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ईटीवी भारत से यूक्रेन में पढ़ रहे बच्चों ने की बात...यहां सबकुछ सामान्य, चिंता की कोई बात नहीं - Ukraine Russia latest news of war

Children of Chhattisgarh said everything is normal in Ukraine : पूरी दुनिया में यूक्रेन पर रूस के हमले की खबर से लोगों में खौफ है. लेकिन इसी बीच वहां पढ़ाई कर रहे बच्चों ने एक सुखद खबर दी है. यूक्रेन समेत यूरोप के बॉर्डर इलाके में शांति है. दिनचर्या सामान्य है. चिंता जैसी कोई बात नहीं है. यह निश्चित ही यूक्रेन में रह रहे बच्चों के अभिभावकों को राहत देने वाली खबर है.

Children of Chhattisgarh said everything is normal in Ukraine
ईटीवी भारत से यूक्रेन में पढ़ रहे बच्चों ने की बात
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Published : Feb 19, 2022, 10:28 PM IST

Updated : Feb 21, 2022, 5:52 PM IST

रायपुर : रूस और यूक्रेन के मध्य बढ़ते तनाव की खबरों के बीच एक सुकून देने वाली तस्वीर सामने आई है. यूक्रेन के खारकीव शहर में पढ़ाई कर रहे छत्तीसगढ़ के छात्र पुखराज साहू ने बताया है कि उनका शहर रूस सीमा से बमुश्किल 50 किलोमीटर की दूरी पर है. बावजूद इसके इस शहर में अभी (Children of Chhattisgarh said everything is normal in Ukraine) तक कहीं पर भी तनाव नजर नहीं आ रहा. कॉलेज में पढ़ाई पूर्व की ही तरह ऑफलाइन चल रही है. शहर के बाजार और मॉल्स भी आम दिनों की ही तरह खुले हुए हैं. इसी तरह यूरोप सीमा के करीब उजगोरद शहर में पढ़ने वाली राजनांदगांव की छात्रा ने भी बताया कि उनके शहर में भी शांति है. अभिभावकों को डरने या घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनके इंस्टीट्यूशन के जिम्मेदार लोग लगातार भारतीय दूतावास कार्यालय के संपर्क में है. वहां से स्थिति बिगड़ने पर हरसंभव मदद का भरोसा दिया गया है.

ईटीवी भारत से यूक्रेन में पढ़ रहे बच्चों ने की बात

छत्तीसगढ़ के 1500 छात्र यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे...
देशभर के करीब 18 से 20 हजार छात्र यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे हैं. इनमें करीब 1500 छात्र छत्तीसगढ़ के हैं. ये अलग-अलग यूनिवर्सिटी में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं. रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव की खबरों ने उन अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है, जिनके बच्चे अभी यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे हैं. कुछ देशों ने तो अपने छात्रों को स्वदेश वापस भी बुला लिया है. लेकिन यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे छत्तीसगढ़ के छात्रों से ईटीवी भारत ने वर्चुअल बातचीत की. उन्होंने बताया कि अभी भी उनकी क्लासेज पूर्व की ही तरह ऑफलाइन चल रही हैं. रूस की सीमा से महज 50 किलोमीटर की दूरी पर खारकीव शहर में पढ़ाई कर रहे कवर्धा के पुखराज साहू ने बताया कि उनके शहर में अभी भी लोगों की दिनचर्या पहले की ही तरह है. शहर के बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान पूर्व की ही तरह खुले हुए हैं.

यूक्रेन में फंसे छत्तीसगढ़ के दो मेडिकल छात्र, परिजनों को सता रही सकुशल वापसी की चिंता


यूरोप बॉर्डर के शहरों में पूरी तरह शांति...
कुछ इसी तरह से ही यूरोप बॉर्डर के शहर उजगोरद में अध्ययनरत छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव की छात्रा ने बताया कि वे जहां पढ़ाई कर रही हैं, वहां भी पूरी तरह शांति है. इन छात्रों ने यह भी बताया की बढ़ते तनाव की खबरों के बीच उनके इंस्टीट्यूशन के जिम्मेदार लोग भारतीय दूतावास कार्यालय के लगातार संपर्क में है. उन्हें पूर्ण आश्वासन मिला है कि हालात बिगड़ने की स्थिति में उन्हें हरसंभव मदद दी जाएगी. यूक्रेन से ही पढ़ाई कर रायपुर लौटे डॉक्टर अनिमेष राय ने बताया कि पूर्व में भी कोरोना या किसी अन्य कारणों से जब भी तनाव की स्थिति निर्मित हुई तब-तब भारतीय दूतावास से बच्चों को मदद मिली है. उम्मीद है कि इस बार भी तनाव बढ़ने की स्थिति में बच्चों को स्वदेश लाने की प्रक्रिया की जाएगी.

