ETV Bharat / state

janmashtami 2021: कई शुभ योगों के प्रभाव वाली है इस बार की जन्माष्टमी - छत्तीसगढ़ न्यूज

भाद्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी को श्री-कृष्ण जन्माष्टमी व्रत के रूप में देश भर में मनाया जाएगा. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर में तैयारियां जोरों पर है. ज्योतिषियों का मानना है कि प्रातः काल स्नान के बाद योग ध्यान करने और गौ-माता की सेवा करने से काफी फल प्राप्त होता है. इस दिन पंचामृत, दूध, मक्खन, खोवा, मिष्ठान, नेवाज आदि का भोग भगवान श्री कृष्ण को लगाया जाना चाहिए.

Sri Krishna Janmashtami
श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत
author img

By

Published : Aug 25, 2021, 10:42 PM IST

Updated : Aug 29, 2021, 9:36 PM IST

रायपुरः भाद्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी को श्री-कृष्ण जन्माष्टमी व्रत के रूप में देश भर में मनाया जाएगा. कृष्ण जन्माष्टमी का यह त्योहार 29 अगस्त की रात्रि 11:26 से प्रारंभ होकर 30 अगस्त की रात्रि 1:59 तक मनाया जाएगा. तह पूरा काल कृष्ण जन्माष्टमी का कहलाएगा. यह पर्व कृतिका और रोहिणी नक्षत्र में मनाया जाएगा. इस दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि में अर्थात वृषभ में विराजमान रहते हैं. भगवान श्री कृष्ण का जन्म वृषभ लग्न और वृषभ राशि में हुआ था. बहुत सारे ग्रह इस दिन उच्च के राशियों में स्थित रहते हैं. सूर्य ग्रहण स्वग्रह ही रहता है. इस दिन बालव और कौरव स्थिर योग भी कृष्ण जन्माष्टमी को शोभायमान कर रहा है. इस दिन महाकाली जयंती भी मनाई जाती है. इस तरह से कृष्ण जन्माष्टमी के दिन अनेक शुभ योगों का प्रभाव दिखाई पड़ रहा है.

श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत

योग गुरु विनीत शर्मा ने बताया कि श्री-कृष्ण जन्माष्टमी के दिन प्रातः काल स्नान करके योग ध्यान करने के उपरांत गौ माता की सेवा करनी चाहिए. वृषभ लग्न 30 अगस्त की रात्रि 10:22 से प्रारंभ होकर 12:21 तक रहेगा. इस समय कृष्ण जन्मोत्सव उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाना चाहिए. इस समय भगवान श्री कृष्ण को साफ-सुथरे झूले में बिठाया जाना चाहिए. घर-परिवार के सदस्य, छोटे बच्चों को कृष्ण बना सकते हैं. इस दिन को पूरी सात्विकता के साथ जीना चाहिए. साथ ही किसी भी रूप में क्रोध, लोभ, अहंकार आदि नहीं करना चाहिए.

chhattisgarh monsoon update: आज हल्की से मध्यम बारिश के आसार, 27 अगस्त से बस्तर में भारी बारिश की संभावना

सिद्धि रचनात्मक मंत्रों की शुद्धीकरण का पवित्र दिन
कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर गायत्री मंत्र का पाठ, महामृत्युंजय मंत्र का पाठ, मंत्र सिद्धि योग, सिद्धि तंत्र, सिद्धि रचनात्मक मंत्रों का जाप शुद्धिकरण के लिए इसे पवित्र दिन शुभ माना गया है. गौदान, करना गौ सेवा करना और गौ माताओं को नवीन वस्त्र पहनाने का भी विधान है. भगवान श्री कृष्ण सबसे बड़े गौपालक माने गए हैं. इस दिन गौ-माताओं की पूजा-अर्चना भी करनी चाहिए. हांडी तोड़ने का भी इस दिन विधान है, जिसे सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए.

रायपुरः भाद्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी को श्री-कृष्ण जन्माष्टमी व्रत के रूप में देश भर में मनाया जाएगा. कृष्ण जन्माष्टमी का यह त्योहार 29 अगस्त की रात्रि 11:26 से प्रारंभ होकर 30 अगस्त की रात्रि 1:59 तक मनाया जाएगा. तह पूरा काल कृष्ण जन्माष्टमी का कहलाएगा. यह पर्व कृतिका और रोहिणी नक्षत्र में मनाया जाएगा. इस दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि में अर्थात वृषभ में विराजमान रहते हैं. भगवान श्री कृष्ण का जन्म वृषभ लग्न और वृषभ राशि में हुआ था. बहुत सारे ग्रह इस दिन उच्च के राशियों में स्थित रहते हैं. सूर्य ग्रहण स्वग्रह ही रहता है. इस दिन बालव और कौरव स्थिर योग भी कृष्ण जन्माष्टमी को शोभायमान कर रहा है. इस दिन महाकाली जयंती भी मनाई जाती है. इस तरह से कृष्ण जन्माष्टमी के दिन अनेक शुभ योगों का प्रभाव दिखाई पड़ रहा है.

श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत

योग गुरु विनीत शर्मा ने बताया कि श्री-कृष्ण जन्माष्टमी के दिन प्रातः काल स्नान करके योग ध्यान करने के उपरांत गौ माता की सेवा करनी चाहिए. वृषभ लग्न 30 अगस्त की रात्रि 10:22 से प्रारंभ होकर 12:21 तक रहेगा. इस समय कृष्ण जन्मोत्सव उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाना चाहिए. इस समय भगवान श्री कृष्ण को साफ-सुथरे झूले में बिठाया जाना चाहिए. घर-परिवार के सदस्य, छोटे बच्चों को कृष्ण बना सकते हैं. इस दिन को पूरी सात्विकता के साथ जीना चाहिए. साथ ही किसी भी रूप में क्रोध, लोभ, अहंकार आदि नहीं करना चाहिए.

chhattisgarh monsoon update: आज हल्की से मध्यम बारिश के आसार, 27 अगस्त से बस्तर में भारी बारिश की संभावना

सिद्धि रचनात्मक मंत्रों की शुद्धीकरण का पवित्र दिन
कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर गायत्री मंत्र का पाठ, महामृत्युंजय मंत्र का पाठ, मंत्र सिद्धि योग, सिद्धि तंत्र, सिद्धि रचनात्मक मंत्रों का जाप शुद्धिकरण के लिए इसे पवित्र दिन शुभ माना गया है. गौदान, करना गौ सेवा करना और गौ माताओं को नवीन वस्त्र पहनाने का भी विधान है. भगवान श्री कृष्ण सबसे बड़े गौपालक माने गए हैं. इस दिन गौ-माताओं की पूजा-अर्चना भी करनी चाहिए. हांडी तोड़ने का भी इस दिन विधान है, जिसे सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए.

Last Updated : Aug 29, 2021, 9:36 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.