रायपुर: छत्तीसगढ़ में हल्दी, अदरक, धनिया, लहसुन की खेती सबसे ज्यादा की जा रही है. अभी 66 हजार 81 हेक्टेयर में मसालों की खेती की जा रही है. किसान अब तक धान की खेती ज्यादा किया करते थे. लेकिन अब वे मसालों की खेती में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. मसालों की खेती में समय कम लगता है और फायदा भी काफी ज्यादा होता है. किसान के मसालों की खेती की तरफ ज्यादा रुचि दिखाने के कारण ही शायद सरकार भी नयी कृषि नीति लागू कर रही है, जिससे मसालों का उत्पादन को और भी बढ़ाया जा सकेगा.
एक एकड़ में 40 से 80 हजार रुपए तक का फायदा: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक यमन कुमार देवांगन ने बताया कि "छत्तीसगढ़ में चार प्रकार की भूमि होती है, डोरसा, कंगाल, मटासी और भांटा. मटासी और भांटा जमीन में आप मसालों की खेती कर सकते हैं. छत्तीसगढ़ की भूमि जलवायु के लिए उपयुक्त है. खासकर बिलासपुर, रायगढ़, बस्तर के पठारी इलाके और सरगुजा में मसालों की खेती की जा सकती है. फायदे की बात की जाए तो यह अलग-अलग फसलों पर डिपेंड करता है. कुछ खेती में किसान 40 हजार से लेकर 80 हजार तक प्रति एकड़ मुनाफा कमा सकते हैं."
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पानी और रखरखाव भी बाकी फसलों से कम: मसालों की वैरायटी को लेकर वैज्ञानिक यमन कुमार देवांगन ने कहा कि 'प्रदेश में हल्दी, धनिया, मेथी, अजवाइन की खेती की जा सकती है. अन्य फसलों की तुलना में पानी और मेहनत भी मसालों की खेती में कम लगती है." यमन कुमार देवांगन ने छत्तीसगढ़ धनिया-1, 2 और छत्तीसगढ़ हल्दी-1, 2 प्रजाति की जानकारी देते हुए इसे फायदेमंद बताया.