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Raipur : गर्मी के दिन में बच्चों में डिहाइड्रेशन और फीवर का खतरा, जानिए कैसे करें बचाव - हाइड्रेशन

गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है. बड़े और बुजुर्गों को गर्मी के समय ज्यादा सावधान रहने को कहा जाता है.लेकिन गर्मी का मौसम बच्चों के लिए भी कम खतरनाक नहीं है. गर्मी के कारण बच्चों में भी डिहाइड्रेशन का खतरा मंडराने लगता है.जिससे उन्हें फीवर की समस्या हो सकती है.

Dehydration and fever in children during summer
बच्चों में डिहाइड्रेशन और फीवर का खतरा
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Published : May 16, 2023, 6:27 PM IST

गर्मी में बच्चों में बीमारी का खतरा बढ़ा

रायपुर : गर्मी के मौसम में धूप दिनों दिन बढ़ती जा रही है. इसका प्रभाव बड़ों पर ही नहीं बच्चों पर भी देखने को मिल रहा है. रायपुर में दोपहर का तापमान 40 डिग्री के आसपास रहता है. वहीं दिन ढलते तापमान 30 से 35 डिग्री तक पहुंचता है. इस वजह से लोग घर से बाहर नहीं निकलते हैं. बढ़ती गर्मी का असर नवजात बच्चों पर पड़ता है. बच्चों को कई तरह की बीमारियां घेर सकती हैं. इससे कैसे बचा जाए.इस पर ईटीवी भारत ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ प्राणकुर पांडे से खास बातचीत की है.


सवाल: बच्चों की सेहत पर गर्मियों का क्या प्रभाव पड़ता है?
जवाब: तेज गर्मी के बढ़ने से बच्चों में वाटर लेवल कम होता है. तो इसमें बच्चों को डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लम सबसे ज्यादा देखने को मिलती है. इस समय हमें बच्चों को तेज धूप में निकलने से बचाना चाहिए . बच्चों का हाइड्रेशन ठीक रहे इसका ध्यान रखना चाहिए. बच्चों के खान-पान में लाइट और घर के खाने का ध्यान रखना चाहिए.

सवाल: यदि बाहर निकलना जरूरी है तो उस वक्त बच्चों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
जवाब: घर से निकलने से पहले हल्के रंग के कपड़े पहनें. बॉडी को पूरा कवर करके रखें और अपने हाइड्रेशन का खास ध्यान दें. सन स्क्रीन का प्रयोग बच्चों के चेहरों पर भी कर सकते हैं. सिर को ढक के रखें.दोपहर की धूप बहुत तेज होती है. उस वक्त घर से निकलना हो सके तो अवॉइड करें.


सवाल - किस आयु वर्ग के बच्चों को गर्मी में किस तरह की बीमारी होती है?
जवाब - नवजात बच्चे जो हैं 1 माह से 4 माह के बीच उन्हें गर्मी की वजह से डिहाइड्रेशन और फीवर होने के चांसेस सबसे ज्यादा होते हैं.क्योंकि शरीर से वॉटर लॉस ज्यादा होता है. तो डिहाइड्रेशन के चांसेस बढ़ जाते हैं. कई बार बच्चे को बुखार हो जाता है. उसके साथ दस्त की समस्या भी होती है. इसके अलावा इंफेक्शन भी होता है. ऐसे में बच्चे को ज्यादा से ज्यादा स्तनपान कराएं. उनके यूरीन आउटपुट का ध्यान रखें. 6 घंटे में बच्चे को यूरीन पास करवाएं. यदि काफी लंबे समय से बच्चा यूरीन पास नहीं कर रहा है. उसका शरीर गर्म लग रहा है तो आप मान लीजिए कि उसे डिहाइड्रेशन की समस्या हो गई है. तो उसे स्तनपान समय समय पर कराएं, या ज्यादा जरूरी हो तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं.

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3. शहीद स्मृति दिवसः जगदलपुर में नक्सल से लड़ने का संकल्प


सवाल: नवजात शिशु के अतिरिक्त ज्यादा आयु वाले बच्चे के लिए बचाव के क्या उपाय हो सकते हैं?
जवाब: बच्चे छोटे हो या बड़े हो उपाय सबके लिए समान होते हैं. ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं. मौसमी फल खाएं. बॉडी को हाइड्रेट रखें. नारियल पानी और जूस पीएं, पानी ज्यादा से ज्यादा पीएं. बाहर का खाना स्ट्रीट फूड्स चार्ट गुपचुप बल्कि यह सब थोड़ा कम खाएं. यदि आप स्ट्रीट फूड खाते हैं. तो बाहर के खाने से आपको बीमारी जल्दी घेरती है. जैसे आप को डायरिया होना उल्टियां होना. इस तरह की बीमारियां हो सकती है.

