रायपुर : कृषि कानून के विरोध में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने प्रदर्शन कर पैदल मार्च निकाला. कांग्रेस ने कृषि कानून के विरोध में छत्तीसगढ़ में राजभवन तक मार्च निकाला और राष्ट्रपति को संबोधित कर ज्ञापन राज्यपाल भवन में सौंपा. छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम के नेतृत्व में राजीव भवन शंकर नगर से राजभवन की ओर पैदल यात्रा निकली गई, जिसमें प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने हिस्सा लिया. कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की अगुवाई प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने की.
प्रदेशभर से कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता रायपुर स्थित राजीव भवन में पहुंचने लगे थे. दोपहर करीब 12:30 बजे प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता और नेताओं ने पैदल मार्च निकाला. कांग्रेस नेताओं ने इस दौरान कृषि कानून के विरोध में नारेबाजी की. रैली की शक्ल में कांग्रेसी पैदल मार्च करते हुए राजभवन पहुंचे. राजभवन के बाहर धरने में बैठकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध जताया.
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कानून को वापस लेने की मांग
केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि अध्यादेश को लेकर कांग्रेस ने विरोध करते हुए कानून को वापस लेने की मांग की है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने जो किसानों के लिए 'काला कानून' लाया है उसे सरकार वापस ले. उन्होंने कहा कि किसानों के साथ कांग्रेस पार्टी खड़ी है. राज्यपाल अनुसुइया उइके को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर पार्टी ने कानून को वापस लेने की मांग की है.
कॉर्पोरेट घरानों को महत्व
कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कृषि बिल में किसानों की जगह कॉर्पोरेट घरानों को महत्व दिया गया है. किसानों को उनकी फसलों का सही दाम दिलाने के बजाय जमाखोरी को बढ़ावा दिया गया. इस तरह के काले कानून से किसानों का नहीं बल्कि कॉर्पोरेट कम्पनियों का भला होगा. ये कानून कालाबाजारी को बढ़ावा देने वाला है, इसे वापस लेने की मांग कांग्रेस ने की है. कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव, सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू, कैबिनेट मंत्री रुद्र गुरु, अरुण वोरा, गिरीश देवांगन शामिल रहे.