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छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन को लेकर बच्चों के उत्साह में कमी, स्वास्थ्य विभाग करेगा समीक्षा

छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन को लेकर बच्चों के उत्साह में कमी आई है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग समीक्षा करेगा. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 10 दिन में सिर्फ 60 हजार 774 बच्चों ने ही पहला टीका लगाया है. यह कुल लक्ष्य का मात्र 5 फीसदी है. छत्तीसगढ़ में कुल 16 लाख 39 हजार 811 बच्चे हैं.

children enthusiasm for vaccination
वैक्सीनेशन को लेकर बच्चों के उत्साह में कमी
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Published : Feb 14, 2022, 4:41 PM IST

रायपुर: प्रदेश में 18 से ज्यादा एज ग्रुप के सौ फीसद लोगों को वैक्सीन का पहला डोज लगाया जा चुका है. यह एक अचीवमेंट की बात है. लेकिन 15 से 18 आयु वाले वैक्सीनेशन की प्रक्रिया अचानक से धीमी पड़ गई है. दरअसल, 3 जनवरी से प्रदेश में 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू की गई. शुरुआती दौर में वैक्सीनेशन को लेकर बच्चे भी काफी एक्साइटेड नजर आए और जनवरी के आखिर तक प्रदेश में करीब 60 फीसदी बच्चों का वैक्सीनेशन कर लिया गया. लेकिन फरवरी शुरू होते ही अचानक बच्चों का वैक्सीनेशन काफी धीमा पड़ गया. इसकी चिंता स्वास्थ्य विभाग को भी अब सता रही है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 10 दिन में सिर्फ 60 हजार 774 बच्चों ने ही पहला टीका लगाया है. यह कुल लक्ष्य का मात्र 5 फीसदी है.

यह भी पढ़ें: chhattisgarh corona update: छत्तीसगढ़ में 100 % वैक्सीनेशन, शनिवार को 14 लोगों की कोरोना से हुई मौत

बच्चों के वैक्सीनेशन के आंकड़े
15 से 18 आयु वर्ग के प्रदेश में कुल 16 लाख 39 हजार 811 बच्चे हैं. 3 जनवरी से 31 जनवरी से तक प्रदेश में कुल 60 फीसद यानी 9 लाख 91 हजार 79 बच्चों ने ही वैक्सीन लगाया है. लेकिन 1 फरवरी से 13 फरवरी तक के आंकड़े देखे जाएं तो सिर्फ 5 फीसद यानी 70 हजार बच्चों ने वैक्सीन लगाया है. प्रदेश में अब तक कुल 10 लाख 60 हजार 640 यानी 65 फीसद बच्चों ने ही वैक्सीन लगाया है.

बच्चों का वैक्सीनेशन पड़ा धीमा, स्वास्थ्य विभाग करेगा समीक्षा
राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर वीआर भगत ने बताया कि 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को 3 जनवरी 2022 से वैक्सीन लगाई जा रही है. प्रदेश में 15 से 18 युवक के कुल 16 लाख 39 हजार 811 बच्चे हैं. शुरुआती दिनों में हमें बच्चों से काफी अच्छा रिस्पांस मिला और वैक्सीनेशन तेजी से हुआ. लेकिन पिछले 10 दिनों में 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों में पहली टीका लगाने की रफ्तार काफी धीमी हो गई है. इसकी समीक्षा की जाएगी और कोशिश की जाएगी कि बच्चों का वैक्सीनेशन जल्द से जल्द हो.

को-मोबिडिटी पेशेंट और वैक्सीन का सिंगल डोज लगाने वाले लोगों की हो रही कोरोना से मौत
मेकाहारा मेडिसिन विभाग प्रोफेसर डॉ आरएल खरे ने बताया कि प्रदेश में लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या तो कम हो रही है. लेकिन मौत का आंकड़ा अभी भी ज्यादा है. इसकी वजह से हमें देखने को मिल रही है. जिन लोगों की मौत हो रही है वह या तो को-मोबिडिटी पेशेंट है या फिर उन्होंने वैक्सीन का सिर्फ एक ही डोज लगाया है जो कि सरासर गलत बात है. लोग यह सोच रहे हैं कि कोरोना खत्म हो गया है और वह दुबारा नहीं आ सकता. ऐसा नहीं है. वायरस हवा में हमेशा मौजूद होता है और वैक्सीनेशन ही एकमात्र उपाय है. इस वजह से वैक्सीनेशन जरूर करवाना चाहिए और लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. कोविड गाइडलाइन जो बनाई गई है उसका पालन करना बहुत जरूरी है.

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में कोरोना की रफ्तार कम: रविवार को मिले 579 नए संक्रमित मरीज, सिर्फ 5 लोगों की हुई मौत


पिछले 13 दिन के आंकड़े

दिनांक संक्रमित मरीज मौत
1 फरवरी 3241 16
2 फरवरी 2764 14
3 फरवरी 2454 12
4 फरवरी 2113 19
5 फरवरी 1764 14
6 फरवरी 976 09
7 फरवरी 1292 14
8 फरवरी 1300 10
10 फरवरी 1008 07
11 फरवरी 946 10
12 फरवरी 754 13
13 फरवरी 579 05


वहीं, आंकड़े में साफ देखा जा सकता है कि पिछले 13 दिनों में प्रदेश में लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या कम हुई है. प्रदेश में होने वाली मौतों की बात की जाए तो पिछले 13 दिनों में लगभग हर दिन प्रदेश में 10 से ज्यादा लोगों की मौतें हो रही है. डॉक्टरों का कहना है कि इसकी सबसे बड़ी वजह वैक्सीनेशन का सिंगल डोज है. प्रदेश में अभी भी ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिन्होंने अभी तक वैक्सीन का सिर्फ एक ही डोज लगाया है और अगर उन्हें कोरोना के साथ कोई अन्य बीमारी भी है तो वह हाई रिस्क पर आ जाते हैं.

