रायपुर: रायपुर में प्रदेश स्तर पर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने अपनी 4 सूत्रीय मांग को लेकर शनिवार को प्रदर्शन किया. छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का कहना है कि प्रदर्शन के बाद भी सरकार अगर हमारी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं करती है तो हम आगे भी विरोध प्रदर्शन करेंगे. मांगें पूरी नहीं होने पर फेडरेशन ने अप्रैल माह में अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की बात कही है. पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने सहित अन्य मांगों को लेकर कर्मचारी अधिकारियों में नाराजगी और गुस्सा देखने को मिला है.
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के इस प्रदर्शन में 54 विभागों में काम करने वाले लगभग साढ़े पांच लाख कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं. ये आंदोलन का दूसरा चरण था. पहले चरण में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने 3 मार्च को ब्लॉक तहसील और जिला स्तर पर रैली निकालकर प्रदर्शन किया था. जिसके बाद शनिवार को प्रदेश स्तर पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया.
छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग सरकारी कर्मचारी संघ के संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा का कहना है कि "आज हम लोगों को आश्वासन नहीं समाधान चाहिए. इस तर्ज पर आंदोलन के दूसरे चरण में प्रदर्शन किया गया. हम सरकार से अपनी मांगों का हल चाहते हैं. आज के इस प्रदर्शन के बाद भी सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है और कुंभकरण की नींद से नहीं जगती है तो हम अप्रैल में बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे"
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छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि "पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई है. लेकिन पिंगुआ कमेटी की जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है. सभी विभागों की वेतन विसंगति सहित 13 अन्य मांगें भी इसमें शामिल है. प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान 5 फीसद लंबित महंगाई भत्ता दिया जाए. सरकार ने जनघोषणा पत्र में जो वायदा किया है. उसे भी पूरा नहीं किया गया है."