रायपुर: राजधानी रायपुर में गुरुवार को छत्तीसगढ़ ग्रंथपाल बेरोजगार संघ ने स्कूलों में ग्रंथपाल के पदों पर भर्ती को लेकर प्रदर्शन किया. प्रदेश भर में लगभग 1 लाख 80 हजार ऐसे बेरोजगार हैं, जो पिछले 5 सालों से ग्रंथपाल की बैचलर और मास्टर डिग्री लेकर बैठे हुए हैं. लेकिन पूरे प्रदेश में साल 2013 के बाद से ग्रंथपाल की भर्ती प्रक्रिया प्रदेश में नहीं हो पाई है. उसके बाद से छत्तीसगढ़ बेरोजगार संघ आक्रोशित है. कई बार मंत्री और विधायकों से मुलाकात की, लेकिन भर्ती प्रक्रिया निकाले जाने को लेकर मंत्रियों ने केवल आश्वासन ही दिया. Raipur latest news
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हिंदी मीडियम स्कूलों में ग्रंथपाल की भर्ती प्रक्रिया पर रोक: ग्रन्थपाल बेरोजगार संघ ने बेरोजगारी को लेकर अपनी व्यथा को मिमिक्री के माध्यम से भी व्यक्त किया. प्रदेश के कई स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में ग्रंथपाल के लिए भर्ती प्रक्रिया निकाली जा रही है. लेकिन हिंदी मीडियम स्कूलों में ग्रंथपाल की भर्ती प्रक्रिया पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है.
साल 2013 के बाद नहीं निकाली भर्ती: ग्रंथपाल की बैचलर डिग्री और मास्टर डिग्री की पढ़ाई पूरी कर चुके बेरोजगारों का कहना है कि "छत्तीसगढ़ बनने के बाद साल 2013 में सरकार ने ग्रंथपाल के लिए स्कूलों में 336 पदों के लिए ही भर्ती प्रक्रिया निकाली थी. उसके बाद से आज तक पूरे प्रदेश में अब तक हिंदी मीडियम के स्कूलों में ग्रंथपाल के लिए किसी तरह की कोई वैकेंसी नहीं निकाली है.
बेरोजगारों में सरकार के खिलाफ नाराजगी: ग्रंथपाल की बैचलर और मास्टर डिग्री की पढ़ाई पूरी कर चुके बेरोजगारों में सरकार के खिलाफ नाराजगी है. प्रदेश में कई ऐसे लोग हैं, जो बेरोजगारी के कारण आत्महत्या भी कर चुके हैं. कई लोगों की उम्र की सीमा भी पार हो चुकी है, जो अब ग्रंथपाल के लिए आवेदन भी नहीं कर सकते."