रायपुर: प्रदेश में 18 से ज्यादा एज ग्रुप के सौ फीसद लोगों को वैक्सीन का पहला डोज लगाया जा चुका है. यह एक अचीवमेंट की बात है. लेकिन 15 से 18 आयु वाले वैक्सीनेशन की प्रक्रिया अचानक से धीमी पड़ गई है. दरअसल, 3 जनवरी से प्रदेश में 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू की गई. शुरुआती दौर में वैक्सीनेशन को लेकर बच्चे भी काफी एक्साइटेड नजर आए और जनवरी के आखिर तक प्रदेश में करीब 60 फीसदी बच्चों का वैक्सीनेशन कर लिया गया. लेकिन फरवरी शुरू होते ही अचानक बच्चों का वैक्सीनेशन काफी धीमा पड़ गया. इसकी चिंता स्वास्थ्य विभाग को भी अब सता रही है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 10 दिन में सिर्फ 60 हजार 774 बच्चों ने ही पहला टीका लगाया है. यह कुल लक्ष्य का मात्र 5 फीसदी है.

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बच्चों के वैक्सीनेशन के आंकड़े
15 से 18 आयु वर्ग के प्रदेश में कुल 16 लाख 39 हजार 811 बच्चे हैं. 3 जनवरी से 31 जनवरी से तक प्रदेश में कुल 60 फीसद यानी 9 लाख 91 हजार 79 बच्चों ने ही वैक्सीन लगाया है. लेकिन 1 फरवरी से 13 फरवरी तक के आंकड़े देखे जाएं तो सिर्फ 5 फीसद यानी 70 हजार बच्चों ने वैक्सीन लगाया है. प्रदेश में अब तक कुल 10 लाख 60 हजार 640 यानी 65 फीसद बच्चों ने ही वैक्सीन लगाया है.

बच्चों का वैक्सीनेशन पड़ा धीमा, स्वास्थ्य विभाग करेगा समीक्षा
राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर वीआर भगत ने बताया कि 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को 3 जनवरी 2022 से वैक्सीन लगाई जा रही है. प्रदेश में 15 से 18 युवक के कुल 16 लाख 39 हजार 811 बच्चे हैं. शुरुआती दिनों में हमें बच्चों से काफी अच्छा रिस्पांस मिला और वैक्सीनेशन तेजी से हुआ. लेकिन पिछले 10 दिनों में 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों में पहली टीका लगाने की रफ्तार काफी धीमी हो गई है. इसकी समीक्षा की जाएगी और कोशिश की जाएगी कि बच्चों का वैक्सीनेशन जल्द से जल्द हो.

को-मोबिडिटी पेशेंट और वैक्सीन का सिंगल डोज लगाने वाले लोगों की हो रही कोरोना से मौत
मेकाहारा मेडिसिन विभाग प्रोफेसर डॉ आरएल खरे ने बताया कि प्रदेश में लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या तो कम हो रही है. लेकिन मौत का आंकड़ा अभी भी ज्यादा है. इसकी वजह से हमें देखने को मिल रही है. जिन लोगों की मौत हो रही है वह या तो को-मोबिडिटी पेशेंट है या फिर उन्होंने वैक्सीन का सिर्फ एक ही डोज लगाया है जो कि सरासर गलत बात है. लोग यह सोच रहे हैं कि कोरोना खत्म हो गया है और वह दुबारा नहीं आ सकता. ऐसा नहीं है. वायरस हवा में हमेशा मौजूद होता है और वैक्सीनेशन ही एकमात्र उपाय है. इस वजह से वैक्सीनेशन जरूर करवाना चाहिए और लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. कोविड गाइडलाइन जो बनाई गई है उसका पालन करना बहुत जरूरी है.

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पिछले 13 दिन के आंकड़े

दिनांक संक्रमित मरीज मौत
1 फरवरी 3241 16
2 फरवरी 2764 14
3 फरवरी 2454 12
4 फरवरी 2113 19
5 फरवरी 1764 14
6 फरवरी 976 09
7 फरवरी 1292 14
8 फरवरी 1300 10
10 फरवरी 1008 07
11 फरवरी 946 10
12 फरवरी 754 13
13 फरवरी 579 05


वहीं, आंकड़े में साफ देखा जा सकता है कि पिछले 13 दिनों में प्रदेश में लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या कम हुई है. प्रदेश में होने वाली मौतों की बात की जाए तो पिछले 13 दिनों में लगभग हर दिन प्रदेश में 10 से ज्यादा लोगों की मौतें हो रही है. डॉक्टरों का कहना है कि इसकी सबसे बड़ी वजह वैक्सीनेशन का सिंगल डोज है. प्रदेश में अभी भी ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिन्होंने अभी तक वैक्सीन का सिर्फ एक ही डोज लगाया है और अगर उन्हें कोरोना के साथ कोई अन्य बीमारी भी है तो वह हाई रिस्क पर आ जाते हैं.

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