रायपुर: आज सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह की जयंती है. गुरु गोबिंद सिंह का जन्म पटना साहिब में हुआ था. उनकी जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राज्यपाल अनुसुइया उइके और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव समेत कई दिग्गजों ने प्रदेशवासियों को गुरु गोबिंद सिंह जयंती की शुभकामनाएं दी हैं.
सीएम भूपेश बघेल ने अपने संदेश में कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने हमेशा प्रेम, एकता, भाईचारे का संदेश दिया है. उनके जीवन का दर्शन था कि धर्म का मार्ग सत्य का मार्ग है और सत्य की सदैव विजय होती है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी ट्वीट कर कहा कि खालसा पंथ के संस्थापक गुरू गोबिंद सिंह साहस, निस्वार्थता और दयालुता का प्रतीक हैं. उनकी शिक्षाएं हमारे किसानों द्वारा किए जा रहे शांतिपूर्ण विरोध को दर्शाती हैं. उनका आशीर्वाद देश को शांति और समृद्धि प्रदान करे.
राज्यपाल अनुसुइया उइके ने दी शुभकामनाएं
राजयपाल अनुसुइया उइके ने ट्वीट कर लिखा कि अन्याय और अधर्म के खिलाफ युद्ध में अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती पर विनम्र नमन. गुरु गोबिंद सिंह जी वीरता के साथ धीरता और धैर्य की अद्भुत मिसाल थे. उन्होंने गरीबों-पीड़ितों की रक्षा की. उनका जीवन हमें त्याग और बलिदान की सीख देता है.
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गोल्डन टेंपल में की गई पूजा
सिख समुदाय के लोग इस जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में बड़े ही उमंग और उत्साह के साथ मनाते हैं. आज के दिन गुरुद्वारों में कीर्तन और गुरुवाणी का पाठ होता है. श्रद्धालुओं ने आज अमृतसर के गोल्डन टेंपल में पूजा की और पवित्र सरोवर में स्नान किया. गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म बिहार की राजधानी पटना के पास पटना साहिब में हुआ था. उनका जीवन परोपकार और त्याग का जीता जागता उदाहरण है.
गुरु गोबिंद सिंह के पांच सिद्धांत
गुरु गोबिंद सिंह ने जीवन जीने के लिए पांच सिद्धांत बताए हैं, जिन्हें 'पांच ककार' कहा जाता है. पांच ककार में ये पांच चीजें आती हैं, जिन्हें खालसा सिख धारण करते हैं. ये हैं- 'केश', 'कड़ा', 'कृपाण', 'कंघा' और 'कच्छा'. इन पांचों के बिना खालसा वेश पूर्ण नहीं माना जाता है.