रायपुर: छत्तीसगढ़ नागरिक अधिकार समिति ने मंगलवार को अमित जोगी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा है. समिति ने मांग की है कि प्रदेश सरकार इस विधानसभा सत्र में चिटफंड कंपनियों के निवेशकों की रकम वापसी के कार्यक्रम की समयबद्ध घोषणा करे. समिति के सदस्यों का कहना है कि इस मामले को यदि और टाला गया, तो इसका खामियाजा प्रदेश के 20 लाख निवेशकों को भुगतना पड़ेगा. छत्तीसगढ़ नागरिक अधिकार समिति के प्रदेश अध्यक्ष शुभम साहू ने जानकारी दी कि, इस मुद्दे को विधानसभा सत्र में जोरदार तरीके से उठाए जाने की अपील की जा रही है.
अमित जोगी ने इस मुद्दे को अपनी पार्टी के विधायकों की ओर से विधानसभा में उठाने का आश्वासन दिया. ज्ञापन के जरिए समिति की ओर से जानकारी दी गई है कि, कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों के दौरान जन घोषणापत्र में निवेशकों की पाई पाई चुकाने का वादा किया था. लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. सारे प्रकरण को लंबी कानूनी कार्रवाई में उलझा दिया गया है.
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20 लाख निवेशक हो रहे परेशान
जिला न्यायालयों में प्रकरण की सुनवाई लंबित है. ऐसी स्थिति में 50 हजार करोड़ का भुगतान की आस लगाए बैठे 20 लाख निवेशक परेशान हैं. छत्तीसगढ़ नागरिक अधिकार समिति ने राशि के भुगतान के लिए ठोस और समयबद्ध कार्यक्रम प्रस्तुत करने, विशेष फंड की घोषणा करने, जिला स्तर पर गठित विशेष न्यायालयों की कार्यवाही 8 महीने में पूरा करने और सभी चिटफंड कंपनी संचालकों की गिरफ्तारी की मांग की है. साथ ही सरकार को आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
समिति के सदस्य रहे मौजूद
ज्ञापन देने वालों में शुभम साहू, हेमलाल पटेल, लोचन साहू, गोपी निषाद, अरविंद राव, जितेंद्र नेताम, विकास तंबोली, मनीष पटेल, इंद्रदेव यदु, प्रमोद देवांगन, ओमप्रकाश साहू, दुष्यंत साहू, दुर्गेश साहू शामिल थे.