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SPECIAL: प्रॉपर्टी खरीदने का है मन तो रखें इन बातों का ध्यान

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Published : Apr 17, 2021, 7:53 PM IST

प्रॉपर्टी विवाद और प्रॉपर्टी के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़ों में सबसे ज्यादा घाटा उपभोक्ता अर्थात आपका होता है. ऐसे में जरूरी है कि आप सतर्क रहें. आपको सतर्क के साथ समझदार बनाने के लिए ETV भारत ने प्रापर्टी मामलों के एक्सपर्ट से बात की है. इस तरह के विवादों से बचने के लिए आपको प्रॉपर्टी खरीदने से पहले कई बातों का ध्यान रखना चाहिए. पढ़ें पूरी खबर

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प्रॉपर्टी खरीदने से पहले रहें सतर्क

रायपुर: जमीन मकान जैसी संपत्ति की खरीदी के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी बेहद जरूरी है. प्रापर्टी के नाम पर ठगी और फर्जीवाड़े की घटनाएं अब आम सी लगने लगी है. आए दिन ऐसे विवाद सामने आते हैं. ऐसा एक विवाद आपको भारी घाटा भी करवा सकता है. कई बार देखा गया है कि फर्जी दस्तावेज के जरिए प्रॉपर्टी बेच दी जाती है. कई बार सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण कर उसे बेच दिया जाता है. एक ही प्रापर्टी को कई बार बेचने के मामले भी सामने आते हैं.

प्रॉपर्टी खरीदने से पहले सुनें एक्सपर्ट को

प्रॉपर्टी विवाद और प्रॉपर्टी के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़ों में सबसे ज्यादा घाटा उपभोक्ता अर्थात आपका होता है. ऐसे में जरूरी है कि आप सतर्क रहें. आपको सतर्क के साथ समझदार बनाने के लिए ETV भारत ने प्रापर्टी मामलों के एक्सपर्ट से बात की है. इस तरह के विवादों से बचने के लिए आपको प्रॉपर्टी खरीदने से पहले आपको इन बातों का ध्यान रखना होगा.

1. रेरा से रजिस्टर्ड प्रॉपर्टी ही खरीदें

  • अवैध प्लाटिंग से बचने के लिए जमीन या मकान खरीदने से पहले खरीदार ध्यान दें कि संबंधित प्रोजेक्ट रेरा से रजिस्टर्ड है या नहीं.
  • एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि (real estate regulatory authority) रेरा में रजिस्टर प्रॉपर्टी ही खरीदें.

2. प्रॉपर्टी खरीदने से पहले कराएं लीगल सर्च

  • किसी जमीन या मकान को खरीदने से पहले आप उसका लीगल सर्च करा सकते हैं. वकील के माध्यम से शुल्क देकर प्रॉपर्टी का सर्च रिपोर्ट निकाला जा सकता है. जिससे संबंधित संपत्ति के संबंध में पूरी जानकारी हासिल की जा सकती है. ऐसे में खरीदार को सलाह दी जाती है कि वह लीगल सर्च अवश्य करा ले.
  • बता दें कि किसी प्रॉपर्टी को फाइनेंस कराने पर बैंक भी उसकी सर्च रिपोर्ट बनवाता है. इसके लिए बैंक खरीदार से अलग से शुल्क भी लेते हैं. ऐसे में ध्यान रखें कि प्रॉपर्टी पहले से विवादित न हो.

3. भुइंया की भी ले सकते हैं मदद

  • संपत्ति के मामलों में लगातार फर्जीवाड़े सामने आने के बाद सरकार ने भुइंया नाम से एक सॉफ्टवेयर को डेवलप किया है. इसमें संबंधित प्रॉपर्टी के बारे में बेसिक जानकारी ऑनलाइन मिल जाती है. कोई भी संपत्ति खरीदने से पहले भुइंया पोर्टल पर एक बार उस प्रॉपर्टी का स्टेटस जरूर चेक करें. (भू-अभिलेख कंप्यूटरीकरण परियोजना)
  • भुइंया पोर्टल के जरिए अब जमीन के फर्जीवाड़े के मामलों में कमी भी आई है. पहले एक ही संपत्ति को कई बार बेच देने का मामला सामने आता था. लेकिन अब ऐसे मामलों में कमी देखी जा रही है. (Land Records Computerization Project)

