रायपुर: छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ ( Chhattisgarh Cooperative Society Employees Union) अपनी 5 सूत्रीय मांग को लेकर 8 नवंबर से प्रदेश स्तर पर अनिश्चितकालीन धरना दे रहा है. जिसके कारण प्रदेश के कई राशन दुकानों में ताला लगा हुआ है. बुधवार को बूढ़ा तालाब धरनास्थल पर सहकारी समिति के कर्मचारियों (Co-Operative Society Employees) ने सरकार को जगाने के लिए अर्धनग्न होकर अनोखे तरीके से प्रदर्शन किया. सहकारी समिति कर्मचारी संघ के प्रदर्शन का समर्थन देने जांजगीर चांपा के विधायक नारायण चंदेल ( MLA Narayan Chandel) भी प्रदर्शन स्थल पहुंचे थे.
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सहकारी समिति का काम ठप
सहकारी समिति कर्मचारी संघ अपनी मांगों को लेकर इसके पहले भी कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं. बावजूद इसके शासन प्रशासन के द्वारा इनकी मांगों पर कोई पहल नहीं की गई. जिसके कारण इन्होंने 25 अक्टूबर को राजधानी में जिला स्तर पर धरना दिया था. सहकारी समिति के माध्यम से किए जाने वाले समस्त कार्य बंद और ठप पड़े हुए हैं. ऐसे में सरकार जल्द कोई निर्णय नहीं लेती है तो 1 दिसंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी भी बुरी तरह से प्रभावित होगी.
राजधानी के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर 8 नवंबर से छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. पूरे प्रदेश में सहकारी समिति की संख्या 2,058 है और प्रदेश भर में सहकारी समिति में काम करने वाले स्टाफ की संख्या लगभग 12,000 हैं. जिसमें समिति प्रबंधक, लेखापाल, लिपिक कंप्यूटर ऑपरेटर, चौकीदार, भृत्य और राशन दुकान के सेल्समैन शामिल हैं.
छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ की मांगें
- धान परिवहन देरी होने के कारण धान सूख जाने और अतिरिक्त खर्च की राशि समितियों को देते हुए प्रासंगिक और सुरक्षा व्यय में वृद्धि किया जाए.
- वेतन अनुदान देते हुए शासकीय कर्मचारियों की तरह नियमित कर उन्हें वेतनमान दिया जाए.
- जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के खाली पदों पर सहकारी समितियों में कार्य करने वाले कर्मचारियों को शत प्रतिशत सहयोग करते उम्र बंधन और योग्यता को शिथिल करते हुए बैंकों में प्लेसमेंट भर्ती पर रोक लगाई जाए.
- सेवा नियम 2018 में संघ के मांग के अनुसार आंशिक संशोधन तत्काल किया जाए.
- खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 धान खरीदी नीति और परिवहन नीति में संघ की मांग के अनुसार करते हुए नीति निर्धारण में संघ के प्रतिनिधि मंडल को शामिल किया जाए.