ईटीवी भारत से यूक्रेन में पढ़ रहे बच्चों ने की बात
यूक्रेन में पढ़ रहे छात्रों पर है सरकार की नजर : चौबेवहीं राज्य सरकार के प्रवक्ता रविंद्र चौबे ने इस मामले पर कहा है कि यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे राज्य के छात्रों पर सरकार की भी नजर है. चौबे ने बताया कि अभी तक अभिभावकों की ओर से कोई मदद की अपील नहीं की गई है. स्थिति बिगड़ने पर छत्तीसगढ़ के बच्चों का सहयोग करने के लिए सरकार की ओर से भी पहल की जाएगी.

ईटीवी भारत की खबर का असर: यूक्रेन में फंसे छात्रों को भारत लाया जाएगा

छत्तीसगढ़ और देश के छात्र क्यों जाते हैं यूक्रेन पढ़ाई करने ?
भारत में डॉक्टर बनने का सपना संजोने वाले कई छात्र कड़ी मेहनत करने के बावजूद सफल नहीं हो पाते. इसकी वजह देश में एमबीबीएस की सीटें कम होना और उसके लिए कॉम्पिटिशन का टफ होना है. यही वजह है कि डॉक्टर बनने का सपना पूरा करने के लिए हर साल देश के हजारों छात्र यूक्रेन जैसे देशों का रुख करते हैं. इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि हमारे देश में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में फीस और पढ़ाई का खर्च काफी अधिक है. दूसरी तरफ यह पढ़ाई यूक्रेन में महज एक चौथाई खर्च में ही पूरी हो जाती है.
यानी कि हमारे देश की तुलना में यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई काफी सस्ती है. हालांकि यूक्रेन से पढ़ाई करके भारत आने वाले छात्रों को तुरंत प्रैक्टिस की इजाजत नहीं मिलती. बल्कि इसके लिए उन्हें फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जामिनेशन (FMGE) की कठिन परीक्षा पास करनी पड़ती है. जानकारों के मुताबिक इस परीक्षा में महज 25 से 30 प्रतिशत बच्चे ही पास हो पाते हैं.

यूक्रेन से भारत आने के लिए एयर टिकट भी हुआ महंगा...
वैसे तो छत्तीसगढ़ प्रदेश के जिन छात्रों से ईटीवी भारत ने बातचीत की उनमें से ज्यादातर छात्रों का कहना है कि अभी स्थिति इतनी तनावपूर्ण नहीं है, जिसमें उन्हें देश लौटने को मशक्कत करनी पड़े. लेकिन कुछ छात्रों ने यह भी बताया कि यूक्रेन से भारत आने वाली फ्लाइट्स के टिकट की दरें भी काफी बढ़ गई हैं. सामान्य दिनों में भारत आने वाली फ्लाइट्स के टिकट 20 से 25 हजार रुपये में मिलते थे, अब उनकी दरें 60 से 70 हजार रुपये तक हो गई हैं.

रायपुर : रूस और यूक्रेन के मध्य बढ़ते तनाव की खबरों के बीच एक सुकून देने वाली तस्वीर सामने आई है. यूक्रेन के खारकीव शहर में पढ़ाई कर रहे छत्तीसगढ़ के छात्र पुखराज साहू ने बताया है कि उनका शहर रूस सीमा से बमुश्किल 50 किलोमीटर की दूरी पर है. बावजूद इसके इस शहर में अभी (Children of Chhattisgarh said everything is normal in Ukraine) तक कहीं पर भी तनाव नजर नहीं आ रहा. कॉलेज में पढ़ाई पूर्व की ही तरह ऑफलाइन चल रही है. शहर के बाजार और मॉल्स भी आम दिनों की ही तरह खुले हुए हैं. इसी तरह यूरोप सीमा के करीब उजगोरद शहर में पढ़ने वाली राजनांदगांव की छात्रा ने भी बताया कि उनके शहर में भी शांति है. अभिभावकों को डरने या घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनके इंस्टीट्यूशन के जिम्मेदार लोग लगातार भारतीय दूतावास कार्यालय के संपर्क में है. वहां से स्थिति बिगड़ने पर हरसंभव मदद का भरोसा दिया गया है.

ईटीवी भारत से यूक्रेन में पढ़ रहे बच्चों ने की बात

छत्तीसगढ़ के 1500 छात्र यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे...
देशभर के करीब 18 से 20 हजार छात्र यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे हैं. इनमें करीब 1500 छात्र छत्तीसगढ़ के हैं. ये अलग-अलग यूनिवर्सिटी में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं. रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव की खबरों ने उन अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है, जिनके बच्चे अभी यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे हैं. कुछ देशों ने तो अपने छात्रों को स्वदेश वापस भी बुला लिया है. लेकिन यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे छत्तीसगढ़ के छात्रों से ईटीवी भारत ने वर्चुअल बातचीत की. उन्होंने बताया कि अभी भी उनकी क्लासेज पूर्व की ही तरह ऑफलाइन चल रही हैं. रूस की सीमा से महज 50 किलोमीटर की दूरी पर खारकीव शहर में पढ़ाई कर रहे कवर्धा के पुखराज साहू ने बताया कि उनके शहर में अभी भी लोगों की दिनचर्या पहले की ही तरह है. शहर के बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान पूर्व की ही तरह खुले हुए हैं.

