रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नीतियों की तारीफ की है. उन्होने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपरीत परिस्थितियों में भी चट्टान की तरह मजबूती के साथ डटे रहने वाले प्रधानमंत्री हैं. जो चुनौतियों को भी देश के लिए अवसर के रूप में बदलने का हौसला और ताकत रखते हैं. उन्होंने आगे कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में बहुत ही सजगता और संवेदनशीलता के साथ देश का नेतृत्व किया है. उन्होंने देशवासियों को आगे की राह दिखाई है.
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए 30 जून को प्रधानमंत्री ने देश के 80 करोड़ जरूरतमंद लोगों के लिए निशुल्क राशन की व्यवस्था को अगले पांच महीने तक के लिए आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है. इस योजना की अवधि बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद भी दिया है. देश के 80 करोड़ गरीबों के सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अगले पांच महीनों तक जारी रखने का प्रधानमंत्री मोदी का दूरदर्शी निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है.
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रमन ने गिनाए आंकड़े
उन्होंने कहा कि चावल और गेंहू के लिए सरकार ने 46 हजार करोड़ रुपए खर्च किए थे, जिसका पूरा खर्चा केंद्र सरकार ने ही उठाया था. वहीं तीन महीनों के लिए कुल 5.87 लाख मीट्रिक टन दाल की जरूरत थी. इसके लिए 5 हजार करोड़ रुपए का खर्च केंद्र सरकार ने ही उठाया है. अप्रैल से जून तक 4.40 लाख मीट्रिक टन दाल बांटी जा चुकी है. फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के डेटा के मुताबिक, जून तक सरकार के पास 832.69 लाख मीट्रिक टन अनाज है. इसमें 274.44 लाख मीट्रिक टन चावल और 558.25 लाख मीट्रिक टन गेंहू है.
चावल और गेंहू के अलावा 18 जून तक 8.76 लाख मीट्रिक टन दाल स्टॉक में थी. इसमें 3.77 लाख मीट्रिक टन तुअर दाल, 1.14 लाख मीट्रिक टन मूंग दाल, 2.28 लाख मीट्रिक टन उड़द दाल, 1.30 लाख मीट्रिक टन चना दाल और 0.27 लाख मीट्रिक टन मसूर दाल है. सरकार के मुताबिक, नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (एनएफएसए) और दूसरी योजनाओं के तहत हर महीने करीब 55 लाख मीट्रिक टन अनाज की जरूरत होती है. इस हिसाब से जून 2020 तक सरकार के पास जितना अनाज स्टॉक में है, उससे अगले 15 महीने तक गरीबों में अनाज बांटा जा सकता है.