रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. तमाम सरकारी दफ्तर भी अब कोरोना की गिरफ्त में आ चुके हैं. ऐसे में अब कर्मचारी संगठनों का खुलकर विरोध दिखने लगा है. दरअसल मंत्रालय में ही 5 कर्मचारियों की कोरोना वायरस से मौत हो चुकी है. 90 कर्मचारी अभी भी पॉजिटिव हैं. इसके अलावा तमाम जिला स्तर के सरकारी दफ्तर में भी करोना का संक्रमण फैल गया है. रजिस्ट्री कार्यालय में तो उप पंजीयक की भी मौत हो चुकी है. इसके अलावा जल संसाधन विभाग, तहसील दफ्तर, कलेक्ट्रेट ऐसे तमाम दफ्तरों में कोरोना के चलते लगातार कर्मचारी इसकी जद में आ रहे हैं. इसे लेकर छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने मंगलवार को मंत्रालय में काम बंद करने को लेकर अल्टीमेटम भी दे दिया है. फेडरेशन के पदाधिकारियों ने मंत्रालय में 14 दिन तक काम बंद करने की मांग की है.
कर्मचारी नेताओं ने कहा है कि लगातार चल रहे संक्रमण को रोकने के लिए 14 दिनों तक मंत्रालय और इंद्रावती भवन को बंद कर दिया जाए. कर्मचारियों से घरों से ही काम लिया जाए. इस दौरान पूरे कैंपस को सैनिटाइज किया जाए. इसके लिए अब तमाम कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेकर 14 दिनों तक होम क्वॉरेंटाइन रहने और घर से काम करने की भी मांग कर रहे हैं. इनके आंदोलन को छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रति वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने भी अपना समर्थन दिया है. संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार झा ने कहा है कि मंत्रालय में कोरोना से लगातार अधिकारी कर्मचारियों की मौत हो रही है.
कोरोना के मद्देनजर CM भूपेश ने महानदी और इंद्रावती भवन में जरुरी व्यवस्था करने के दिए निर्देश
कर्मचारी कर रहे काम बंद करने की मांग
तमाम कर्मचारी संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर प्रशासन से बात रखी है. लेकिन मंत्रालय में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी फैसला लेने के लिए सक्षम नहीं है. प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी नेताओं ने जब सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव से बात की तो उन्होंने मंत्रालय और संचनालय बंद करने के लिए मुख्य सचिव को ही फैसला लेने के लिए सक्षम अधिकारी बताया. 2 दिन पहले मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस से संबंधित जब समीक्षा बैठक ली थी, तो उन्होंने किसी भी कार्यालय को बंद करने का अधिकार कलेक्टरों को दिया था. ऐसे में मंत्रालय को बंद करने और कर्मचारियों को राहत देने के लिए भी टालमटोल का रवैया अपनाया जा रहा है.