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CM Bhupesh said on regularization: सदन में उठा नियमितीकरण का मामला, सीएम बोले "समय सीमा बता पाना संभव नहीं" - पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह

Chhattisgarh budget session 2023 विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन की कार्रवाई के दौरान सदन में नियमितीकरण का मामला उठाया गया.  जिसमें अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर मुख्यमंत्री से सवाल किया गया. वहीं जल जीवन मिशन के कार्यों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने पीएचई मंत्री से इस मामले में दोषियों पर एफआईआर किए जाने की भी मांग की है.

Chhattisgarh budget session 2023
नियमितीकरण का मामला
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Published : Mar 2, 2023, 9:32 PM IST

रायपुर: रायपुर छत्तीसगढ़ विधानसभा के दूसरे दिन अनियमित कर्मचारियों से जुड़े काफी सवाल लगाए गए. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से लेकर कांग्रेस विधायको ने भी नियमितीकरण के मुद्दे पर सरकार से सवाल पूछा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने लिखित जवाब में बताया कि गठित कमेटी कार्रवाई कर रही है.

अनियमित कर्मचारियों पर बोले सीएम बघेल: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि" अनियमित कर्मचारियों को लेकर जो जानकारी मांगी गई थी, उसमें से 24 विभागों से अनियमित कर्मचारियों की जानकारी मिल गई है. जबकि 22 विभागों से अब तक जानकारी नहीं मिल पाई है. पिछले साल बनी कमेटी में हुए निर्णय के बाद पांच बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई थी. अनियमित, दैनिक वेतन भोगी और संविदा कर्मचारी जिस पद पर कार्यरत हैं. उन्हें वर्तमान में क्या मानदेय का भुगतान किया जा रहा है और उन नियमित पदों का वेतनमान क्या है, इसकी जानकारी मंगाई गई है."

कांग्रेस सदस्य डॉ प्रीतम राय के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि" 24 विभागों ने जानकारी उपलब्ध करा दिए, जबकि 22 विभागों से जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है." बाद में मुख्यमंत्री ने कहा कि" नियमितीकरण की प्रक्रिया चल रही है, इसके लिए समय सीमा बता पाना संभव नहीं है."

जल जीवन मिशन को लेकर हुआ हंगामा: वहीं जल जीवन मिशन में गड़बड़ी के मामले पर भी गुरूवार को सदन में जमकर हंगामा हुआ. भाजपा सदस्यों ने आरोप लगाया कि" निर्माण में कमी पाई गई है और पाइप की क्वालिटी भी खराब है. इस पर पीएचई मंत्री रूद्रकुमार गुरू ने कहा कि" बिलासपुर में मिशन के कार्यों में अनियमितता की शिकायत की जांच कराई गई है. कमी पाए जाने पर ईई को सस्पेंड कर दिया गया है." विपक्षी सदस्य इससे संतुष्ट नहीं हुए और जिम्मेदार अफसर के खिलाफ FIR की मांग करने लगे. मंत्री के इनकार के बाद सदस्यों ने सदन से वाक आउट कर दिया.

यह भी पढ़ें: Chhattisgarh Assembly budget session : तृतीय अनुपूरक बजट विधानसभा में पारित

रजनीश सिंह ने पीएचई मंत्री को घेरा: प्रश्नकाल में भाजपा सदस्य रजनीश कुमार सिंह ने मामला उठाया है. जवाब में पीएचई मंत्री ने बताया कि" बिलासपुर जिले में 303 में से 93 काम अपूर्ण है." एक सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि" गहराई को लेकर शिकायतें आई थी, उसकी जांच कराई गई. इसमें कमी पाए जाने पर एक को सस्पेंड किया गया." भाजपा सदस्य रजनीश सिंह इससे संतुष्ट नहीं हुए. उन्होंने कहा कि" जिस अफसर को सस्पेंड किया गया है, उन्हें 6 महीने हो गए थे." इस पर पीएचई मंत्री ने कहा कि" विस्तृत जांच कराई जा रही है."

