रायपुर: कृषि बिल को लेकर कांग्रेस का लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है. इस कड़ी में अब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस केंद्र की मोदी सरकार पर जोरदार हमले की तैयारी में है. इस बिल के विरोध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंगलवार को राजीव भवन से लेकर राज्यपाल निवास तक पैदल मार्च करेंगे. इसके बाद राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल अनुसुइया उइके को ज्ञापन सौंपेंगे. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम समेत कई कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे. इस कार्यक्रम की जानकारी कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने दी है.
आइए जानने की कोशिश करते हैं कि, आखिर यह कृषि बिल क्या है और कांग्रेस इसका विरोध क्यों कर रही है.
कृषि कानून और कांग्रेस का मत
- पहला - कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020
- इसे 'एक राष्ट्र एक बाजार' का कानून कहा जा रहा है और अंग्रेजी में APMC
- दूसरा - कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020
- इस कानून के जरिए किसानों को कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की ओर धकेलने की कोशिश की जा सकती है.
- तीसरा - आवश्यक वस्तु (संशोधक) विधेयक 2020
- इस कानून के तहत आपदा और युद्ध काल के अलावा खाद्यान्न भंडारण की सीमा खत्म की जा रही है.
बता दे कि संसद में पारित तीनों कृषि बिल पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दस्तखत कर दिए हैं. अब यह बिल कृषि कानून बन गया है.