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46 साल से 400 करोड़ बकाया बिल नहीं वसूल पाया बिजली विभाग, छोटे बकायेदारों के तुरंत कट जाते कनेक्शन

बिजली विभाग के कारनामे भी अजीब हैं. छोटे बिजली बिल धारकों के यहां अगर 1000-2000 का भी बिल बकाया हो तो तत्काल कनेक्शन काट दिया जाता है. जबकि लाखों-करोड़ों के बिल के बकायेदारों पर विभाग कार्रवाई करने में सुस्ती बरत रहा है.

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Published : Aug 28, 2021, 5:58 PM IST

Electricity department could not recover 400 crore outstanding bills for 46 years
46 साल से 400 करोड़ बकाया बिल नहीं वसूल पाया बिजली विभाग

रायपुर : बिजली विभाग का एक बड़ा मामला सामने आया है. आम लोग यदि 1000-2000 रुपए का बिजली बिल जमा न करें तो उनका कनेक्शन काटने विभाग के कर्मचारी घर, दफ्तर और दुकान पहुंच जाते हैं. लेकिन बड़े कारोबारी और बकायेदारों का कनेक्शन काटने की हिम्मत विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों में नहीं है. यही कारण है कि प्रदेश के कई बड़े उद्योगपति, व्यवसायी, बिल्डर और होटल संचालकों का लाखों-करोड़ों का बिल बकाया होने के बाद भी न तो उनसे राशि की वसूली की गई न ही अब तक उनका कनेक्शन काटा गया.

विधानसभा में भी जानकारी से हुआ मामले का खुलासा

इस बात का खुलासा विधानसभा से मिली जानकारी में हुआ है. विधानसभा सत्र के दौरान विधायक डमरूधर पुजारी ने सवाल उठाया था, जिसमें उन्होंने बकाया बिल से संबंधित जानकारी मांगी थी. डमरूधर के सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह जानकारी लिखित रूप में दी है. जानकारी के मुताबिक साल 1975 से अब तक ऐसे 141 बड़े बकायेदार शामिल हैं, जिन्होंने 407 करोड़ 42 लाख 46 हजार रुपये के बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है. इन उपभोक्ताओं में कई बड़े उद्योगपति-बिल्डर और होटल संचालक भी शामिल हैं. इन सभी ने साल 1975, 1986, 1990, 1991 और 1992 से लेकर 2021 तक 46 वर्ष में भी बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है.

दर्जनों बड़े-बड़े उद्योग संचालकों ने करोड़ों का बिल नहीं किया भुगतान

ईटीवी भारत को ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिसके मुताबिक कई ऐसी कंपनियां और संस्थान हैं जिन्होंने 10 लाख से करोड़ों रुपये के बिजली का भुगतान नहीं किया है. इसमें जून 1975 से मैसर्स महाकौशल री-रोलिंग उरला का बकाया बिजली बिल 12 लाख 65 हजार, मई 1986 से मैसर्स एमपी एलाय कास्टिंग बिलासपुर का 28 लाख 48 हजार, 1990 से मैसर्स बालको स्मेल्टर प्लांट कोरबा का 1 करोड़ 8 लाख 43 हजार, मई 1992 में मैसर्स एलायाड स्टील लिमिटेड रायपुर का 85 लाख 32 हजार एवं मैसर्स रायपुर स्टील मोल्डिंग उरला का 32 लाख 64 हजार और 1986 से मैसर्स सिंघानिया स्टील लिमिटेड उरला रायपुर का 32 लाख 28 हजार रुपए के बिल का भुगतान अब तक नहीं हुआ है.

कई पावर प्लांट के पर भी करोड़ों के बिल बकाया

साल 2013 से लेकर जनवरी 2021 तक में श्री बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड बोरझरा रायपुर का 17 करोड़ 85 लाख 49 हजार, मैसर्स बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड टीएमटी डिवीजन उरला रायपुर का एक करोड़ 33 लाख 37 हजार, मैसर्स गोयल एंड एनर्जी स्टील प्राइवेट लिमिटेड टाटीबंध रायपुर का 13 करोड़ 18 लाख 20 हजार, मैसर्स गोयल एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड बोरझरा 12 करोड़ 87 लाख 71 हजार, मैसर्स वंदना ग्लोबल लिमिटेड सिलतरा का 41 करोड़ 27 लाख 47 हजार और मैसर्स एसकेएस इस्पात सिलतरा का सात करोड़ सात लाख 2 हजार बकाया है.

कई बिल्डरों के यहां भी लाखों का बकाया

इसके अलावा राजधानी के कई नामी बिल्डरों, जिनमें में मैसर्स सिंघानिया बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड उत्तर रायपुर का 13 लाख 68 हजार, आरसीपी इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड का 16 लाख 94 हजार, पार्थिवी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड 10 लाख 78 हजार, होटल बेबीलॉन कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड का 46 लाख 7 हजार रुपये भुगतान नहीं किया गया है.

38 कंपनियों के कटे कनेक्शन, 1.5 प्रतिशत प्रतिमाह वसूला जाएगा अधिभार

बिजली विभाग ने 77 करोड़ 49 लाख रुपये बकाया राशि वसूलने के लिए 38 कंपनियों पर कार्रवाई करते हुए अस्थायी तौर पर बिजली कनेक्शन काट दिये हैं. विभाग की ओर से की गई कार्रवाई के खिलाफ उपभोक्ताओं ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वहीं विभागीय अधिकारियों के मुताबिक बिजली बिल का भुगतान नहीं किये जाने पर उनसे प्रति महीने 1.5% की दर से अधिभार लिया जाएगा.

