ETV Bharat / state

Congress leaders accused BJP: कांग्रेस अधिवेशन को रोकने अंग्रेजों ने भी नहीं अपनाए थे इतने हथकंडे: कांग्रेस

BJP Modi government भाजपा की मोदी सरकार ने अधिवेशन को रोकने के लिए जो हथकंडे अपनाए, वह तो अंग्रेज भी नहीं अपनाते थे. यह कहना है कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम का. उन्होंने ये बयान बुधवार को एक पत्रकार वार्ता के दौरान दिया. इस दौरान कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, रायपुर महापौर एजाज ढेबर सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे.

Congress leaders accused BJP
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम
author img

By

Published : Mar 1, 2023, 10:30 PM IST

Updated : Mar 2, 2023, 6:56 AM IST

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम

रायपुर: कांग्रेस प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में बुधवार के प्रेसवार्ता कर प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने मोदी सरकार पर एक के बाद एक आरोप लगाए. पत्रकार वार्ता के दौरान कांग्रेसी नेताओं ने ईडी की कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े किए. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि "कांग्रेस के महाधिवेशन को बाधित करने के लिए भाजपा ने कई हथकंडे अपनाए. हमारे नेताओं के घरों में, अधिवेशन से जुड़े व्यवसायियों के भी यहां इडी के छापे पड़वाए. नेताओं को अधिवेशन में आने से रोकने की कोशिश की."

आजादी से पहले अंग्रेजों के खिलाफ लाया गया था कई प्रस्ताव: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि "भाजपा की मोदी सरकार ने अधिवेशन को रोकने के लिए जो हथकंडे अपनाए, वह तो अंग्रेज भी नहीं अपनाते थे. आजादी के पहले कांग्रेस के 58 अधिवेशन हुए. कांग्रेस ने आजादी की लड़ाई के लिए अपने हर अधिवेशन में अंग्रेजी सरकार के खिलाफ कई प्रस्ताव पारित किए. इसके बावजूद अंग्रेजी सरकार ने कांग्रेस के अधिवेशन पर रोक नहीं लगाई. भाजपा की केंद्र सरकार का चरित्र इतना आलोकतांत्रिक है कि वह विपक्ष का अधिवेशन बर्दाश्त नहीं कर पा रही."

'अडानी के घोटाले का मोदी के पास कोई जवाब नहीं': मोहन मरकाम ने कहा कि "कांग्रेस के अधिवेशन में उठाए गए सवालों का भाजपा के पास या मोदी के पास कोई जवाब नहीं है. अडानी के घोटाले का भी मोदी के पास कोई जवाब नहीं. उन्हें बीमार सोनिया गांधी पर छाता लगाए जाने पर आपत्ति है, लेकिन भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को अमित शाह धकियाते है तो मोदी की बोलती बंद रहती है."


Congress gheraos ED office: छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन

रमन सिंह सरकार में लूट ली गई गरीबों की पूंजी: कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "वर्ष 2008 से 2018 के बीच पूरे राज्य में रमन सरकार के संरक्षण में लाखों गरीब परिवारों के खून-पसीने की जमा पूंजी चिटफंड कंपनियों ने लूट ली. तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह, मंत्री गण, रमन सिंह के सांसद पुत्र अभिषेक सिंह, उनकी पत्नी वीणा सिंह ने इन चिटफंड कंपनियों के दफ्तरों का उद्घाटन किया था. उनकी ब्रांडिंग से प्रभावित होकर लोगों ने चिटफंड कंपनियों में अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा लगाया था."

अडानी समूह पर अब तक ईडी की कार्रवाई न होना आश्चर्य की बात: महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि "सूर्यकांत तिवारी और जोगेन्दर ने बताया था कि आयकर अधिकारियों ने जून 2022 में उनके घरों से जो मोबाइल जब्त किए थे उनमें अडानी को करोड़ों की राशि अवैध रूप से हवाला के माध्यम से भेजे जाने के सारे प्रमाण मौजूद हैं. इसके बावजूद यह बड़े आश्चर्य की बात है कि ईडी या आयकर अधिकारियों ने अडानी समूह के संचालकों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. अडानी समूह के बड़े पदाधिकारी अमन सिंह और उनके आका डॉ. रमन सिंह के इशारे पर ये गंभीर षडयंत्र ईडी के अधिकारियों की ओर से रचा गया."

दस साल में 10 गुना हो गईं संपत्ति: एजाज ढेबर ने आरोप लगाते कहा कि "यह जगजाहिर है कि मध्यवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले डॉ. रमन सिंह के पास 2003 तक कुछ पैतृक संपत्ति के अलावा दूसरी कोई संपत्ति नहीं थी. लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव के लिए डॉ. रमन सिंह की ओर से दाखिल शपथ पत्र में उनकी संपत्ति 2008 में 1.04 करोड़ और 10 साल बाद यानी 2018 में 10.72 करोड़ रुपए होना दर्शाया गया है. रमन सिंह बताएं कि उन्होंने क्या व्यवसाय किया था जो उनकी संपत्ति इतनी बढ़ गई."

