रायपुर: छत्तीसगढ़ देश में चौथा ऐसा राज्य है जहां बच्चों के लिए अलग से चाइल्ड बजट का प्रावधान रखा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में चाइल्ड बजट का ऐलान करते हुए 3 हजार 523 करोड़ रुपए का प्रावधान किया. छत्तीसगढ़ में बच्चों के विकास और उनकी देखरेख के लिए अलग से बजट का प्रावधान रखा गया है. जिससे बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए काम हो सके.
6 विभाग मिलकर करेंगे काम
बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य एवं स्कूल शिक्षा, श्रम एवं समाज कल्याण विभाग, आदिम जाति विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग शामिल हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरफ से प्रस्तुत विनियोग विधेयक पारित कर दिया गया. इसके साथ ही सरकार को 1 अप्रैल से नया बजट खर्च करने की अनुमति मिल गई है. विनियोग विधेयक की चर्चा का जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि विनियोग का आकार 1 लाख 5 हजार 213 करोड़ रुपये का है.
बच्चों के विकास के लिए होगा फोकस
- बाल श्रमिकों के रोजगार को रोकने श्रम विभाग पुनर्वास पर काम करेगा.
- 0 से 16 साल तक के बच्चों का इलाज का जिम्मा स्वास्थ्य विभाग देखेगा.
- 1 से 12वीं तक के बच्चों के शिक्षा पर स्कूल शिक्षा विभाग फोकस करेगा.
- आदिवासी बच्चों के विकास पर आदिम जाति विभाग फोकस करेगा.
- दिव्यांग बच्चों के विकास के लिए समाज कल्याण विभाग फोकस करेगा.
कई विभागों के लिए 11,108 करोड़ रुपये से ज्यादा की अनुदान मांगें पारित
विपक्ष के चर्चा के बिना ही विनियोग विधेयक पर लगी मुहर
मुख्यमंत्री ने कहा कि विनियोग विधेयक पर सरकार चर्चा की तैयारी के साथ विधानसभा में उपस्थित है. लेकिन विपक्ष ही चर्चा से भाग रहा है. सीएम ने कहा कि इस बजट के साथ छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा के संसाधनों की रक्षा और सदुपयोग का नया अध्याय लिखना है. गरीबों, आदिवासियों, अनुसूचित जाति, किसानों, मजदूरों, ग्रामीणों के उत्थान, विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की हमारे पुरखों की जो सोच रही है, उसी दिशा में हमारी सरकार काम कर रही है. विपक्ष के चर्चा बिना ही विनियोग विधेयक पर मुहर लगी है.