4. ऐसे होती है प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री

  • फिलहाल प्रॉपर्टी की खरीदी बिक्री को सरकार ने आसान बनाने की पहल की है. ऑनलाइन सेवा भी शुरू कर दी गई है. कई बार सरकार टैक्स पर छूट की पेशकश भी करती है. इससे खरीदने और बेचने वाले को काफी सुविधा मिल गई है. उन्हें अनावश्यक भटकने की जरूरत नहीं है.
  • जमीन, मकान या फ्लैट खरीदने के लिए रजिस्ट्री कराई जाती है. संपत्ति के बाजार मूल्य के आधार पर ई-स्टांप खरीदी की जाती है. इसके बाद ऑनलाइन ही अपॉइंटमेंट मिलता है. इसमें खरीदने और बेचने वाले को काफी सुविधा मिल गई है.

रायपुर पंजीयक बीएस नायक का कहना है कि पहचान पत्र से लेकर तमाम अभिलेखों के ऑनलाइन होने के कारण अब फर्जीवाड़ा की गुंजाइश कम है. फिर भी क्रेता को अपनी ओर से सावधानी बरतनी चाहिए. एक्सपर्ट के बताए गए कार्यों को अवश्य कर लेना चाहिए. इस तरह की छोटी-छोटी सावधानी आपको बड़े घाटे से बचा सकती है. इसलिए प्रॉपर्टी खरीदते समय ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग करते हुए किसी अच्छे वकील की सलाह अवश्य लेनी चाहिए.

इन फैक्ट का रखें ध्यान

  • 100 रुपए या उससे ज्यादा की कोई भी अचल संपत्ति (Immovable Assets) की खरीद और बिक्री पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हैं. इसे Registration Act 1908 के सेक्सन 17 में उल्लेखित किया गया है.
  • संपत्ती खरीदने पर लिखित प्रमाण जरूरी है. इसलिए पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) कराया जाता है. ताकि लिखित तौर पर आप मालिक बन सकें.
  • बैनामा, अलॉटमेंट लेटर, पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी , प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद, खाता प्रमाण पत्र, नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट और पहचान पत्र जैसे दस्तावेज भी जरूरी होते हैं. इन्हें तैयार कर लें.

रायपुर: जमीन मकान जैसी संपत्ति की खरीदी के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी बेहद जरूरी है. प्रापर्टी के नाम पर ठगी और फर्जीवाड़े की घटनाएं अब आम सी लगने लगी है. आए दिन ऐसे विवाद सामने आते हैं. ऐसा एक विवाद आपको भारी घाटा भी करवा सकता है. कई बार देखा गया है कि फर्जी दस्तावेज के जरिए प्रॉपर्टी बेच दी जाती है. कई बार सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण कर उसे बेच दिया जाता है. एक ही प्रापर्टी को कई बार बेचने के मामले भी सामने आते हैं.

प्रॉपर्टी खरीदने से पहले सुनें एक्सपर्ट को

प्रॉपर्टी विवाद और प्रॉपर्टी के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़ों में सबसे ज्यादा घाटा उपभोक्ता अर्थात आपका होता है. ऐसे में जरूरी है कि आप सतर्क रहें. आपको सतर्क के साथ समझदार बनाने के लिए ETV भारत ने प्रापर्टी मामलों के एक्सपर्ट से बात की है. इस तरह के विवादों से बचने के लिए आपको प्रॉपर्टी खरीदने से पहले आपको इन बातों का ध्यान रखना होगा.

1. रेरा से रजिस्टर्ड प्रॉपर्टी ही खरीदें

  • अवैध प्लाटिंग से बचने के लिए जमीन या मकान खरीदने से पहले खरीदार ध्यान दें कि संबंधित प्रोजेक्ट रेरा से रजिस्टर्ड है या नहीं.
  • एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि (real estate regulatory authority) रेरा में रजिस्टर प्रॉपर्टी ही खरीदें.