बकाया वसूली की समय-सीमा बताना संभव नहीं

इधर, विधानसभा में दी गई जानकारी में बिजली विभाग की ओर से बताया गया कि बकाया राशि की वसूली के लिए कंपनी के मैदानी अधिकारियों द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. यह एक सतत प्रक्रिया है. ऐसे में पूर्ण बकाया राशि की वसूली के लिए समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है.

रायपुर : बिजली विभाग का एक बड़ा मामला सामने आया है. आम लोग यदि 1000-2000 रुपए का बिजली बिल जमा न करें तो उनका कनेक्शन काटने विभाग के कर्मचारी घर, दफ्तर और दुकान पहुंच जाते हैं. लेकिन बड़े कारोबारी और बकायेदारों का कनेक्शन काटने की हिम्मत विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों में नहीं है. यही कारण है कि प्रदेश के कई बड़े उद्योगपति, व्यवसायी, बिल्डर और होटल संचालकों का लाखों-करोड़ों का बिल बकाया होने के बाद भी न तो उनसे राशि की वसूली की गई न ही अब तक उनका कनेक्शन काटा गया.

विधानसभा में भी जानकारी से हुआ मामले का खुलासा

इस बात का खुलासा विधानसभा से मिली जानकारी में हुआ है. विधानसभा सत्र के दौरान विधायक डमरूधर पुजारी ने सवाल उठाया था, जिसमें उन्होंने बकाया बिल से संबंधित जानकारी मांगी थी. डमरूधर के सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह जानकारी लिखित रूप में दी है. जानकारी के मुताबिक साल 1975 से अब तक ऐसे 141 बड़े बकायेदार शामिल हैं, जिन्होंने 407 करोड़ 42 लाख 46 हजार रुपये के बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है. इन उपभोक्ताओं में कई बड़े उद्योगपति-बिल्डर और होटल संचालक भी शामिल हैं. इन सभी ने साल 1975, 1986, 1990, 1991 और 1992 से लेकर 2021 तक 46 वर्ष में भी बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है.

दर्जनों बड़े-बड़े उद्योग संचालकों ने करोड़ों का बिल नहीं किया भुगतान

ईटीवी भारत को ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिसके मुताबिक कई ऐसी कंपनियां और संस्थान हैं जिन्होंने 10 लाख से करोड़ों रुपये के बिजली का भुगतान नहीं किया है. इसमें जून 1975 से मैसर्स महाकौशल री-रोलिंग उरला का बकाया बिजली बिल 12 लाख 65 हजार, मई 1986 से मैसर्स एमपी एलाय कास्टिंग बिलासपुर का 28 लाख 48 हजार, 1990 से मैसर्स बालको स्मेल्टर प्लांट कोरबा का 1 करोड़ 8 लाख 43 हजार, मई 1992 में मैसर्स एलायाड स्टील लिमिटेड रायपुर का 85 लाख 32 हजार एवं मैसर्स रायपुर स्टील मोल्डिंग उरला का 32 लाख 64 हजार और 1986 से मैसर्स सिंघानिया स्टील लिमिटेड उरला रायपुर का 32 लाख 28 हजार रुपए के बिल का भुगतान अब तक नहीं हुआ है.

कई पावर प्लांट के पर भी करोड़ों के बिल बकाया

साल 2013 से लेकर जनवरी 2021 तक में श्री बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड बोरझरा रायपुर का 17 करोड़ 85 लाख 49 हजार, मैसर्स बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड टीएमटी डिवीजन उरला रायपुर का एक करोड़ 33 लाख 37 हजार, मैसर्स गोयल एंड एनर्जी स्टील प्राइवेट लिमिटेड टाटीबंध रायपुर का 13 करोड़ 18 लाख 20 हजार, मैसर्स गोयल एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड बोरझरा 12 करोड़ 87 लाख 71 हजार, मैसर्स वंदना ग्लोबल लिमिटेड सिलतरा का 41 करोड़ 27 लाख 47 हजार और मैसर्स एसकेएस इस्पात सिलतरा का सात करोड़ सात लाख 2 हजार बकाया है.

कई बिल्डरों के यहां भी लाखों का बकाया

इसके अलावा राजधानी के कई नामी बिल्डरों, जिनमें में मैसर्स सिंघानिया बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड उत्तर रायपुर का 13 लाख 68 हजार, आरसीपी इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड का 16 लाख 94 हजार, पार्थिवी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड 10 लाख 78 हजार, होटल बेबीलॉन कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड का 46 लाख 7 हजार रुपये भुगतान नहीं किया गया है.

38 कंपनियों के कटे कनेक्शन, 1.5 प्रतिशत प्रतिमाह वसूला जाएगा अधिभार

बिजली विभाग ने 77 करोड़ 49 लाख रुपये बकाया राशि वसूलने के लिए 38 कंपनियों पर कार्रवाई करते हुए अस्थायी तौर पर बिजली कनेक्शन काट दिये हैं. विभाग की ओर से की गई कार्रवाई के खिलाफ उपभोक्ताओं ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वहीं विभागीय अधिकारियों के मुताबिक बिजली बिल का भुगतान नहीं किये जाने पर उनसे प्रति महीने 1.5% की दर से अधिभार लिया जाएगा.

बकाया वसूली की समय-सीमा बताना संभव नहीं

इधर, विधानसभा में दी गई जानकारी में बिजली विभाग की ओर से बताया गया कि बकाया राशि की वसूली के लिए कंपनी के मैदानी अधिकारियों द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. यह एक सतत प्रक्रिया है. ऐसे में पूर्ण बकाया राशि की वसूली के लिए समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है.

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