रायपुर: छत्तीसगढ़ में कलेक्टर अपने जिले की स्थिति को देखते हुए लॉकडाउन का फैसला ले सकते हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आपात बैठक बुलाई थी. मुख्यमंत्री निवास में हुई यह बैठक खत्म हो गई है. इस दौरान मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में कोरोना की रोकमथाम को लेकर चर्चा हुई.
बैठक के बाद मंत्री रविंद्र चौबे ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण के हालात को लेकर विशेष रूप से रायपुर, बिरगांव, दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर, रायगढ़ जैसे बड़े शहरों में संक्रमण की स्थिति पर सीएम ने बैठक बुलाई थी. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई. उन्होंने बताया कि मीटिंग में निर्णय लिया गया है कि आने वाले समय में टेस्टिंग की संख्या दोगुनी की जाएगी. जिससे संक्रमण की जानकारी हो सके और उनका अच्छे से अच्छा इलाज हो सके.
दूसरा फैसला बिरगांव क्षेत्र को लेकर लिया गया है. पूरे एरिया में 100 फीसदी टेस्टिंग की जाएगी. तीसरा महत्वपूर्ण फैसला हेल्थ डिपार्टमेंट को ऑफ टेस्टिंग बढ़ाना और इलाज की सुविधा देना है. आने वाले समय में छत्तीसगढ़ खासकर रायपुर में बेड की जरूरत को लेकर समीक्षा की गई.
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टोटल लॉकडाउन किया जा सकता है
आने वाले समय में मैन पावर, टेक्नीशियन, लेबर टेंट, डॉक्टरों की जितनी भी जरूरतें होगी, सीएम भूपेश बघेल ने इसके लिए अनुमति दी है. इसके अलावा जिस तरीके से संक्रमण फैल रहा है, उसे देखते हुए सभी कलेक्टरों को अधिकृत किया जा रहा है. उनको निर्देश दिए जा रहे हैं कि अगर आवश्यकता महसूस हो कि संक्रमण रोकने के लिए कर्फ्यू जैसे या पूर्ण लॉकडाउन की जरूरत है तो 3 या 4 दिन पहले इस बात की अनाउंसमेंट करें.
पहले सूचना देना जरूरी
रायपुर, दुर्ग या बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र जहां संक्रमण बढ़ रहा है. इसे देखते हुए कलेक्टर को यह अधिकार रहेगा कि वह अपने शहर में आवश्यक गतिविधियां को छोड़कर सारी गतिविधियों को बंद करा सकते हैं. लेकिन इसके लिए पूर्व में सूचना देना आवश्यक है.