रायपुर: राजधानी के शंकर नगर स्थित कांग्रेस प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में इंटक की बैठक आयोजित की गई. बैठक में इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य जी. संजीवा रेड्डी भी मौजूद रहे. उन्होंने बैठक के बाद पत्रकार वार्ता ली और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.
मोदी सरकार की नीतियों का विरोध
इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी ने कहा कि मोदी सरकार का नया श्रम कानून मजदूर विरोधी है और हम उसके खिलाफ हैं. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन जिनेवा का नियम है कि कोई भी नया कानून लाने से पहले श्रम संगठन, मजदूर संगठन के लोगों से उस कानून को लेकर चर्चा होनी चाहिये, लेकिन केंद्र सरकार नया कानून लेकर आ रही है. उसमें मजदूर जिंदगी भर हड़ताल नहीं कर पाएंगे. नए कानून में हड़ताल पर दो साल की जेल या 2 लाख का जुर्माना है.
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'सार्वजनिक उद्योगों का निजीकरण'
रेड्डी ने कहा कि श्रम कानून के अंतर्गत 50 हजार रुपए न्यूनतम वेज होना चाहिए, लेकिन आज 7, 8, 10 हजार रुपये है. नियमित की जगह संविदा मजदूर रखे जा रहें हैं, जिन्हें कोई सुविधा नहीं दी जाती. सरकार कोल, रेलवे, स्टील सबका निजीकरण कर रही है. देश के सभी सार्वजनिक उद्योगों को पूंजीपतियों के हाथों में सौंपा जा रहा है. रसोई गैस, पेट्रोल-डीजल भी महंगा हो रहा है.
'मोदी के बाल बच्चे नहीं है, इसलिये उन्हें मजदूरों के दर्द का अहसास नहीं'
नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए जी संजीवा रेड्डी ने कहा कि मोदी के बाल-बच्चे नहीं हैं, इसलिये उन्हें मजदूरों के दर्द का अहसास नहीं है. रेड्डी ने दोहराया कि वे केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों का लगातार विरोध करेंगे. सभी मजदूर संघ की तरफ से ट्रेड यूनियन कमेटी बनाई गई है. इस कमेटी के बैनर तले सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों का विरोध किया जाएगा.
पत्रकार वार्ता के दौरान छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन, संचार विभाग के सचिन त्रिवेदी समेत इंटक के प्रदेश अध्यक्ष मौजूद रहे.