रायपुर: हजार बर्क़ गिरे, लाख आंधियां उठे, वो फूल खिल के रहेंगे, जो खिलने वाले हैं. हौसले से भरी साहिर लुधियानवी की ये पंक्तियां रायपुर के रहने वाले पीयूष पर सटीक बैठती हैं. इस युवक ने तमाम चुनौतियों को बौना साबित करते हुए अपनी कल्पना को नई उड़ान दी.
एयरोनॉटिकल इंजीनियर की डिग्री के बाद पीयूष ने जॉब सर्च करना शुरू किया. कुछ दिन बंगलुरु की एक कंपनी से जुड़े भी, लेकिन मन में अपना कुछ करने, एक मुकाम हासिल करने की धुन सवार थी. कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही प्रोजेक्ट वर्क में पीयूष ने ड्रोन बनाया था और बाद में भी छोटे-छोटे ड्रोन बनाता रहा.
इसी बीच पीयूष की हॉस्टल वॉर्डन के रूप में सरकारी नौकरी लग गई, लेकिन नौकरी जमी नहीं. पीयूष ने खुद को नौकरी में बांधकर न रखने का फैसला लिया. अपने सपने को पूरा करने के लिए वह बैंक से लोन लेने की कोशिश करने लगा. पीयूष ड्रोन बनाना चाहता था, राह आसान न थी. इस काम के लिए ज्यादातर बैंकों ने लोन देने से मना कर दिया. आखिरकार, एक बैंक ने पीयूष के आइडिया पर भरोसा जताया, लेकिन महज 50 हजार का लोन देने के लिए तैयार हुआ. बैंक प्रोसेसिंग के बाद पीयूष के हाथ में 45 हजार रुपए आए. इस छोटी सी रकम के साथ पीयूष ने अपना सफर शुरू किया.
साल 2017 की शुरुआत में पीयूष ने छोटे ड्रोन बनाकर शहर के स्पोर्टस, शॉपिंग सेंटर के सामने अपने बनाए ड्रोन उड़ाना शुरू किया. इन ड्रोन को उड़ता देख स्कूली बच्चे इसकी ओर आकर्षित हुए. पीयूष ने कुछ बच्चों को ड्रोन बनाने की बेसिक ट्रेनिंग भी दी. जल्द ही कई बच्चे ड्रोन मेकिग सीखने के लिए आने लगे. बात शहर के कुछ बड़े स्कूलों तक पहुंची और स्पेशल क्लास के लिए पीयूष को बुलाया जाने लगा. पीयूष को शुरुआती कमाई होने लगी. पीयूष ने एवीयोरोन प्राइवेट लिमिटेड नाम से अपनी कंपनी रजिस्टर्ड की और छोटे-बड़े ड्रोन बनाने लगा.
पीयूष की कड़ी मेहनत और लगन रंग लाई. पुलिस के एंटी नक्सल ऑपरेशन में मदद करने के लिए ड्रोन बनाने की जिम्मेदारी पीयूष को मिली, जिसे उसने बखूबी निभाया. इसके बाद CRPF, CG POLICE, ओडिशा और बिहार पुलिस ने भी पीयूष से ड्रोन खरीदना शुरू किया.
आज घने जंगलों में पीयूष के बनाए ड्रोन उड़ान भर रहे हैं. स्कूली बच्चों को भी ड्रोन मेकिंग के गुर सिखा रहे हैं. पीयूष की ही एक स्टूडेंट के बनाए ड्रोन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पिछली दंतेवाड़ा यात्रा के दौरान तारीफ की थी.
कामयाबी आज पीयूष के कदम चूम रही है. आज 18 हजार रुपए से लेकर 20 लाख तक की कीमत के ड्रोन बना रहे हैं. 45 हजार से शुरू हुई कंपनी की आज वैल्यू 3.50 करोड़ है. भविष्य में पीयूष सेटेलाइट और ड्रोन एंबुलेंस बनाने की तैयारी कर रहे हैं. वाकई, पीयूष का ये सफर एक मिसाल है, उन लोगों के लिए जो अपना खास मुकाम बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.