विपक्षी सदस्यों ने सदन से किया वाकआउट: इसके बाद भाजपा सदस्य एक साथ खड़े हो गए. भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने कहा कि" गड़बड़ी के आरोप सही पाए गए हैं. ऐसे में सस्पेंशन पर्याप्त नहीं है, उन्होंने एफआईआर कराने पर जोर दिया. पीएचई मंत्री ने दोहराया कि" विस्तृत जांच चल रही है." नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि" बिलासपुर संभाग में 840 कार्य में से 271 काम ही शुरू हो पाए हैं." पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि" मिशन भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है." दोनों पक्षों के बीच नोकझोंक हुई और विपक्षी सदस्यों ने सदन से वाकआउट कर दिया.

रायपुर: रायपुर छत्तीसगढ़ विधानसभा के दूसरे दिन अनियमित कर्मचारियों से जुड़े काफी सवाल लगाए गए. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से लेकर कांग्रेस विधायको ने भी नियमितीकरण के मुद्दे पर सरकार से सवाल पूछा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने लिखित जवाब में बताया कि गठित कमेटी कार्रवाई कर रही है.

अनियमित कर्मचारियों पर बोले सीएम बघेल: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि" अनियमित कर्मचारियों को लेकर जो जानकारी मांगी गई थी, उसमें से 24 विभागों से अनियमित कर्मचारियों की जानकारी मिल गई है. जबकि 22 विभागों से अब तक जानकारी नहीं मिल पाई है. पिछले साल बनी कमेटी में हुए निर्णय के बाद पांच बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई थी. अनियमित, दैनिक वेतन भोगी और संविदा कर्मचारी जिस पद पर कार्यरत हैं. उन्हें वर्तमान में क्या मानदेय का भुगतान किया जा रहा है और उन नियमित पदों का वेतनमान क्या है, इसकी जानकारी मंगाई गई है."

कांग्रेस सदस्य डॉ प्रीतम राय के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि" 24 विभागों ने जानकारी उपलब्ध करा दिए, जबकि 22 विभागों से जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है." बाद में मुख्यमंत्री ने कहा कि" नियमितीकरण की प्रक्रिया चल रही है, इसके लिए समय सीमा बता पाना संभव नहीं है."

जल जीवन मिशन को लेकर हुआ हंगामा: वहीं जल जीवन मिशन में गड़बड़ी के मामले पर भी गुरूवार को सदन में जमकर हंगामा हुआ. भाजपा सदस्यों ने आरोप लगाया कि" निर्माण में कमी पाई गई है और पाइप की क्वालिटी भी खराब है. इस पर पीएचई मंत्री रूद्रकुमार गुरू ने कहा कि" बिलासपुर में मिशन के कार्यों में अनियमितता की शिकायत की जांच कराई गई है. कमी पाए जाने पर ईई को सस्पेंड कर दिया गया है." विपक्षी सदस्य इससे संतुष्ट नहीं हुए और जिम्मेदार अफसर के खिलाफ FIR की मांग करने लगे. मंत्री के इनकार के बाद सदस्यों ने सदन से वाक आउट कर दिया.

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रजनीश सिंह ने पीएचई मंत्री को घेरा: प्रश्नकाल में भाजपा सदस्य रजनीश कुमार सिंह ने मामला उठाया है. जवाब में पीएचई मंत्री ने बताया कि" बिलासपुर जिले में 303 में से 93 काम अपूर्ण है." एक सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि" गहराई को लेकर शिकायतें आई थी, उसकी जांच कराई गई. इसमें कमी पाए जाने पर एक को सस्पेंड किया गया." भाजपा सदस्य रजनीश सिंह इससे संतुष्ट नहीं हुए. उन्होंने कहा कि" जिस अफसर को सस्पेंड किया गया है, उन्हें 6 महीने हो गए थे." इस पर पीएचई मंत्री ने कहा कि" विस्तृत जांच कराई जा रही है."

विपक्षी सदस्यों ने सदन से किया वाकआउट: इसके बाद भाजपा सदस्य एक साथ खड़े हो गए. भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने कहा कि" गड़बड़ी के आरोप सही पाए गए हैं. ऐसे में सस्पेंशन पर्याप्त नहीं है, उन्होंने एफआईआर कराने पर जोर दिया. पीएचई मंत्री ने दोहराया कि" विस्तृत जांच चल रही है." नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि" बिलासपुर संभाग में 840 कार्य में से 271 काम ही शुरू हो पाए हैं." पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि" मिशन भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है." दोनों पक्षों के बीच नोकझोंक हुई और विपक्षी सदस्यों ने सदन से वाकआउट कर दिया.

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