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ऑनलाइन ठगी के खिलाफ पुलिस ने कसी कमर, साइबर संगवारी अभियान से लोगों को देंगे जानकारी

रायपुर पुलिस साइबर क्राइम और ठगी का शिकार होने से लोगों को बचाने के लिए एक अभियान चलाने जा रही है, जिसका नाम साइबर संगवारी रखा गया है. इस अभियान के तहत पुलिस लोगों को साइबर क्राइम की जानकारी देते हुए उनको जागरूक करने का काम करेगी.

Superintendent of Police Office
पुलिस अधीक्षक कार्यालय, रायपुर
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Published : Oct 26, 2020, 5:34 PM IST

रायपुर: राजधानी में बढ़ती ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को रोकने के लिए रायपुर पुलिस साइबर संगवारी अभियान की शुरुआत करने जा रही है. इसके लिए पुलिस शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके, मार्केट, स्कूल, कॉलेज और मॉल्स में जाकर लोगों को ऑनलाइन ठगी के खिलाफ जागरूक करने की कोशिश करेगी. ताकि ऑनलाइन ठगी जैसे अपराधों को रोका जा सके.

साइबर संगवारी अभियान
आरोपी अब सीधे लूटपाट करने के बजाए लोगों को बातों में उलझा कर हाईटेक तरीके से रुपयों की चोरी कर रहे हैं. आज की डेट में अधिकांश लोगों के पास एंड्रॉयड मोबाइल है. मोबाइल का लिंक बैंक खाते और सोशल मीडिया से जुड़ा हुआ है, जिसका फायदा ऑनलाइन ठगी करने वाले उठा रहे हैं. इसके अलावा लोगों को साइबर क्राइम की कम जानकारी होना भी ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को बढ़ावा दे रहा है.

नवंबर से होगी अभियान की शुरुआत

जानकारी के मुताबिक रायपुर पुलिस नवंबर से साइबर संगवारी अभियान की शुरुआत करेगी. इस अभियान के तहत लोगों को बताया जाएगा की ऑनलाइन ठगी से कैसे बचा जा सकता है. इसके तहत पुलिस अलग-अलग टीम बनाकर लोगों को साइबर क्राइम के बारे में बताएगी. इसके लिए पुलिस ने तैयारियां भी शुरू कर दी है.

पढ़ें: सीएम ने स्पेशल साइबर थाने का किया शुभारंभ, साइबर क्राइम पर लगेगी लगाम


शॉर्ट फिल्म के माध्यम से लोगों को किया जा रहा जागरूक
लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से एक शॉर्ट फिल्म बनाई जा रही है. इस शॉर्ट फिल्म के माध्यम से पुलिस लोगों को समझाएगी कि किस तरह से ठग लोगों को अपनी बातों में फंसाते है और ऑनलाइन ठगी को अंजाम देते है. लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस के जवानों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है.

समय- समय पर चलाया जाता है अभियान

छत्तीसगढ़ पुलिस साइबर क्राइम को लेकर काफी अलर्ट हो गई है. अपराधियों पर कड़ी नजर रख रही है. प्रदेश में फेक आईडी बनाकर ठगी और वसूली के केस सामने आ रहे हैं. कुछ दिन पहले ही कोरबा के एसपी की फेक आईडी बनाकर वसूली करने का केस सामने आया था. छत्तीसगढ़ पुलिस लगातार साइबर अपराध पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रही है. ऑनलाइन ठगी के खिलाफ जागरुकता लाने के लिए समय- समय पर अभियान चलाए जाते हैं. इससे पहले भी साइबर अपराध के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस ने साइबर मितान अभियान चलाया था. इसके अलावा नया रायपुर स्थित पुलिस मुख्यालय में प्रदेश के पहले साइबर थाने का निर्माण किया गया है. इस थाने का लोकार्पण 2 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया.

छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन ठगी के केस

  • दुर्ग में रहने वाली महिला के खाते से लाखों रुपए गायब हुए.
  • बलौदाबाजार में किसान के खाते से 85 हजार रुपए पार.
  • रायपुर में SP और DSP के नाम से सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर पैसे मांगने का मामला
  • बिलासपुर में रेल कर्मचारी के खाते से 50 हजार रुपए पार

ऐसे हो सकता है बचाव

  • किसी भी हालत में अपनी पर्सनल इनफॉरमेशन कभी अपने मोबाइल में सेव न करें न ही रजिस्टर करें.
  • ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त कभी भी जेनरेट होने वाली ओटीपी (OTP) किसी से शेयर न करें.
  • अपना पर्सनल यूजर आईडी किसी अन्य मोबाइल या कंप्यूटर में न खोलें.
  • किसी से भी अपनी पर्सनल सूचना शेयर न करें.
  • ऑनलाइन पेमेंट या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय हमेशा सतर्क रहें.
  • व्हाट्सएप मैसेज या नॉर्मल मैसेज में आए अननोन लिंक पर क्लिक न करें.
  • ऑथराइज एप्लीकेशन पर ही ट्रांजेक्शन करें.