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम

रायपुर: कांग्रेस प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में बुधवार के प्रेसवार्ता कर प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने मोदी सरकार पर एक के बाद एक आरोप लगाए. पत्रकार वार्ता के दौरान कांग्रेसी नेताओं ने ईडी की कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े किए. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि "कांग्रेस के महाधिवेशन को बाधित करने के लिए भाजपा ने कई हथकंडे अपनाए. हमारे नेताओं के घरों में, अधिवेशन से जुड़े व्यवसायियों के भी यहां इडी के छापे पड़वाए. नेताओं को अधिवेशन में आने से रोकने की कोशिश की."

आजादी से पहले अंग्रेजों के खिलाफ लाया गया था कई प्रस्ताव: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि "भाजपा की मोदी सरकार ने अधिवेशन को रोकने के लिए जो हथकंडे अपनाए, वह तो अंग्रेज भी नहीं अपनाते थे. आजादी के पहले कांग्रेस के 58 अधिवेशन हुए. कांग्रेस ने आजादी की लड़ाई के लिए अपने हर अधिवेशन में अंग्रेजी सरकार के खिलाफ कई प्रस्ताव पारित किए. इसके बावजूद अंग्रेजी सरकार ने कांग्रेस के अधिवेशन पर रोक नहीं लगाई. भाजपा की केंद्र सरकार का चरित्र इतना आलोकतांत्रिक है कि वह विपक्ष का अधिवेशन बर्दाश्त नहीं कर पा रही."

'अडानी के घोटाले का मोदी के पास कोई जवाब नहीं': मोहन मरकाम ने कहा कि "कांग्रेस के अधिवेशन में उठाए गए सवालों का भाजपा के पास या मोदी के पास कोई जवाब नहीं है. अडानी के घोटाले का भी मोदी के पास कोई जवाब नहीं. उन्हें बीमार सोनिया गांधी पर छाता लगाए जाने पर आपत्ति है, लेकिन भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को अमित शाह धकियाते है तो मोदी की बोलती बंद रहती है."


Congress gheraos ED office: छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन

रमन सिंह सरकार में लूट ली गई गरीबों की पूंजी: कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "वर्ष 2008 से 2018 के बीच पूरे राज्य में रमन सरकार के संरक्षण में लाखों गरीब परिवारों के खून-पसीने की जमा पूंजी चिटफंड कंपनियों ने लूट ली. तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह, मंत्री गण, रमन सिंह के सांसद पुत्र अभिषेक सिंह, उनकी पत्नी वीणा सिंह ने इन चिटफंड कंपनियों के दफ्तरों का उद्घाटन किया था. उनकी ब्रांडिंग से प्रभावित होकर लोगों ने चिटफंड कंपनियों में अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा लगाया था."

अडानी समूह पर अब तक ईडी की कार्रवाई न होना आश्चर्य की बात: महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि "सूर्यकांत तिवारी और जोगेन्दर ने बताया था कि आयकर अधिकारियों ने जून 2022 में उनके घरों से जो मोबाइल जब्त किए थे उनमें अडानी को करोड़ों की राशि अवैध रूप से हवाला के माध्यम से भेजे जाने के सारे प्रमाण मौजूद हैं. इसके बावजूद यह बड़े आश्चर्य की बात है कि ईडी या आयकर अधिकारियों ने अडानी समूह के संचालकों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. अडानी समूह के बड़े पदाधिकारी अमन सिंह और उनके आका डॉ. रमन सिंह के इशारे पर ये गंभीर षडयंत्र ईडी के अधिकारियों की ओर से रचा गया."

दस साल में 10 गुना हो गईं संपत्ति: एजाज ढेबर ने आरोप लगाते कहा कि "यह जगजाहिर है कि मध्यवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले डॉ. रमन सिंह के पास 2003 तक कुछ पैतृक संपत्ति के अलावा दूसरी कोई संपत्ति नहीं थी. लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव के लिए डॉ. रमन सिंह की ओर से दाखिल शपथ पत्र में उनकी संपत्ति 2008 में 1.04 करोड़ और 10 साल बाद यानी 2018 में 10.72 करोड़ रुपए होना दर्शाया गया है. रमन सिंह बताएं कि उन्होंने क्या व्यवसाय किया था जो उनकी संपत्ति इतनी बढ़ गई."

Last Updated : Mar 2, 2023, 6:56 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.