रायपुर: साल 2023 अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है. इसकी घोषणा संयुक्त राष्ट्र संघ ने की है CM Baghel letter to PM Modi on Millet Mission. छत्तीसगढ़ में भी बघेल सरकार मिलेट मिशन के जरिए मिलेट के उत्पादन और उसकी खेती को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है Include millets grain in PDS. इस फेहरिस्त में सीएम भूपेश बघेल ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे मिलेट फसलों के उत्पादन और उसके उपयोग को बढ़ावा देने का आग्रह किया है.
"पीडीएस स्कीम में भी मिलेट्स के अनाजों को मिले प्रमुखता": सीएम भूपेश बघेल ने अपने पत्र में इस बात का जिक्र किया है कि ’राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम’ अन्तर्गत वितरित किये जाने वाले अनाजों में मिलेट को प्रमुखता मिले. इसके अलावा मिड डे मील, आंगनबाड़ी के पोषण आहार और महिला बाल विकास विभाग की तरफ से चलाए जा रहे योजनाओं में भी इसको शामिल किया जाए. Millets Mission in Chhattisgarh इन सब विभागों में मिलेट्स को बढ़ावा मिले. इन सब विभागों में वितरित किए जाने वाले अनाजों में मिलेट्स के अनाजों को शामिल किया जाए." पीडीएस स्कीम में भी मिलेट्स को शामिल किया जाए .
"मिलेट्स का उपयोग कुपोषण से लड़ाई में फायदेमंद": मिलेट्स का उपयोग कुपोषण से लड़ाई में फायदेमंद है. सीएम बघेल ने इस बात का जिक्र भी पीएम मोदी को लिखे पत्र में किया है. एनीमिया एवं कुपोषण से लड़ाई में में मिलेट फसलों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है. दुर्भाग्य से विगत वर्षों में विपणन व्यवस्था के अभाव के कारण देश में मिलेट फसलों के उत्पादन में कमी आयी है. सीएम बघेल ने पत्र में लिखा है कि भारत सरकार की पहल पर साल 2023 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया है.
छत्तीसगढ़ सरकार के मिलेट्स मिशन का किया जिक्र: सीएम ने पत्र में मिलेट मिशन का जिक्र किया है. जिसके तहत उन्होंने बताया है कि छत्तीसगढ़ में लगातार मिलेट्स के फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है.छत्तीसगढ़ में मिलेट्स मिशन की स्थापना के साथ राज्य में पैदा होने वाले कोदो, कुटकी एवं रागी का न्यनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया है. इसके संग्रहण की भी अच्छी व्यवस्था की गई है.
ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ विधानसभा में विधायकों ने किया मिलेट्स लंच, सीएम बघेल को भाया रागी का हलवा
"छत्तीसगढ़ में मिलेट्स की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा": सीएम बघेल ने पत्र में लिखा है कि राज्य में मिलेट्स मिशन को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके लिए मिलेट उत्पादकों को 9 हजार रुपये प्रति एकड़ सब्सिडी दी जा रही है. देश के किसी भी राज्य में मिलेट फसलों के उत्पादकों को इतनी अधिक सहायता नहीं दी जा रही है. लेकिन छत्तीसगढ़ में यह लागू है. यही वजह है कि छत्तीसगढ़ में मिलेट्स के अनाजों की उप्तादकता में इजाफा हुआ है. बीते दो वर्षों में राज्य में मिलेट फसलों के रकबे के उत्पादन में दो गुना वृद्धि हुई है.
"मिलेट्स के उपयोग को जन आंदोलन बनाया जाए": सीएम बघेल ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि मिलेट्स उत्पादन को जन आंदोलन बनाया जाए. इसे लेकर फैसला लेना काफी सही रहेगा. इसके लिए ’राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम’ अन्तर्गत वितरित किये जाने वाले अनाजों, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, महिला बाल विकास विभाग द्वारा दिये जा रहे पोषण आहार कार्यक्रम में इसे शामिल किया जाए.