रायपुर: राजधानी के पुलिस लाइन स्थित ट्रांजिट मेस में प्रदेश के डीजीपी डीएम अवस्थी ने संवेदना कार्यक्रम के तहत घायल जवानों की सुध ली. DGP घायल जवानों से रूबरू हुई और उनकी समस्याओं का तत्काल निराकरण किया.
संवेदना कार्यक्रम
पुलिस जवानों के कल्याण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में डीजीपी डीएम अवस्थी ने अलग-अलग घटनाओं में घायल हुए जवानों की समस्याओं के समाधान के लिए मंगलवार को संवेदना कार्यक्रम की शुरुआत की. कई घटनाओं में घायल हुए जवानों की जानकारी एकत्र कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है. कुछ जवानों और उनके परिजनों को रायपुर बुलाकर उनकी समस्याओं का तत्काल निराकरण किया गया. पिछले 20 साल में करीब 675 जवान घायल हुए हैं.
हेड कांस्टेबल एसटीएफ संतोष मरकाम ने कहा कि वे नारायणपुर के ओरछा के जंगलों में सर्चिंग टीम के साथ निकले थे. नक्सलियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. जवानों ने भी नक्सलियों को बखूबी जवाब दिया. इस दौरान संतोष मरकाम के शरीर पर 5 गोली लगी थी. एक गोली फेफड़े में आकर लगी. उन्होंने बताया कि, 'आज मैं जिंदा हूं, लेकिन शरीर पहले जैसा काम नहीं करता'. एसटीएफ बघेरा में पदस्थ हेड कांस्टेबल संतोष मरकाम की आंखों से आंसू भी छलक पड़े. संतोष कहते हैं कि, 'कभी सोचा भी नहीं था कि घायल जवानों को बुलाकर उनकी समस्याओं से कोई रूबरू होगा'. संतोष ने इसके लिए उन्होंने धन्यवाद भी दिया.
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'किसी ने हाथ खोया, तो किसी ने आंख'
सीएएफ की चौथी बटालियन में कंपनी कमांडर तूल बहादुर थापा ने बताया कि साल 2004 में कोटा में ब्लास्ट के दौरान उनका बायां हाथ उड़ गया था. बावजूद इसके वह अब भी नक्सल मोर्चे पर लड़ने को तैयार हैं. नारायणपुर में पदस्थ कांस्टेबल जागेंद्र ने बताया कि साल 2018 में मुठभेड़ के दौरान उनके हाथ और सीने में गोली लगी थी. कांकेर में पदस्थ आरक्षक प्रीतम सिंह और नंदकिशोर ने बताया कि रोड ओपनिंग पार्टी में ब्लास्ट के दौरान दोनों आंख की रोशनी चली गई थी. नारायणपुर में नव आरक्षक गोवर्धन कुंजाम ने बताया कि साल 2018 में हुए मुठभेड़ में पैर और जांघ में गोली लगी थी. आज भी दैनिक कार्यों को करने में परेशानी होती है. डीजीपी अवस्थी ने सभी से कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस आप सभी को फिर से विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श दिलाएगी.
घायल जवान जीवन भर दर्द झेलते हैं: डीजीपी डीएम अवस्थी
संवेदना कार्यक्रम के मौके पर डीजीपी अवस्थी ने कहा कि घायल जवान जीवन भर दर्द झेलते हैं. उनकी सुध लेना हमारी जिम्मेदारी है. अब आने वाले समय में सप्ताह में या फिर 15 दिनों के भीतर संवेदना कार्यक्रम आयोजित कर ऐसे लोगों की समस्याएं सुनी जाएगी और उनका समाधान किया जाएगा. डीजीपी डीएम अवस्थी ने भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई को लेकर कहा कि हमने सभी पुलिस अधीक्षकों को कहा है कि जो भ्रष्ट हैं या किसी मामले में लिप्त हैं, उन पर कार्रवाई की जाए.
अपराधियों को संरक्षण देने वाले पर भी होगी कार्रवाई
डीजीपी ने कहा कि बिलासपुर में भी तीन-चार पुलिसकर्मी निलंबित हुए हैं. इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी. ना केवल अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करनी है बल्कि अपराधियों को संरक्षण देने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.