रायपुर: कोरोना वायरस ने पूरे देश में हाहाकार मचा दिया है. 25 मार्च के बाद से पूरे देश की तस्वीर बदल गई है. करीब 80 दिनों के लॉकडाउन के बाद देश को अनलॉक किया गया, जिसमें कई स्तर पर छूट दी गई है. लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा परेशानी मजदूर वर्ग और गरीब तबके के लोगों को हुई है. देश के कोने-कोने से मजदूर अपने गृहग्राम जाने को मजबूर हो गए हैं. कोरोना काल ने कई लोगों की रोजी-रोटी छीन ली है. इस दौरान जरूरतमंदों की मदद के लिए कई हाथ आगे भी बढ़े हैं.
आर्थिक रूप से सक्षम लोगों ने गरीबों और जरूरतमंद लोगों को राशन का वितरण किया. कई निजी संस्थान, उद्योगपति और आम लोगों ने मुख्यमंत्री सहायता कोष में दान भी दिया. प्रदेश के अलग-अलग कोने से सहायता के लिए लगातार मदद करने की खबरें आती रही है. राजधानी रायपुर में 'कुछ फर्ज हमारा भी' नाम की संस्था ने जरूरतमंदों को कच्चा राशन और बना हुआ भोजन देने का जिम्मा उठाया है. संस्था के फांउडर नितिन सिंह राजपूत से ETV भारत की टीम से बात करते हुए बताया कि उनकी टीम पिछले 3 साल से अलग-अलग क्षेत्र में लोगों की मदद कर रही है. जब लॉकडाउन लगा तो लोगों के सामने सबसे बड़ी दिक्कत यहीं आई कि उनके पास खाने को कुछ नहीं था.
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उनकी टीम ने शुरुआत में लोगों को कच्चा और पक्का भोजन उपलब्ध करवाया. खाना लेने के बाद लोगों की खुशियां उनके चेहरे पर दिखती थी. लोगों के चेहरों पर दिखने वाली खुशी उनको और उनकी टीम को ज्यादा से ज्यादा मदद करने के लिए हिम्मत देती थी. नितिन ने बताया कि खुद को सुरक्षित रखने के लिए पीपीई किट पहन कर लोगों तक मदद पहुंचाते हैं. उनका कहना है कि बेसहारा लोगों की मदद कर उनको और उनकी टीम को खुशी मिलती है. वह लगातार मदद के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाते रहेंगे.