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मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजनाः खेतों में फसल की जगह रोपिए पौधे, प्रति एकड़ मिलेंगे 10 हजार रुपए - मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना 1 जून से होगा शुरू

छत्तीसगढ़ सरकार (Government of Chhattisgarh) पौधरोपण को बढ़ावा देने के लिए नई योजना लेकर आई है. सरकार प्रदेश में 1 जून से ‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना (Chief Minister Tree Plantation Incentive Scheme ) लागू कर रही है. पौधरोपण करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रुपए दिए जाएंगे. जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली है. यदि वे धान फसल के बदले अपने खेतों में पौधरोपण करते हैं, तो उन्हें आगामी तीन साल तक हर साल 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.

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फाइल फोटो
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Published : May 30, 2021, 9:40 PM IST

रायपुर: राज्य शासन छत्तीसगढ़ में पौधरोपण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक जून 2021 से मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना लागू की जा रही है. योजना के क्रियान्वयन के सबंध में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग (Forest and Climate Change Department) ने सभी जिले के कलेक्टरों और वनमण्डलाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. इसमें छत्तीसगढ़ राज्य के सभी नागरिक, निजी भूमि की उपलब्धता अनुसार तथा सभी ग्राम पंचायतों और संयुक्त वन प्रबंधन समितियां योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगे. पौधरोपण करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रुपए दिए जाएंगे. जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली है. यदि वे धान फसल के बदले अपने खेतों में पौधरोपण करते हैं, तो उन्हें आगामी तीन साल तक हर साल 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. इसी तरह ग्राम पंचायतों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जाएगा, तो एक साल बाद सफल पौरोपण की दशा में संबंधित ग्राम पंचायतों को 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.


18 मई को हुई बैठक में सीएम ने योजना शुरू करने के दिए थे निर्देश
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) की अध्यक्षता में 18 मई को मंत्रिमण्डल की बैठक हुई थी. बैठक में ‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना‘ कोलागू करने का निर्णय लिया गया था. योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में पौधरोपण को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करना है. साथ ही पर्यावरण में सुधार लाकर जलवायु परिवर्तन के विपरित प्रभावों को कम करना है. इसमें निजी क्षेत्र, कृषकों, शासकीय विभागों औ ग्राम पंचायतों को भूमि पर इमारती, गैर इमारती प्रजातियों के वाणिज्यिक-औद्योगिक वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किया जाएगा.

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पौधरोपण का उद्देश्य भूमि जलस्तर को ऊपर उठाना

निजी और सामुदायिक भूमि पर भी पौधरोपण को बढ़ावा दिया जाएगा. काष्ठ का उत्पादन बढ़ाकर काष्ठ के आयात में उत्तरोत्तर कमी लाना तथा वनों में उपलब्ध काष्ठ पर जैविक दबाव को कम करते हुए वनों को सुरक्षित रखना है. मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत वृक्षारोपण को बढ़ावा देकर बाढ़, अनावृष्टि को नियंत्रित करना तथा भूमि के जल स्तर को ऊपर उठाना है.

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इमारती-फलदार और बांस पौधों को प्राथमिकता
मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत गैर वनीय क्षेत्रों में इमारती, गैर इमारती, फलदार पेड़, बांस अन्य लघु वनोपज एवं औषधीय पौधे रोपे जाएंगे. वहीं कृषि वानिकी को प्रोत्साहन दिया जाएगा. इसके लिए उच्च गुणवत्ता के पौधे तैयार किए जाएंगे. जिस वन और राजस्व वन भूमि पर वन अधिकार पत्र दिए गए हैं. उस भूमि पर भी हितग्राहियों की सहमति से इमारती, फलदार, बांस, लघु वनोपज और औषधि के पौधे रोपे जाएंगे.

रायपुर: राज्य शासन छत्तीसगढ़ में पौधरोपण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक जून 2021 से मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना लागू की जा रही है. योजना के क्रियान्वयन के सबंध में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग (Forest and Climate Change Department) ने सभी जिले के कलेक्टरों और वनमण्डलाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. इसमें छत्तीसगढ़ राज्य के सभी नागरिक, निजी भूमि की उपलब्धता अनुसार तथा सभी ग्राम पंचायतों और संयुक्त वन प्रबंधन समितियां योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगे. पौधरोपण करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रुपए दिए जाएंगे. जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली है. यदि वे धान फसल के बदले अपने खेतों में पौधरोपण करते हैं, तो उन्हें आगामी तीन साल तक हर साल 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. इसी तरह ग्राम पंचायतों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जाएगा, तो एक साल बाद सफल पौरोपण की दशा में संबंधित ग्राम पंचायतों को 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.


18 मई को हुई बैठक में सीएम ने योजना शुरू करने के दिए थे निर्देश
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) की अध्यक्षता में 18 मई को मंत्रिमण्डल की बैठक हुई थी. बैठक में ‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना‘ कोलागू करने का निर्णय लिया गया था. योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में पौधरोपण को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करना है. साथ ही पर्यावरण में सुधार लाकर जलवायु परिवर्तन के विपरित प्रभावों को कम करना है. इसमें निजी क्षेत्र, कृषकों, शासकीय विभागों औ ग्राम पंचायतों को भूमि पर इमारती, गैर इमारती प्रजातियों के वाणिज्यिक-औद्योगिक वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किया जाएगा.

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पौधरोपण का उद्देश्य भूमि जलस्तर को ऊपर उठाना

निजी और सामुदायिक भूमि पर भी पौधरोपण को बढ़ावा दिया जाएगा. काष्ठ का उत्पादन बढ़ाकर काष्ठ के आयात में उत्तरोत्तर कमी लाना तथा वनों में उपलब्ध काष्ठ पर जैविक दबाव को कम करते हुए वनों को सुरक्षित रखना है. मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत वृक्षारोपण को बढ़ावा देकर बाढ़, अनावृष्टि को नियंत्रित करना तथा भूमि के जल स्तर को ऊपर उठाना है.

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इमारती-फलदार और बांस पौधों को प्राथमिकता
मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत गैर वनीय क्षेत्रों में इमारती, गैर इमारती, फलदार पेड़, बांस अन्य लघु वनोपज एवं औषधीय पौधे रोपे जाएंगे. वहीं कृषि वानिकी को प्रोत्साहन दिया जाएगा. इसके लिए उच्च गुणवत्ता के पौधे तैयार किए जाएंगे. जिस वन और राजस्व वन भूमि पर वन अधिकार पत्र दिए गए हैं. उस भूमि पर भी हितग्राहियों की सहमति से इमारती, फलदार, बांस, लघु वनोपज और औषधि के पौधे रोपे जाएंगे.

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