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world health day: इस बच्ची को है इक्थियोसिस एस्टीरिक्स बीमारी, हाथ पैर पर लग रहा दीमक

छत्तीसगढ़ में 12 साल की बच्ची को इक्थियोसिस एस्टीरिक्स बीमारी है. बच्ची का इलाज रायपुर के मेकाहारा में चल रहा है. बच्ची के हाथ पैर पर छाले पड़ गए हैं. इतना ही नहीं बच्ची के हाथ पैर पर दीमक लगने से बच्ची और भी कमजोर हो गई है. अभिनेता सोनू सूद भी इस बच्ची के इलाज के लिए पहल कर चुके हैं.

raipur world health day
हाथ पैर पर लग रहा दीमक
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Published : Apr 7, 2023, 5:32 AM IST

Updated : Apr 7, 2023, 7:32 PM IST

इक्थियोसिस एस्टीरिक्स बीमारी

रायपुर: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के फरसगांव में एक 12 साल की बच्ची गंभीर बीमारी इक्थियोसिस एस्टीरिक्स से जूझ रही है. इस बच्ची के हाथ पैर पेड़ के छाल के समान हो गए हैं. इसके हाथ पैर पर दीमक लग गया है. बच्ची का नाम जागेश्वरी है. ये बच्ची जब भी चलती है, झुक कर चलती है. ये सीधा नहीं चल पाती. यह बीमारी जींस में म्यूटेशन की खराबी के कारण होती है. राजधानी रायपुर के मेकाहारा में बच्ची भर्ती है, यहां बच्ची का इलाज किया जा रहा है.

बच्ची के पिता की हो चुकी है मौत: जागेश्वरी एक आदिवासी बच्ची है. ये सिर्फ गोंडी भाषा बोल पाती है. जागेश्वरी के पिता की मौत हो चुकी है. दो बहन और एक भाई है. घर में उसकी मां है. उसके बड़े पापा के परिवार वाले ही उन लोगों की देखभाल करते हैं.

हालात में कोई सुधार नहीं: नवंबर 2022 में भी जागेश्वरी को जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. उस समय भी जागेश्वरी की हालत ऐसी ही थी. इतने समय बीतने के बावजूद बच्ची के हालत में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा. बच्ची की हालत दिन ब दिन और भी खराब होती जा रही है.

बच्ची को जनरल वार्ड से किया गया शिफ्ट: जागेश्वरी के बेहतर इलाज में डॉक्टर लगे हुए हैं. सुबह-शाम डॉक्टर बच्ची का चेकअप करते हैं. अब बच्ची को जनरल वार्ड से हटाकर पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है.

Kawardha accident खड़ी ट्रक से बाइक टकराई, 2 की मौत 1 की हालत गंभीर

सोनू सूद ने भी दी थी सांत्वना: फिल्म जगत के जाने-माने अभिनेता सोनू सूद ने भी जागेश्वरी कि इस बीमारी को लेकर ट्वीट किया था. ट्वीट करते हुए सोनू सूद ने लिखा था कि चलो कोशिश करते हैं. ऊपर वाला है ना.

कोरोना के कारण नहीं हुआ बेहतर इलाज: जागेश्वरी के भाई रतन कड़की ने बताया कि" इससे पहले कोरोनाकाल के समय जागेश्वरी को रायपुर लाकर इलाज कराया गया था. लेकिन कोरोना के कारण इसका इलाज ज्यादा अच्छे से नहीं हो पाया था. जिस वजह से इसकी बीमारी और भी बढ़ गई. अब दोबारा इसे रायपुर लाकर इलाज कराया जा रहा है. जागेश्वरी खाना-पीना, नहाना सब कर लेती है. लेकिन चलने में इसे काफी दिक्कत होने लगी है. यही कारण है कि इसे रायपुर में भर्ती कराए हैं. जागेश्वरी सिर्फ गोंडी भाषा समझती और बोलती है. उसे हिन्दी नहीं आती."

स्किन स्पेशलिस्ट डॉ भरत सिंघानिया

क्या कहते हैं स्किन स्पेशलिस्ट: स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. भरत सिंघानिया ने कहा, " इक्थियोसिस एस्टीरिक्स बीमारी को जनरल भाषा में ड्राइनेस कहा जा सकता है. इस बीमारी में स्किन हल्की-हल्की ड्राई होने लगती है. एक परत छोड़ने लगती है. ये कई तरह का होता है. कभी कभी ऐसी बीमारी वालों को मोटी-मोटी लेयर स्किन पर जमा होने लगती है. यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो इससे काफी नुकसान हो सकता है. पीड़ित इस बीमारी में काफी असहज महसूस करता है. उसे चलने-फिरने और खाने में दिक्कतें होती है. शुरुआत अवस्था में इसे मॉइश्चराइजर लगा कर ठीक किया जा सकता है."

