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SPECIAL: Lockdown में होटल इंडस्ट्री को नहीं मिली राहत, मंदी के दौर से गुजर रहा उद्योग

होटल उद्योग पर Lockdown की जबरदस्त मार पड़ी है. होटल उद्योग में रेस्टॉरेंट और लॉज दोनों शामिल हैं. होटलों के 3 महीने तक बंद रहने के कारण इस उद्योग को करोड़ों रुपए का नुकसान सहना पड़ रहा है, साथ ही इस उद्योग से जुड़े अन्य क्षेत्र भी प्रभावित हो रहे हैं.

Hotel industry did not get relief
होटल उद्योग को नहीं मिली राहत
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Published : Jun 18, 2020, 8:41 AM IST

रायपुर: कोरोना वायरस और लॉकडाउन का प्रभाव हर क्षेत्र पर पड़ा है. पिछले 3 महीने से प्रदेश में होटल उद्योग बंद पड़े हैं. जिस कारण होटल संचालक परेशान हैं. प्रदेश में अब तक होटलों को शुरू करने की इजाजत नहीं मिल सकी है. ऐसे में होटल उद्योग ठप पड़े हैं. संचालक लगातार घाटे में जा रहे हैं.

होटल उद्योग पर लॉकडाउन का बहुत बुरा असर पड़ा है. होटल इंडस्ट्री में रेस्टॉरेंट और लॉज दोनों शामिल हैं. होटलों के 3 महीने से बंद होने के कारण इस उद्योग को करोड़ों रुपए का नुकसान सहना पड़ रहा है, साथ ही इस उद्योग से जुड़े अन्य क्षेत्र भी प्रभावित हो रहे हैं.

होटल उद्योग को नहीं मिली राहत

प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान लगभग साढ़े चार हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है. होटल उद्योग में 1 साल में लगभग 12 हजार करोड़ का कारोबार होता है. प्रदेश में 1200 छोटे-बड़े होटल हैं, 6000 से ज्यादा रेस्टॉरेंट और ढाबे हैं, जो लॉकडाउन में बंद हैं और अब तक इसे खोलने की इजाजत नहीं मिल सकी है.

रोजगार पर प्रभाव

होटलों में काम करने वाले छोटे-बड़े करीब 9 लाख कर्मचारी हैं, जिनके हाथ लगभग 3 महीने से खाली हैं. यहां काम करने वाले वेटर, बावर्ची, सफाईकर्मी, अटेंडर, गार्ड जैसे सभी लोगों के रोजगार छिन चुके हैं. बिना आमदनी के कई होटलों ने इन्हें एक महीने की सैलरी दी भी, लेकिन आगे ऐसा संभव नहीं हो सका. लिहाजा आज इन लोगों को ये काम छोड़ना पड़ रहा है.

पढ़ें: 3 दिन बाद भी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाया घायल गजराज, इलाज में जुटा प्रशासन

अन्य क्षेत्रों पर भी प्रभाव

होटल उद्योग के बंद होने के बाद से अन्य क्षेत्रों पर भी इसका असर पड़ रहा है. पॉल्ट्री, डेयरी, इंटीरियर और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र के कारोबारी परेशान हैं. इन सभी की सप्लाई चेन प्रभावित हुई है. इन क्षेत्रों में होटल उद्योग के बंद होने का व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है.

सरकार को नुकसान

होटल संचालकों का मानना है कि होटल उद्योग से सरकार को बड़ी मात्रा में राजस्व मिलता है, लेकिन लगभग 3 महीने से होटल उद्योग बंद पड़े हुए हैं, जिसके कारण सरकार को भी राजस्व घाटा हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह आने वाले महीनों में भी होटलों को खोलने की अनुमति नहीं मिली, तो प्रदेश में अधिकांश होटल और रेस्टॉरेंट बंद हो जाएंगे.