यूक्रेन में फंसे छत्तीसगढ़ के दो मेडिकल छात्र, परिजनों को सता रही सकुशल वापसी की चिंता


यूरोप बॉर्डर के शहरों में पूरी तरह शांति...
कुछ इसी तरह से ही यूरोप बॉर्डर के शहर उजगोरद में अध्ययनरत छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव की छात्रा ने बताया कि वे जहां पढ़ाई कर रही हैं, वहां भी पूरी तरह शांति है. इन छात्रों ने यह भी बताया की बढ़ते तनाव की खबरों के बीच उनके इंस्टीट्यूशन के जिम्मेदार लोग भारतीय दूतावास कार्यालय के लगातार संपर्क में है. उन्हें पूर्ण आश्वासन मिला है कि हालात बिगड़ने की स्थिति में उन्हें हरसंभव मदद दी जाएगी. यूक्रेन से ही पढ़ाई कर रायपुर लौटे डॉक्टर अनिमेष राय ने बताया कि पूर्व में भी कोरोना या किसी अन्य कारणों से जब भी तनाव की स्थिति निर्मित हुई तब-तब भारतीय दूतावास से बच्चों को मदद मिली है. उम्मीद है कि इस बार भी तनाव बढ़ने की स्थिति में बच्चों को स्वदेश लाने की प्रक्रिया की जाएगी.

ईटीवी भारत से यूक्रेन में पढ़ रहे बच्चों ने की बात
यूक्रेन में पढ़ रहे छात्रों पर है सरकार की नजर : चौबेवहीं राज्य सरकार के प्रवक्ता रविंद्र चौबे ने इस मामले पर कहा है कि यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे राज्य के छात्रों पर सरकार की भी नजर है. चौबे ने बताया कि अभी तक अभिभावकों की ओर से कोई मदद की अपील नहीं की गई है. स्थिति बिगड़ने पर छत्तीसगढ़ के बच्चों का सहयोग करने के लिए सरकार की ओर से भी पहल की जाएगी.

ईटीवी भारत की खबर का असर: यूक्रेन में फंसे छात्रों को भारत लाया जाएगा

छत्तीसगढ़ और देश के छात्र क्यों जाते हैं यूक्रेन पढ़ाई करने ?
भारत में डॉक्टर बनने का सपना संजोने वाले कई छात्र कड़ी मेहनत करने के बावजूद सफल नहीं हो पाते. इसकी वजह देश में एमबीबीएस की सीटें कम होना और उसके लिए कॉम्पिटिशन का टफ होना है. यही वजह है कि डॉक्टर बनने का सपना पूरा करने के लिए हर साल देश के हजारों छात्र यूक्रेन जैसे देशों का रुख करते हैं. इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि हमारे देश में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में फीस और पढ़ाई का खर्च काफी अधिक है. दूसरी तरफ यह पढ़ाई यूक्रेन में महज एक चौथाई खर्च में ही पूरी हो जाती है.
यानी कि हमारे देश की तुलना में यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई काफी सस्ती है. हालांकि यूक्रेन से पढ़ाई करके भारत आने वाले छात्रों को तुरंत प्रैक्टिस की इजाजत नहीं मिलती. बल्कि इसके लिए उन्हें फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जामिनेशन (FMGE) की कठिन परीक्षा पास करनी पड़ती है. जानकारों के मुताबिक इस परीक्षा में महज 25 से 30 प्रतिशत बच्चे ही पास हो पाते हैं.

यूक्रेन से भारत आने के लिए एयर टिकट भी हुआ महंगा...
वैसे तो छत्तीसगढ़ प्रदेश के जिन छात्रों से ईटीवी भारत ने बातचीत की उनमें से ज्यादातर छात्रों का कहना है कि अभी स्थिति इतनी तनावपूर्ण नहीं है, जिसमें उन्हें देश लौटने को मशक्कत करनी पड़े. लेकिन कुछ छात्रों ने यह भी बताया कि यूक्रेन से भारत आने वाली फ्लाइट्स के टिकट की दरें भी काफी बढ़ गई हैं. सामान्य दिनों में भारत आने वाली फ्लाइट्स के टिकट 20 से 25 हजार रुपये में मिलते थे, अब उनकी दरें 60 से 70 हजार रुपये तक हो गई हैं.

Last Updated : Feb 21, 2022, 5:52 PM IST
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