रायपुर : छत्तीसगढ़ में 28 नवंबर का दिन राजभाषा दिवस के तौर पर मनाया जाता है.इसी दिन प्रदेश में राजभाषा विधेयक को पारित किया गया था.जिसका काम छत्तीसगढ़ी भाषा के अस्तित्व को बचाने के साथ आने वाली पीढ़ी को उससे रुबरु भी कराना है.राजभाषा दिवस के अवसर पर सीएम भूपेश बघेल समेत विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने बधाई दी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस 28 नवम्बर के अवसर पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.
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अपन भाखा और अपन बोली आत्मबल देथे अऊ गरब के भाव जगाथे।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
हमर छत्तीसगढ़ी भाखा सबले बढ़िया अउ मीठा भाखा है। हमन कहूं रहिबो अपन भाखा ला नइ छोड़न।
राजभाखा दिवस के बहुत बहुत बधई।
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— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 28, 2023
हमर छत्तीसगढ़ी भाखा सबले बढ़िया अउ मीठा भाखा है। हमन कहूं रहिबो अपन भाखा ला नइ छोड़न।
राजभाखा दिवस के बहुत बहुत बधई।अपन भाखा और अपन बोली आत्मबल देथे अऊ गरब के भाव जगाथे।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 28, 2023
हमर छत्तीसगढ़ी भाखा सबले बढ़िया अउ मीठा भाखा है। हमन कहूं रहिबो अपन भाखा ला नइ छोड़न।
राजभाखा दिवस के बहुत बहुत बधई।
उन्होंने अपने बधाई संदेश में कहा है कि अपन भाखा और अपन बोली आत्मबल देथे अऊ गरब के भाव जगाथे। हमर छत्तीसगढ़ी भाखा सबले बढ़िया अउ मीठा भाखा है। हमन कहूं रहिबो अपन भाखा ला नइ छोड़न।राजभाखा दिवस के बहुत बहुत बधई।
विधानसभा अध्यक्ष ने दी शुभकामनाएं : वहीं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने प्रदेशवासियों को 28 नवम्बर छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस की बधाई दी. डॉ. चरण दास महंत ने अपने बधाई संदेश में कहा कि, छत्तीसगढ़ी भाषा समूचे भारत की सबसे मीठी बोले जाने वाली भाषा है. इस भाषा में अपनत्व, प्रेम, प्यार और दुलार है. हमारे सभी प्रादेशिक धर्मगुरुओं ने राजभाषा के माध्यम से छत्तीसगढ़िया होने का पताका देश ही नहीं विदेशों में भी फहराया है. इसका हमें गर्व है कि ऐसे महान गुरुओं और भाषाओं के हम वंशज हैं.
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हमर छत्तीसगढ़ प्रदेशकर रीति-रिवाज, संस्कृति अउ परंपरा ला छत्तीसगढ़िया सरकार हर छत्तीसगढ़ी भाषा कर रूप मा सामने लाइस अउ आज हमन छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस मनात हन।
— Dr.Charan Das Mahant (@DrCharandas) November 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
जम्मो छत्तीसगढ़िया दाई-ददा, भाई-बहनी मन ला छत्तीसगढ़िया राजभाषा दिवस के गाड़ा-गाड़ा बधई। #राजभाषा_दिवस… pic.twitter.com/6puVrOuEFH
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— Dr.Charan Das Mahant (@DrCharandas) November 28, 2023
जम्मो छत्तीसगढ़िया दाई-ददा, भाई-बहनी मन ला छत्तीसगढ़िया राजभाषा दिवस के गाड़ा-गाड़ा बधई। #राजभाषा_दिवस… pic.twitter.com/6puVrOuEFHहमर छत्तीसगढ़ प्रदेशकर रीति-रिवाज, संस्कृति अउ परंपरा ला छत्तीसगढ़िया सरकार हर छत्तीसगढ़ी भाषा कर रूप मा सामने लाइस अउ आज हमन छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस मनात हन।
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जम्मो छत्तीसगढ़िया दाई-ददा, भाई-बहनी मन ला छत्तीसगढ़िया राजभाषा दिवस के गाड़ा-गाड़ा बधई। #राजभाषा_दिवस… pic.twitter.com/6puVrOuEFH
डॉ. चरणदास महंत ने प्रदेश की जनता से अपील करते हुए कहा कि राजभाषा व्यक्तित्व की पहचान कराती है .आप सभी से निवेदन करता हूं कि अपने राज्य की भाषा का उच्चारण परिवार में, समाज में, सार्वजनिक जीवन में अधिक से अधिक करें. आप सभी को राजभाषा दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं.
क्या है छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग विधेयक : आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग विधेयक को 28 नवंबर 2007 को पारित किया गया था. विधेयक के पास होने के बाद हर साल 28 नवंबर को राजभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस राजभाषा का प्रकाशन 11 जुलाई 2008 को राजपत्र में किया गया था. इस आयोग का कार्य 14 अगस्त 2008 से शुरु हुआ. छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के प्रथम सचिव पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे थे.
राजभाषा आयोग का उद्देश्य : राजभाषा आयोग के तीन उद्देश्य हैं.
पहला - राजभाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्जा दिलाना
दूसरा - छत्तीसगढ़ी भाषा को राजकाज की भाषा में उपयोग में लाना
तीसरा - 13वें भाषा के रूप में शामिल पाठ्यक्रम में शामिल करना