रायपुर : भगवान राम जिस वन पथ पर चलकर मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए गुरुवार को छत्तीसगढ़ में वह वन पथ देश-दुनिया के लिए खुल गया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मां कौशल्या की नगरी चंदखुरी में राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना (Ram Van Gaman Tourism Circuit Project in Chandkhuri) के प्रथम चरण का लोकार्पण किया. इस अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय भव्य समारोह का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने कहा कि भगवान श्रीराम (Lord Shri Ram) का छत्तीसगढ़ से बड़ा गहरा नाता है. वे हम छत्तीसगढ़ियों के जीवन और मन में रचे-बसे हैं. सोते-जागते, एक-दूसरे का अभिवादन करते, सुख हो या दुख हर पल हम छत्तीसगढ़िया लोग भगवान श्रीराम का ही सुमिरन करते हैं. हम छत्तीसगढ़िया लोग, भगवान श्रीराम को माता कौशल्या के राम, भांचा राम, वनवासी राम, शबरी के स्नेही और दयालु राम के रूप में जानते और मानते हैं. कार्यक्रम की अध्यक्षता लोक निर्माण गृह एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू (Public Works Home and Tourism Minister Tamradhwaj Sahu) ने की. वहीं आशीष विद्यार्थी के मार्गदर्शन में प्रस्तुत नंद कुमार साहू की मानस मंडली द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम लोगों ने लुत्फ उठाया.
14 साल के वनवास काल में 10 साल छत्तीसगढ़ में रहे भगवान श्रीराम
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि भगवान श्रीराम का छत्तीसगढ़ के जन जीवन, लोक संस्कृति, लोक गीत में गहरा प्रभाव देखने और सुनने को मिलता है. उन्होंने अपने वनवास की 14 साल की अवधि में से करीब 10 साल की अवधि छत्तीसगढ़ में व्यतीत की. माता कौशल्या से मिले संस्कार और छत्तीसगढ़ में ग्रामीणों, वनवासियों और किसानों के साथ बिताई अवधि ने उनके व्यक्तित्व को इतनी ऊंचाई दी कि भगवान श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर माता कौशल्या की नगरी चंदखुरी को प्रणाम करते हुए सभी लोगों को नवरात्रि पर्व की बधाई दी. उन्होंने कहा कि आज यहां का वातावरण ऐसा लग रहा है, जैसे माता कौशल्या भगवान राम को लेकर मायके चंदखुरी आई हैं. पूरा दृश्य मनोरम हो गया है. चंदखुरी ही नहीं पूरा छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम का ननिहाल है. उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम का यह प्रताप है कि छत्तीसगढ़िया लोग भांचा को राम के रूप में मानते हैं और उन्हें प्रणाम करते हैं.
तीन दिनों तक छत्तीसगढ़ समेत राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कलाकार देंगे प्रस्तुति
मुख्यमंत्री ने चंदखुरी में नवरात्रि पर्व के दौरान तीन दिन तक आयोजित रंगारंग सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां तीन दिन तक छत्तीसगढ़ सहित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कलाकार स्तर के कलाकार प्रस्तुति देंगे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी. कहा कि कोरिया जिले के सीतामढ़ी में हरचौका से लेकर सुकमा के रामाराम तक लगभग 2260 किलोमीटर का राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकसित किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ की संस्कृति हमारी पहचान है. इसको आगे बढ़ाना है. उन्होंने सिरपुर स्थित पुरातात्विक बौद्ध स्थल से लेकर बस्तर अंचल में आदिवासियों की संस्कृति एवं परंपरा से जुडे़ घोटुल और देवगुड़ियों के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ अब संस्कृति के गढ़ के रूप में अपनी पहचान बना रहा है. छत्तीसगढ़ की संस्कृति यहां की परंपरा, यहां के धार्मिक, पुरातात्विक महत्व के स्थल, पर्यटन स्थल, सरगुजा के रामगढ़ स्थित पांच हजार वर्ष पूर्व की प्राचीन नाट्यशाला को विश्व पटल पर लाने का काम हमारी सरकार कर रही है.
लोक निर्माण गृह एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने छत्तीसगढ़ में भगवान श्रीराम के वन गमन की स्मृति को संजोने के लिए राम वन गमन पर्यटन परिपथ के विकास एवं निर्माण के लिए सीएम भूपेश बघेल को पूरे देश के राम और रामायण से जुड़े लोगों की ओर से बधाई दी. नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया और खाद्य और संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया. मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मंत्री-सांसद व पदाधिकारियों समेत हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे.
भगवान श्रीराम की 51 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण
चंदखुरी के प्राचीन माता कौशल्या मंदिर पहुंचकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली और समृद्धि की कामना की. उन्होंने इस मौके पर भगवान श्रीराम की 51 फीट की ऊंची प्रतिमा का लाइट के माध्यम से अनावरण किया. गौरतलब है कि कौशल्या माता मंदिर का जीर्णोद्धार एवं परिसर के सौंदर्यीकरण का कार्य 15 करोड़ 45 लाख रुपये की लागत से किया जा रहा है. यह मंदिर चारों ओर से मनमोहक उद्यानों से घिरा है. तालाब के मध्य में शेषनाग शैय्या पर शयन मुद्रा में भगवान विष्णु के चरण दबाते मां लक्ष्मी की आकर्षक प्रतिमा है. जबकि दूसरी ओर समुद्र मंथन के दृश्य को प्रतिबिंबित करती हुई देव-दानवों की मूर्तियां श्रद्धालुओं के आकर्षण का प्रमुख केंद्र हैं.
राम वन गमन पर्यटन परिपथ के पग-पग पर होंगे भगवान श्रीराम के दर्शन
इस पर्यटन परिपथ के कोरिया जिले से सुकमा तक कदम-कदम पर भगवान श्रीराम के दर्शन होंगे और उनसे जुड़ी महत्व की कथाएं देखने और सुनने को मिलेंगी. राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना में सीतामढ़ी हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) का 133 करोड़ 55 लाख रुपये की लागत से पर्यटन की दृष्टि से विकास का कार्य किया जा रहा है.