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अजीत जोगी: ग्वालियर में बतौर IAS हुई थी पहली पोस्टिंग

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम अजीत जोगी का शुक्रवार को निधन हो गया, ग्वालियर अंचल से उनका महज इतना रिश्ता था कि उन्होंने बतौर आईएएस पहली पोस्टिंग के लिए ग्वालियर को चुना था और अपर कलेक्टर के तौर पर यहीं से नौकरी की शुरुआत की थी.

ajit jogi passed away
नहीं रहे अजीत जोगी
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Published : May 29, 2020, 7:27 PM IST

ग्वालियर: पूर्व नौकरशाह, कद्दावर राजनीतिज्ञ और छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी का आज दोपहर निधन हो गया. अजीत जोगी नौकरशाही में संवेदनशील परंपरा के अफसर थे, जो सियासत में सामाजिक यांत्रिकी को मजबूत करने वाले नेता बनकर उभरे थे. उनकी ये तकनीक इतनी कारगर हुई कि अर्जुन सिंह के सशक्त सियासी कुनबे में अपना वजूद बनाने में वे कामयाब रहे, जबकि उनके कुनबे में पहले से ही दिग्विजय सिंह और सुभाष यादव जैसे दिग्गज नेता मौजूद थे.

अजीत जोगी ने बतौर IAS पहली पोस्टिंग के लिए ग्वालियर को चुना था

इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि छत्तीसगढ़ में पैदा हुए अजीत जोगी का ग्वालियर अंचल से महज इतना रिश्ता था कि वे अपने प्रोबेशन काल में प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी के तौर पर कुछ महीनों तक वहां पदस्थ रहे. सन 1972-73 में अजीत जोगी ने भविष्य में जनता की जिम्मेदारियों को समझने के लिए पहली पोस्टिंग के लिए ग्वालियर को चुना था.

पढ़ें-अजीत जोगी: जिसके बिना छत्तीसगढ़ की राजनीति का जिक्र पूरा नहीं होगा...

वे बतौर आईएएस ग्वालियर में अपर कलेक्टर बने. अजीत जोगी की अपर कलेक्टर के तौर पर ये पहली पोस्टिंग थी. छात्र नेता रहे केशव पांडे बताते हैं कि अजीत जोगी एक तेजतर्रार IAS ऑफिसर थे. उनकी कार्यशैली और जनता की परेशानियों की समझ लोगों को काफी पसंद थी.

ग्वालियर: पूर्व नौकरशाह, कद्दावर राजनीतिज्ञ और छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी का आज दोपहर निधन हो गया. अजीत जोगी नौकरशाही में संवेदनशील परंपरा के अफसर थे, जो सियासत में सामाजिक यांत्रिकी को मजबूत करने वाले नेता बनकर उभरे थे. उनकी ये तकनीक इतनी कारगर हुई कि अर्जुन सिंह के सशक्त सियासी कुनबे में अपना वजूद बनाने में वे कामयाब रहे, जबकि उनके कुनबे में पहले से ही दिग्विजय सिंह और सुभाष यादव जैसे दिग्गज नेता मौजूद थे.

अजीत जोगी ने बतौर IAS पहली पोस्टिंग के लिए ग्वालियर को चुना था

इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि छत्तीसगढ़ में पैदा हुए अजीत जोगी का ग्वालियर अंचल से महज इतना रिश्ता था कि वे अपने प्रोबेशन काल में प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी के तौर पर कुछ महीनों तक वहां पदस्थ रहे. सन 1972-73 में अजीत जोगी ने भविष्य में जनता की जिम्मेदारियों को समझने के लिए पहली पोस्टिंग के लिए ग्वालियर को चुना था.

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वे बतौर आईएएस ग्वालियर में अपर कलेक्टर बने. अजीत जोगी की अपर कलेक्टर के तौर पर ये पहली पोस्टिंग थी. छात्र नेता रहे केशव पांडे बताते हैं कि अजीत जोगी एक तेजतर्रार IAS ऑफिसर थे. उनकी कार्यशैली और जनता की परेशानियों की समझ लोगों को काफी पसंद थी.

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