेकर मंत्री टीएस सिंहदेव विस्थापितों के साथ खड़े हो रहे हैं. जबकि वे केबिनेट में इसका विरोध नहीं करते हैं. रमन सिंह ने कहा कि दिखावे के लिए विरोध करने का कोई मतलब नहीं है. अगर विरोध ही करना है तो पूरी तरह से कैबिनेट की बैठक लें और सरकार के निर्णय के बारे में बात करें.
रमन सिंह ने ये भी कहा कि प्रोजेक्ट को विस्तार देने से प्रभावित हो रहे सरगुजा अंचल के 39 गांव के रहवासियों के साथ आप खड़े हो रहे हैं. प्रोजेक्ट को स्वीकृति सरकार ने दी है, कैबिनेट में आप सरकार के निर्णय का समर्थन करते हो. जब सरगुजा जाते हो तो प्रोजेक्ट से विस्थापित होने वालों से बात करते हो, उनके पक्ष में बोलते हो. रमन सिंह ने कहा कि हाथी कॉरीडोर में 39 गांवों को आंशिक और पूर्ण रूप से विस्थापित करने की जरूरत पड़ेगी. जो की पहले से ही स्पष्ट था. ऐसे में इसको मंजूरी देने का कोई औचित्य नहीं था. आज जब रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी गई है, तब इस तरह के विरोध का क्या अर्थ है.
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ढाई-ढाई साल के कार्यकाल को लेकर तंज
रमन सिंह ने मुख्यमंत्री पद के लिए ढाई-ढाई साल कार्यकाल को लेकर कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन जरूर सुनने में आता है कि दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच में ढाई-ढाई साल का कार्यकाल तय किया गया था. यदि यह विषय है, तो समय नजदीक आता जा रहा है. जाहिर है उनकी बेचैनी बढ़ेगी.
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क्या है पूरा मामला
मंगलवार को प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव अपने विधानसभा क्षेत्र के खम्हरिया गांव में आयोजित स्थानीय कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इस दौरान सिंहदेव ने ग्रामीणों को निजी सलाह देते हुए कहा कि लेमरू प्रोजेक्ट में जमीन देने के मामले में किसी के दबाव में आने की जरूरत नहीं है. आप चाहेंगे तभी आपकी जमीन अभ्यारण्य में जाएगी. छत्तीसगढ़ सरकार की लेमरू हाथी कॉरिडोर परियोजना का सरगुजा के ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में विरोध होना शुरू हो गया है. ग्रामीणों का कहना है कि वे किसी भी हाल में अपने क्षेत्र में इस परियोजना को लागू नहीं होने देंगे. इसके लिए 2 अक्टूबर के बाद से लगातार गांवों में बैठकों का दौर जारी है.