2. प्रॉपर्टी खरीदने से पहले कराएं लीगल सर्च

  • किसी जमीन या मकान को खरीदने से पहले आप उसका लीगल सर्च करा सकते हैं. वकील के माध्यम से शुल्क देकर प्रॉपर्टी का सर्च रिपोर्ट निकाला जा सकता है. जिससे संबंधित संपत्ति के संबंध में पूरी जानकारी हासिल की जा सकती है. ऐसे में खरीदार को सलाह दी जाती है कि वह लीगल सर्च अवश्य करा ले.
  • बता दें कि किसी प्रॉपर्टी को फाइनेंस कराने पर बैंक भी उसकी सर्च रिपोर्ट बनवाता है. इसके लिए बैंक खरीदार से अलग से शुल्क भी लेते हैं. ऐसे में ध्यान रखें कि प्रॉपर्टी पहले से विवादित न हो.

3. भुइंया की भी ले सकते हैं मदद

  • संपत्ति के मामलों में लगातार फर्जीवाड़े सामने आने के बाद सरकार ने भुइंया नाम से एक सॉफ्टवेयर को डेवलप किया है. इसमें संबंधित प्रॉपर्टी के बारे में बेसिक जानकारी ऑनलाइन मिल जाती है. कोई भी संपत्ति खरीदने से पहले भुइंया पोर्टल पर एक बार उस प्रॉपर्टी का स्टेटस जरूर चेक करें. (भू-अभिलेख कंप्यूटरीकरण परियोजना)
  • भुइंया पोर्टल के जरिए अब जमीन के फर्जीवाड़े के मामलों में कमी भी आई है. पहले एक ही संपत्ति को कई बार बेच देने का मामला सामने आता था. लेकिन अब ऐसे मामलों में कमी देखी जा रही है. (Land Records Computerization Project)

4. ऐसे होती है प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री

  • फिलहाल प्रॉपर्टी की खरीदी बिक्री को सरकार ने आसान बनाने की पहल की है. ऑनलाइन सेवा भी शुरू कर दी गई है. कई बार सरकार टैक्स पर छूट की पेशकश भी करती है. इससे खरीदने और बेचने वाले को काफी सुविधा मिल गई है. उन्हें अनावश्यक भटकने की जरूरत नहीं है.
  • जमीन, मकान या फ्लैट खरीदने के लिए रजिस्ट्री कराई जाती है. संपत्ति के बाजार मूल्य के आधार पर ई-स्टांप खरीदी की जाती है. इसके बाद ऑनलाइन ही अपॉइंटमेंट मिलता है. इसमें खरीदने और बेचने वाले को काफी सुविधा मिल गई है.

रायपुर पंजीयक बीएस नायक का कहना है कि पहचान पत्र से लेकर तमाम अभिलेखों के ऑनलाइन होने के कारण अब फर्जीवाड़ा की गुंजाइश कम है. फिर भी क्रेता को अपनी ओर से सावधानी बरतनी चाहिए. एक्सपर्ट के बताए गए कार्यों को अवश्य कर लेना चाहिए. इस तरह की छोटी-छोटी सावधानी आपको बड़े घाटे से बचा सकती है. इसलिए प्रॉपर्टी खरीदते समय ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग करते हुए किसी अच्छे वकील की सलाह अवश्य लेनी चाहिए.

इन फैक्ट का रखें ध्यान

  • 100 रुपए या उससे ज्यादा की कोई भी अचल संपत्ति (Immovable Assets) की खरीद और बिक्री पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हैं. इसे Registration Act 1908 के सेक्सन 17 में उल्लेखित किया गया है.
  • संपत्ती खरीदने पर लिखित प्रमाण जरूरी है. इसलिए पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) कराया जाता है. ताकि लिखित तौर पर आप मालिक बन सकें.
  • बैनामा, अलॉटमेंट लेटर, पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी , प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद, खाता प्रमाण पत्र, नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट और पहचान पत्र जैसे दस्तावेज भी जरूरी होते हैं. इन्हें तैयार कर लें.
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