इक्थियोसिस एस्टीरिक्स बीमारी

रायपुर: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के फरसगांव में एक 12 साल की बच्ची गंभीर बीमारी इक्थियोसिस एस्टीरिक्स से जूझ रही है. इस बच्ची के हाथ पैर पेड़ के छाल के समान हो गए हैं. इसके हाथ पैर पर दीमक लग गया है. बच्ची का नाम जागेश्वरी है. ये बच्ची जब भी चलती है, झुक कर चलती है. ये सीधा नहीं चल पाती. यह बीमारी जींस में म्यूटेशन की खराबी के कारण होती है. राजधानी रायपुर के मेकाहारा में बच्ची भर्ती है, यहां बच्ची का इलाज किया जा रहा है.

बच्ची के पिता की हो चुकी है मौत: जागेश्वरी एक आदिवासी बच्ची है. ये सिर्फ गोंडी भाषा बोल पाती है. जागेश्वरी के पिता की मौत हो चुकी है. दो बहन और एक भाई है. घर में उसकी मां है. उसके बड़े पापा के परिवार वाले ही उन लोगों की देखभाल करते हैं.

हालात में कोई सुधार नहीं: नवंबर 2022 में भी जागेश्वरी को जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. उस समय भी जागेश्वरी की हालत ऐसी ही थी. इतने समय बीतने के बावजूद बच्ची के हालत में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा. बच्ची की हालत दिन ब दिन और भी खराब होती जा रही है.

बच्ची को जनरल वार्ड से किया गया शिफ्ट: जागेश्वरी के बेहतर इलाज में डॉक्टर लगे हुए हैं. सुबह-शाम डॉक्टर बच्ची का चेकअप करते हैं. अब बच्ची को जनरल वार्ड से हटाकर पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है.

Kawardha accident खड़ी ट्रक से बाइक टकराई, 2 की मौत 1 की हालत गंभीर

सोनू सूद ने भी दी थी सांत्वना: फिल्म जगत के जाने-माने अभिनेता सोनू सूद ने भी जागेश्वरी कि इस बीमारी को लेकर ट्वीट किया था. ट्वीट करते हुए सोनू सूद ने लिखा था कि चलो कोशिश करते हैं. ऊपर वाला है ना.

कोरोना के कारण नहीं हुआ बेहतर इलाज: जागेश्वरी के भाई रतन कड़की ने बताया कि" इससे पहले कोरोनाकाल के समय जागेश्वरी को रायपुर लाकर इलाज कराया गया था. लेकिन कोरोना के कारण इसका इलाज ज्यादा अच्छे से नहीं हो पाया था. जिस वजह से इसकी बीमारी और भी बढ़ गई. अब दोबारा इसे रायपुर लाकर इलाज कराया जा रहा है. जागेश्वरी खाना-पीना, नहाना सब कर लेती है. लेकिन चलने में इसे काफी दिक्कत होने लगी है. यही कारण है कि इसे रायपुर में भर्ती कराए हैं. जागेश्वरी सिर्फ गोंडी भाषा समझती और बोलती है. उसे हिन्दी नहीं आती."

स्किन स्पेशलिस्ट डॉ भरत सिंघानिया

क्या कहते हैं स्किन स्पेशलिस्ट: स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. भरत सिंघानिया ने कहा, " इक्थियोसिस एस्टीरिक्स बीमारी को जनरल भाषा में ड्राइनेस कहा जा सकता है. इस बीमारी में स्किन हल्की-हल्की ड्राई होने लगती है. एक परत छोड़ने लगती है. ये कई तरह का होता है. कभी कभी ऐसी बीमारी वालों को मोटी-मोटी लेयर स्किन पर जमा होने लगती है. यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो इससे काफी नुकसान हो सकता है. पीड़ित इस बीमारी में काफी असहज महसूस करता है. उसे चलने-फिरने और खाने में दिक्कतें होती है. शुरुआत अवस्था में इसे मॉइश्चराइजर लगा कर ठीक किया जा सकता है."

Last Updated : Apr 7, 2023, 7:32 PM IST
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