सरकार से गुहार

होटल संचालकों ने सरकार से गुहार लगाई है कि जितनी जल्दी हो सके, उन्हें उनका व्यापार करने की इजाजत दें, साथ ही सरकार से उन्हें राहत पैकेज की भी उम्मीद है, ताकि सभी लोगों को दोबारा रोजगार मिल सके और होटल उद्योग दोबारा पटरी पर आ सके.

रायपुर: कोरोना वायरस और लॉकडाउन का प्रभाव हर क्षेत्र पर पड़ा है. पिछले 3 महीने से प्रदेश में होटल उद्योग बंद पड़े हैं. जिस कारण होटल संचालक परेशान हैं. प्रदेश में अब तक होटलों को शुरू करने की इजाजत नहीं मिल सकी है. ऐसे में होटल उद्योग ठप पड़े हैं. संचालक लगातार घाटे में जा रहे हैं.

होटल उद्योग पर लॉकडाउन का बहुत बुरा असर पड़ा है. होटल इंडस्ट्री में रेस्टॉरेंट और लॉज दोनों शामिल हैं. होटलों के 3 महीने से बंद होने के कारण इस उद्योग को करोड़ों रुपए का नुकसान सहना पड़ रहा है, साथ ही इस उद्योग से जुड़े अन्य क्षेत्र भी प्रभावित हो रहे हैं.

होटल उद्योग को नहीं मिली राहत

प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान लगभग साढ़े चार हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है. होटल उद्योग में 1 साल में लगभग 12 हजार करोड़ का कारोबार होता है. प्रदेश में 1200 छोटे-बड़े होटल हैं, 6000 से ज्यादा रेस्टॉरेंट और ढाबे हैं, जो लॉकडाउन में बंद हैं और अब तक इसे खोलने की इजाजत नहीं मिल सकी है.

रोजगार पर प्रभाव

होटलों में काम करने वाले छोटे-बड़े करीब 9 लाख कर्मचारी हैं, जिनके हाथ लगभग 3 महीने से खाली हैं. यहां काम करने वाले वेटर, बावर्ची, सफाईकर्मी, अटेंडर, गार्ड जैसे सभी लोगों के रोजगार छिन चुके हैं. बिना आमदनी के कई होटलों ने इन्हें एक महीने की सैलरी दी भी, लेकिन आगे ऐसा संभव नहीं हो सका. लिहाजा आज इन लोगों को ये काम छोड़ना पड़ रहा है.

पढ़ें: 3 दिन बाद भी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाया घायल गजराज, इलाज में जुटा प्रशासन

अन्य क्षेत्रों पर भी प्रभाव

होटल उद्योग के बंद होने के बाद से अन्य क्षेत्रों पर भी इसका असर पड़ रहा है. पॉल्ट्री, डेयरी, इंटीरियर और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र के कारोबारी परेशान हैं. इन सभी की सप्लाई चेन प्रभावित हुई है. इन क्षेत्रों में होटल उद्योग के बंद होने का व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है.

सरकार को नुकसान

होटल संचालकों का मानना है कि होटल उद्योग से सरकार को बड़ी मात्रा में राजस्व मिलता है, लेकिन लगभग 3 महीने से होटल उद्योग बंद पड़े हुए हैं, जिसके कारण सरकार को भी राजस्व घाटा हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह आने वाले महीनों में भी होटलों को खोलने की अनुमति नहीं मिली, तो प्रदेश में अधिकांश होटल और रेस्टॉरेंट बंद हो जाएंगे.

सरकार से गुहार

होटल संचालकों ने सरकार से गुहार लगाई है कि जितनी जल्दी हो सके, उन्हें उनका व्यापार करने की इजाजत दें, साथ ही सरकार से उन्हें राहत पैकेज की भी उम्मीद है, ताकि सभी लोगों को दोबारा रोजगार मिल सके और होटल उद्योग दोबारा पटरी पर आ सके.

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