रायपुर: कांग्रेस की बैठक के बाद सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि मानसून का आगमन हो चुका है. किसान अपने खेतों में व्यस्त हैं. नदी-नालों में पर्याप्त पानी है, बांधों में जल संग्रहित हो चुका है. इस साल अच्छी फसल की संभावना है. सभी सोसायटियों में खाद-बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने कोरोना काल में सबसे ज्यादा काम दिया. मनरेगा संकट काल में संजीवनी बनी. ये पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के काल में शुरू की गई योजना है, जो वर्तमान की केंद्र सरकार के मुंह पर तमाचा है. सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि मनरेगा के तहत छत्तीसगढ़ में बहुत अच्छा काम हुआ है.
सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने क्रांतिकारी कदम उठाया है. ये कदम है गौठान समिति के माध्यम से गोबर खरीदने का. इस फैसले की चर्चा पूरे देश में है. गोबर खरीदने के लिए समिति की बैठक चल रही है. जल्द ही समिति रिपोर्ट देगी. रिपोर्ट के बाद कैबिनेट की बैठक होगी, जिसमें गोबर का रेट तय होगा. सीएम ने कहा कि उन लोगों के हाथ में पैसा जाएगा, जिनके पास कुछ भी नहीं है.
हर व्यक्ति को रोजगार देने की कोशिश
सीएम ने बताया कि छत्तीसगढ़ के नालों को रिचार्ज करने का काम होगा. 2200 गौठान बन चुके हैं और 2800 निर्माणाधीन हैं. सभी गांवों में एक गौठान बनाने का लक्ष्य है. हर गांव में एक इंडस्ट्रियल पार्क होगा. गौठान की एक एकड़ जमीन में आजीविका, ग्रामोद्योग को संचालित किया जाएगा. लघु वनोपजों की प्रोसेसिंग हो सके. प्रोसेसिंग यूनिट लगने से मूल्य भी मिलेगा. हर आदमी को रोजगार देने की कोशिश सरकार की है. गोबर खरीदने से जिसके पास मवेशी हैं, उनके इनकम की व्यवस्था होगी.
न्याय योजना से जोड़े जाएंगे भूमिहीन मजदूर
सीएम ने भूमिहीन मजदूरों को भी न्याय योजना से जोड़ने की बात कही. इसकी प्रक्रिया जारी है. सीएम ने कहा कि कोरोना काल में जहां देश में औद्योगिक उत्पादन ठप था. वहां न लोहे की खदान बंद हुई, न बाक्साइट की खदान बंद हुई और न कोल ब्लॉक. साथ ही बड़े उद्योग संचालित हुए. सीएम ने ये कहा कि छोटे उद्योगों को नुकसान हुआ है. अभी 80 फीसदी क्षमता के साथ उद्योग संचालित हो रहे हैं. बघेल ने कहा कि गौठान के माध्यम से ग्रामोद्योग को जोड़ना चाहते हैं और लोगों को रोजगार देना चाहते हैं.
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केंद्र सरकार पर बरसे बघेल
सीएम ने केंद्र सरकार पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि हमने कोरोना काल में भी काम किया और देश में सर्वाधिक मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया. 15 दिन के अंदर सभी को भुगतान दिया गया. सीएम ने कहा कि इस साल रिकॉर्ड 26 लाख मजदूरों ने काम किया है. सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार जानती है कि प्रदेश के 28 में 10 जिले राजनांदगांव समेत आकांक्षी जिले हैं. सीएम ने कहा कि मनरेगा ने संकट काल में देश को संभाला. ये योजना पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय की है. ये केंद्र सरकार के मुंह पर तमाचा है.