रायपुर : लोकसभा में पारित नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2019 को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अव्यवहारिक बताते हुए बिल का विरोध किया है. राजधानी के कई निजी अस्पतालों ने दिनभर के लिए अपनी ओपीडी जैसी सेवाएं बंद कर रखी हैं. लेकिन, एमरजेंसी और आईसीयू की सुविधाएं जारी हैं.
मेडिकल एसोसिएशन ने एमएनसी बिल को अधूरा माना है. एसोसिएशन बिल में कई सुधार की मांगे करता रहा है. लेकिन, इस ओर सरकार ने ध्यान ही नहीं दिया. इस विरोध में मेडिकल एसोसिएशन को मेडिकल स्टूडेंट नेटवर्क का भी समर्थन मिला है.
डॉक्टरों की मांग
- किसी एक पद्धति से इलाज करने वाले डॉक्टर को आयुर्वेदिक या एलोपैथी में ही न बांधे रखकर सभी तरीकों से इलाज करने की छूट दी जाए.
- नेशनल मेडिकल कमीशन बिल प्राइवेट के मुताबिक मेडिकल कॉलेज को 50% सीट मैनेजमेंट कोटे में देने होंगे, इससे मेडिकल की शिक्षा महंगी हो जाएगी. इसमें सुधार किया जाए.
- बिल में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम के मुताबिक झोलाझाप डॉक्टरों को मेडिकल प्रैक्टिस की इजाजत मिल जाएगी. ये मरीजों के लिए घातक होगा. इसमें बदलाव किए जाए.