रायपुर: राजधानी में शुक्रवार को दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाओं ने प्रदर्शन किया है. सभी प्रदर्शनकारी महिलाएं सीएम हाउस का घेराव करने निकली थी. लेकिन उन्हें स्मार्ट सिटी ऑफिस के पास रोक दिया गया. इसके बाद महिलाएं वहां अड़ गईं. उन्होंने कहा कि जब तक कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं आता तब तक वह यहां से नहीं हटेंगे. प्रदर्शन कर रहे हैं इन लोगों का कहना है कि सरकार बनने के ढाई सालों बाद भी इनको अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई. जिसको लेकर इन लोगों में नाराजगी और गुस्सा है. दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ 27 और 29 जुलाई को विधानसभा का घेराव करने भी निकले थे. जिन्हें रास्ते में पुलिस ने रोक दिया था. दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर 2 अगस्त को सरकार के खिलाफ झाड़ू लगाकर विरोध प्रदर्शन किया था. 3 अगस्त को इन लोगों ने फांसी का फंदा लटकाकर भी हल्ला बोल बोला था. बावजूद इनकी सुध कोई नहीं ले रहा है.
दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ अपनी अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर सरकार को जगाने के लिए पिछले 17 दिनों से राजधानी के बूढ़ातालाब धरना स्थल पर बैठे हुए हैं. 21 जुलाई से इनका अनिश्चितकालीन धरना जारी है. लेकिन सरकार ने इनकी कोई सुध नहीं ली है.
सरकार के द्वारा दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए निर्धारित अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता बीएड डीएड और टीईटी की परीक्षा देनी होगी. जिसके आधार पर ही उनको अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी. दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रित परिवारों के पास दो वक्त की रोजी रोटी के लिए भी पैसे नहीं है ऐसे में डीएड बीएड और टीईटी की परीक्षा कहां से देंगे.
प्रदेश सरकार ने 1 जुलाई 2018 को शिक्षा कर्मियों का संविलियन किया था. ऐसे परिवार के मुखिया का निधन होने पर उनके आश्रितों को सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति दे दी है. लेकिन साल 2006 से 2018 के बीच जितने पंचायत शिक्षकों की मौत हुई है. उनके आश्रितों को अब तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है. इस वजह से ये लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.