रायपुर: राजधानी में बढ़ती ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को रोकने के लिए रायपुर पुलिस साइबर संगवारी अभियान की शुरुआत करने जा रही है. इसके लिए पुलिस शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके, मार्केट, स्कूल, कॉलेज और मॉल्स में जाकर लोगों को ऑनलाइन ठगी के खिलाफ जागरूक करने की कोशिश करेगी. ताकि ऑनलाइन ठगी जैसे अपराधों को रोका जा सके.

साइबर संगवारी अभियान
आरोपी अब सीधे लूटपाट करने के बजाए लोगों को बातों में उलझा कर हाईटेक तरीके से रुपयों की चोरी कर रहे हैं. आज की डेट में अधिकांश लोगों के पास एंड्रॉयड मोबाइल है. मोबाइल का लिंक बैंक खाते और सोशल मीडिया से जुड़ा हुआ है, जिसका फायदा ऑनलाइन ठगी करने वाले उठा रहे हैं. इसके अलावा लोगों को साइबर क्राइम की कम जानकारी होना भी ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को बढ़ावा दे रहा है.

नवंबर से होगी अभियान की शुरुआत

जानकारी के मुताबिक रायपुर पुलिस नवंबर से साइबर संगवारी अभियान की शुरुआत करेगी. इस अभियान के तहत लोगों को बताया जाएगा की ऑनलाइन ठगी से कैसे बचा जा सकता है. इसके तहत पुलिस अलग-अलग टीम बनाकर लोगों को साइबर क्राइम के बारे में बताएगी. इसके लिए पुलिस ने तैयारियां भी शुरू कर दी है.

पढ़ें: सीएम ने स्पेशल साइबर थाने का किया शुभारंभ, साइबर क्राइम पर लगेगी लगाम


शॉर्ट फिल्म के माध्यम से लोगों को किया जा रहा जागरूक
लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से एक शॉर्ट फिल्म बनाई जा रही है. इस शॉर्ट फिल्म के माध्यम से पुलिस लोगों को समझाएगी कि किस तरह से ठग लोगों को अपनी बातों में फंसाते है और ऑनलाइन ठगी को अंजाम देते है. लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस के जवानों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है.

समय- समय पर चलाया जाता है अभियान

छत्तीसगढ़ पुलिस साइबर क्राइम को लेकर काफी अलर्ट हो गई है. अपराधियों पर कड़ी नजर रख रही है. प्रदेश में फेक आईडी बनाकर ठगी और वसूली के केस सामने आ रहे हैं. कुछ दिन पहले ही कोरबा के एसपी की फेक आईडी बनाकर वसूली करने का केस सामने आया था. छत्तीसगढ़ पुलिस लगातार साइबर अपराध पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रही है. ऑनलाइन ठगी के खिलाफ जागरुकता लाने के लिए समय- समय पर अभियान चलाए जाते हैं. इससे पहले भी साइबर अपराध के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस ने साइबर मितान अभियान चलाया था. इसके अलावा नया रायपुर स्थित पुलिस मुख्यालय में प्रदेश के पहले साइबर थाने का निर्माण किया गया है. इस थाने का लोकार्पण 2 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया.

छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन ठगी के केस

  • दुर्ग में रहने वाली महिला के खाते से लाखों रुपए गायब हुए.
  • बलौदाबाजार में किसान के खाते से 85 हजार रुपए पार.
  • रायपुर में SP और DSP के नाम से सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर पैसे मांगने का मामला
  • बिलासपुर में रेल कर्मचारी के खाते से 50 हजार रुपए पार

ऐसे हो सकता है बचाव

  • किसी भी हालत में अपनी पर्सनल इनफॉरमेशन कभी अपने मोबाइल में सेव न करें न ही रजिस्टर करें.
  • ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त कभी भी जेनरेट होने वाली ओटीपी (OTP) किसी से शेयर न करें.
  • अपना पर्सनल यूजर आईडी किसी अन्य मोबाइल या कंप्यूटर में न खोलें.
  • किसी से भी अपनी पर्सनल सूचना शेयर न करें.
  • ऑनलाइन पेमेंट या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय हमेशा सतर्क रहें.
  • व्हाट्सएप मैसेज या नॉर्मल मैसेज में आए अननोन लिंक पर क्लिक न करें.
  • ऑथराइज एप्लीकेशन पर ही ट्रांजेक्शन करें.
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