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राजधानी : इलाज कराने भटक रहे मरीज, निजी अस्पतालों की ओपीडी बंद

नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में देशभर के निजी डॉक्टरों का विरोध जारी है. इसी कड़ी में रायपुर के कई निजी अस्पतालों ने अगले 24 घंटे के लिए अपनी ओपीडी सेवाएं बंद करने का फैसला लिया है.

परेशान मरीज.
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Published : Jul 31, 2019, 2:35 PM IST

Updated : Jul 31, 2019, 5:57 PM IST

रायपुर : लोकसभा में पारित नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2019 को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अव्यवहारिक बताते हुए बिल का विरोध किया है. राजधानी के कई निजी अस्पतालों ने दिनभर के लिए अपनी ओपीडी जैसी सेवाएं बंद कर रखी हैं. लेकिन, एमरजेंसी और आईसीयू की सुविधाएं जारी हैं.

रायपुर में निजी अस्पतालों का विरोध.

मेडिकल एसोसिएशन ने एमएनसी बिल को अधूरा माना है. एसोसिएशन बिल में कई सुधार की मांगे करता रहा है. लेकिन, इस ओर सरकार ने ध्यान ही नहीं दिया. इस विरोध में मेडिकल एसोसिएशन को मेडिकल स्टूडेंट नेटवर्क का भी समर्थन मिला है.

डॉक्टरों की मांग

  • किसी एक पद्धति से इलाज करने वाले डॉक्टर को आयुर्वेदिक या एलोपैथी में ही न बांधे रखकर सभी तरीकों से इलाज करने की छूट दी जाए.
  • नेशनल मेडिकल कमीशन बिल प्राइवेट के मुताबिक मेडिकल कॉलेज को 50% सीट मैनेजमेंट कोटे में देने होंगे, इससे मेडिकल की शिक्षा महंगी हो जाएगी. इसमें सुधार किया जाए.
  • बिल में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम के मुताबिक झोलाझाप डॉक्टरों को मेडिकल प्रैक्टिस की इजाजत मिल जाएगी. ये मरीजों के लिए घातक होगा. इसमें बदलाव किए जाए.

रायपुर : लोकसभा में पारित नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2019 को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अव्यवहारिक बताते हुए बिल का विरोध किया है. राजधानी के कई निजी अस्पतालों ने दिनभर के लिए अपनी ओपीडी जैसी सेवाएं बंद कर रखी हैं. लेकिन, एमरजेंसी और आईसीयू की सुविधाएं जारी हैं.

रायपुर में निजी अस्पतालों का विरोध.

मेडिकल एसोसिएशन ने एमएनसी बिल को अधूरा माना है. एसोसिएशन बिल में कई सुधार की मांगे करता रहा है. लेकिन, इस ओर सरकार ने ध्यान ही नहीं दिया. इस विरोध में मेडिकल एसोसिएशन को मेडिकल स्टूडेंट नेटवर्क का भी समर्थन मिला है.

डॉक्टरों की मांग

  • किसी एक पद्धति से इलाज करने वाले डॉक्टर को आयुर्वेदिक या एलोपैथी में ही न बांधे रखकर सभी तरीकों से इलाज करने की छूट दी जाए.
  • नेशनल मेडिकल कमीशन बिल प्राइवेट के मुताबिक मेडिकल कॉलेज को 50% सीट मैनेजमेंट कोटे में देने होंगे, इससे मेडिकल की शिक्षा महंगी हो जाएगी. इसमें सुधार किया जाए.
  • बिल में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम के मुताबिक झोलाझाप डॉक्टरों को मेडिकल प्रैक्टिस की इजाजत मिल जाएगी. ये मरीजों के लिए घातक होगा. इसमें बदलाव किए जाए.
Intro:रायपुर । लोकसभा में पारेत नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2019 को अव्यावहारिक बता कर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इसका विरोध किया है


Body:इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अपना विरोध प्रदर्शित करते हुए 31 जुलाई को देश के साथ प्रदेश भर के निजी अस्पतालों में उपचार व्यवस्था को 24 घंटे के लिए बंद रखा जाएगा एमरजैंसी कैजुअल्टी और आईसीयू की सुविधा छोड़कर बाकी तरह के इलाज अस्पताल में नहीं होगा सोमवार को लोकसभा में पारित किए गए एनएमसी बिल को आईएमए ने आधा अधूरा माना है उसकी ओर से एनएमसी बिल में कई संशोधन किए जाने की मांग की जाती रही है लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और मेडिकल स्टूडेंट नेटवर्क का नेशनल मेडिकल काउंसिल 2019 का विरोध जारी है विरोध के मुख्य बिंदु इस प्रकार से हैं

1 एनएमसी बिल एमबीबीएस मेडिकल प्रोफेशनल्स के अलावा अन्य पैथी में प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों को मिक्स पैथी सभी प्रकार की पति से इलाज करने की इजाजत दे दी जाएगी इससे भारत के उच्च गुणवत्ता वाले मेडिकल प्रोफेशनल्स का स्तर बहुत नीचे गिर जाएगा

2 नेशनल मेडिकल कमीशन बिल प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को 50% को मैनेजमेंट कोटे में दे देगा जिससे मेडिकल शिक्षा बहुत ज्यादा महंगी हो जाएगी

3 डॉक्टरों की संख्या बढ़ने की दिशा में सरकार के बीच का कचरा रास्ता निकाला है जिसमें एक तिहाई से ज्यादा अर्द्ध शिक्षित तथाकथित झोलाछाप डॉक्टरों को एलोपैथी मार्टिन मेडिसिन की प्रैक्टिस करने की इजाजत मिल जाएगी जिससे इलाज की गुणवत्ता पर दुष्प्रभाव पड़ेगा


Conclusion:बाईट - अनिल जैन ( अध्यक्ष आईएमए)

बाइट - राकेश गुप्ता ( अध्यक्ष हॉस्पिटल बोर्ड )

( विजुअल दूसरी बार मे भेजी गई है )
Last Updated : Jul 31, 2019, 5:57 PM IST
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