रायपुर: अक्टूबर 2018 के महीने में हुई युवक के हत्या मामले में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने पुलिसकर्मियों के कामकाज के तरीकों पर सवाल उठाए हैं. कोर्ट ने माना कि पुलिसकर्मियों ने स्तरहीन जांच की है. कोर्ट के मुताबिक, आरोपियों के खिलाफ पेश किए गए सबूत पुख्ता नहीं पाए गए हैं, जिसकी वजह से इंस्पेक्टर लक्ष्मण कुमेटी और अश्विनी राठौर के कामकाज के तरीकों पर सवाल उठ रहे हैं.
राजधानी के विधानसभा थाना के प्रभारी रहे लक्ष्मण कुमेटी और अश्विनी राठौर के खिलाफ अब गृह विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए रायपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने बाकायदा गृह विभाग को नोटिस भेजा है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि कार्रवाई की जानकारी भी कोर्ट को भेजी जाए. न्यायालय की यह नाराजगी पुलिस के लापरवाह रवैये की वजह से है.
कोर्ट ने गृह सचिवालय को दिए कार्रवाई के निर्देश
दरअसल अक्टूबर 2018 में विधानसभा थाना इलाके में हुई हत्या के मामले में बुधवार को कोर्ट ने 5 आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने माना कि पुलिस ने इस पूरे केस को गंभीरता से नहीं लिया और स्तरहीन जांच की है. इस पूरे मामले में थाना प्रभारी रहे लक्ष्मण कुमेटी और अश्विनी राठौर को कोर्ट ने बहुत लापरवाह पाया. इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश गृह सचिवालय को दिए हैं.
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जानकारी के मुताबिक, अक्टूबर 2018 में परमानंद चतुर्वेदी नाम के युवक की हत्या कर दी गई थी. युवक के हत्या का आरोप मृतक की चाची भगवती, फुलबतिया और इनके परिचित उमाशंकर, कैलाश और धर्मेंद्र पर था. अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक दोनों पक्षों में जमीन को लेकर विवाद हुआ था, जिसे पुलिस कोर्ट में साबित नहीं कर पाई.