गर्मी में बच्चों में बीमारी का खतरा बढ़ा

रायपुर : गर्मी के मौसम में धूप दिनों दिन बढ़ती जा रही है. इसका प्रभाव बड़ों पर ही नहीं बच्चों पर भी देखने को मिल रहा है. रायपुर में दोपहर का तापमान 40 डिग्री के आसपास रहता है. वहीं दिन ढलते तापमान 30 से 35 डिग्री तक पहुंचता है. इस वजह से लोग घर से बाहर नहीं निकलते हैं. बढ़ती गर्मी का असर नवजात बच्चों पर पड़ता है. बच्चों को कई तरह की बीमारियां घेर सकती हैं. इससे कैसे बचा जाए.इस पर ईटीवी भारत ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ प्राणकुर पांडे से खास बातचीत की है.


सवाल: बच्चों की सेहत पर गर्मियों का क्या प्रभाव पड़ता है?
जवाब: तेज गर्मी के बढ़ने से बच्चों में वाटर लेवल कम होता है. तो इसमें बच्चों को डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लम सबसे ज्यादा देखने को मिलती है. इस समय हमें बच्चों को तेज धूप में निकलने से बचाना चाहिए . बच्चों का हाइड्रेशन ठीक रहे इसका ध्यान रखना चाहिए. बच्चों के खान-पान में लाइट और घर के खाने का ध्यान रखना चाहिए.

सवाल: यदि बाहर निकलना जरूरी है तो उस वक्त बच्चों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
जवाब: घर से निकलने से पहले हल्के रंग के कपड़े पहनें. बॉडी को पूरा कवर करके रखें और अपने हाइड्रेशन का खास ध्यान दें. सन स्क्रीन का प्रयोग बच्चों के चेहरों पर भी कर सकते हैं. सिर को ढक के रखें.दोपहर की धूप बहुत तेज होती है. उस वक्त घर से निकलना हो सके तो अवॉइड करें.


सवाल - किस आयु वर्ग के बच्चों को गर्मी में किस तरह की बीमारी होती है?
जवाब - नवजात बच्चे जो हैं 1 माह से 4 माह के बीच उन्हें गर्मी की वजह से डिहाइड्रेशन और फीवर होने के चांसेस सबसे ज्यादा होते हैं.क्योंकि शरीर से वॉटर लॉस ज्यादा होता है. तो डिहाइड्रेशन के चांसेस बढ़ जाते हैं. कई बार बच्चे को बुखार हो जाता है. उसके साथ दस्त की समस्या भी होती है. इसके अलावा इंफेक्शन भी होता है. ऐसे में बच्चे को ज्यादा से ज्यादा स्तनपान कराएं. उनके यूरीन आउटपुट का ध्यान रखें. 6 घंटे में बच्चे को यूरीन पास करवाएं. यदि काफी लंबे समय से बच्चा यूरीन पास नहीं कर रहा है. उसका शरीर गर्म लग रहा है तो आप मान लीजिए कि उसे डिहाइड्रेशन की समस्या हो गई है. तो उसे स्तनपान समय समय पर कराएं, या ज्यादा जरूरी हो तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं.

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सवाल: नवजात शिशु के अतिरिक्त ज्यादा आयु वाले बच्चे के लिए बचाव के क्या उपाय हो सकते हैं?
जवाब: बच्चे छोटे हो या बड़े हो उपाय सबके लिए समान होते हैं. ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं. मौसमी फल खाएं. बॉडी को हाइड्रेट रखें. नारियल पानी और जूस पीएं, पानी ज्यादा से ज्यादा पीएं. बाहर का खाना स्ट्रीट फूड्स चार्ट गुपचुप बल्कि यह सब थोड़ा कम खाएं. यदि आप स्ट्रीट फूड खाते हैं. तो बाहर के खाने से आपको बीमारी जल्दी घेरती है. जैसे आप को डायरिया होना उल्टियां होना. इस तरह की बीमारियां हो सकती है.

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