रायपुर: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10% आरक्षण पर अपनी मुहर लगा दी है. इस पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा " बहुत अच्छी बात है हम स्वागत करते हैं. हम चाह रहे हैं कि संविधान में जो व्यवस्था है अनुसूचित जाति जनजाति को जितनी जनसंख्या उसके आधार पर आरक्षण मिलना चाहिए. मंडल आयोग के जो रिपोर्ट है उसके आधार पर पिछड़े वर्ग को 27% मिलना चाहिए. जिस पर भारत सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने सील मोहर लगा दिया है. लेकिन 10% ईडब्ल्यूएस को मिलना चाहिए. हम इसके पक्षधर है."
ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला: आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को दिए गए आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लग गई है. चीफ जस्टिस यूयू ललित के नेतृत्व में 5 जजों की पीठ ने 3:2 से संविधान के 103वें संशोधन के पक्ष में फैसला सुनाया. हालांकि, चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रवींद्र भट ने EWS कोटा के खिलाफ अपनी राय रखी. बाकी तीन जजों ने कहा कि यह संशोधन संविधान के मूल भावना के खिलाफ नहीं है.
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